गुलाब सा खिला चेहरा
गुलाब को फूलों का फूल कहा जाता है। रंग और खूबसूरती के साथ-साथ खुशबू का मेल उसे बेजोड़ बना देता है। दिखने में बेहद खूबसूरत गुलाब के फूल की हर पंखुड़ी में अनगिनत गुण समाए हुए हैं। त्वचा को सुंदर बनाने से लेकर शरीर को चुस्त-दुरुस्त और तंदुरुस्त रखने में गुलाब बहुत उपयोगी है।
गुलाब की पत्तियों में विटामिन ई और के होता है, जो स्किन और हैल्थ के लिए बेहद मुफीद है। यानी गुलाब स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों के लिए अच्छा टॉनिक है। गर्मियों में त्वचा डल और बेजान हो जाती है। ऐसे में गुलाब जल लगातार लगाने से कई त्वचा संबंधी तरह की समस्याएं खत्म हो जाती हैं और आपका चेहरा गुलाब-सा खिल उठता है। पुरुष इसे आफ्टर शेव के रूप में भी प्रयोग कर सकते हैं।
गुलाब से बन जाएं गुलाबी-गुलाबी
सौन्दर्य निखारने के लिए सदियों से गुलाब का इस्तेमाल हो रहा है। गुलाब की पंखुडिय़ों का इस्तेमाल लोशन, क्रीम और फेसपैक बनाने के लिए किया जाता है, जो स्किन को सेहतमंद बनाए रखने में मदद करते हैं। गुलाब के फूलों की पत्तियां त्वचा को पोषण प्रदान करती हैं, त्वचा के रोम-रोम को सुगंधित बनाती हैं, ठंडक प्रदान करती हैं जिससे स्किन हरदम फ्रैश बनी रहती है।
- गर्मियों में गुलाब के फूलों का रस चेहरे पर मलने से चेहरे पर ठंडी-ठंडी ताजगी बनी रहती है।
- अगर आपकी त्वचा शुष्क है, तो अपनी त्वचा पर चंदन पाउडर में गुलाब जल मिला कर लगाएं। त्वचा मुलायम होगी और पिंपल्स से भी निजात मिलेगी। मुहांसों के पुराने दागों पर नियमित गुलाब जल में शहद मिला कर लगाएं। दाग दूर हो जाएंगे।
- होंठों के सौंदर्य और कोमलता बरकरार रखने के लिए गुलाब की हरी पत्तियों में थोड़ा दूध मिलाकर अच्छी तरह से बारीक पीस लें। इस पेस्ट को होंठों पर और चेहरे पर भी लगाएं। इससे होंठों पर निखार आ जाएगा और चेहरे की रंगत भी काबिले तारीफ हो जाएगी। गुलाब की पत्तियों को पीसकर, उसके रस को ग्लिसरीन में मिला कर, ड्राई व कटे-फटे होठों पर लगाने से होंठ गुलाबी और चमकदार हो जाते हैं।
- गुलाब जल एक सर्वश्रेष्ठ टोनर भी है। यह एक प्राकृतिक अस्ट्रिंजंट है इसलिए यह टोनर के रूप में प्रयोग किया जाता है। रोजाना रात को गुलाब जल को रूई के फाहे में लेकर चेहरे पर लगाएं और देखें कि आपकी त्वचा कुछ ही दिनों में टाइट हो जाएगी और झुर्रियां चली जाएंगी।
- कहा जाता है कि यदि आप कहीं तेज़ धूप में निकल रही हों तो त्वचा पर गुलाब जल छिड़कने से धूप का असर नहीं पड़ता। गुलाब जल एक कीटाणुनाशक भी है। इसके प्रयोग से छोटे-छोटे कीटाणुओं का नाश हो जाता है। इसको लगाने से धूप की वजह से होने वाले नुक्सानों से बचा जा सकता है। लंबे समय तक तेज धूप में रहने की वजह से त्वचा में कालापन आने लगता है। रोज सुबह चेहरा धोने के बाद एक चम्मच गुलाब जल में नींबू की कुछ बूंदें मिला कर हल्के हाथों से लगाएं और फिर चेहरा धो लें। इससे त्वचा का कालापन कम हो जाएगा।
- गुलाब जल में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसकी वजह से आपके चेहरे के बंद पोर्स साफ हो जाएंगे। इन पोर्स में तेल और गंदगी छुपी रहती है जिसकी वजह से चेहरे पर कील और मुंहासे हो जाते हैं। गुलाब जल लगाने से चेहरा की त्वचा स्वस्थ और चमकदार बन जाती है।
- एक शीशी में ग्लिसरीन, नींबू का रस और गुलाब जल को बराबर मात्रा में मिला लें। दो बूंद चेहरे पर मलें। स्किन में नमी और चमक बनी रहेगी और स्किन मखमली-मुलायम बन जाएगी।
- गुलाब की पंखुडिय़ां खुरदुरी, रूखी त्वचा को मुलायम बनाती हैं और खुले हुए रोमछिद्रों को बंद करती हैं।
- गुलाब के दो फूलों को पीसकर, आधा प्याले कच्चे दूध में 30 मिनट तक भिगोएं, फिर इस लेप को आहिस्ता-आहिस्ता त्वचा पर मलें, सूखने पर ठंडे पानी से स्नान कर लें। त्वचा नर्म, मुलायम और गुलाबी आभायुक्त दिखाई देगी।
- हाथों-पैरों या शरीर में जलन होने पर चंदन के पाउडर में गुलाब जल मिलाकर जलन वाले स्थान पर लेप करें। थोड़ी देर में जलन शांत हो जाएगी।
सेहत का खजाना गुलाब
गुलाब औषधीय गुणों की खान है। गुलाब में विटामिन ए, बी 3, सी, डी और ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कैल्शियम, जिंक और आयरन की भी मात्रा काफी होती है। गुलाब का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रयोग होता है।
- सुबह-सबेरे अगर खाली पेट गुलाबी गुलाब की दो कच्ची पंखुडिय़ां खा ली जाएं, तो दिन भर ताजगी बनी रहती है। वह इसलिए क्योंकि गुलाब बेहद अच्छा ब्लड प्यूरिफायर है।
- अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, ब्रोंकाइटिस, डायरिया, कफ, फीवर, हाजमे की गड़बड़ी में गुलाब का सेवन बेहद उपयोगी होता है।
- पेट दर्द, यूरीन से जुड़ी दिक्कतों में भी गुलाब की पंखुडिय़ों का पानी कारगर साबित होता है।
- गुलाब की पंखुडिय़ों का इस्तेमाल चाय बनाने में भी होता है। इससे शरीर में जमा अतिरिक्त टॉक्सिन निकल जाता है।
- पंखुडिय़ों को उबाल कर इसका पानी ठंडा कर पीने पर तनाव से राहत मिलती है और मांसपेशियों की अकडऩ दूर होती है।
- गुलकंद का हररोज सेवन करने से जोड़ों व हड्डियों में शक्ति और लचक बनी रहती है।
- गुलाब के फूल का प्रतिदिन सेवन करने से क्षय रोग जैसे टीबी से रोगी शीघ्रता से आराम पाता है।
- गुलाब के फूल की पंखुडिय़ों से मसूढ़े तथा दांत मजबूत होते हैं। दोंतों की बदबू दूर होती है तथा पायरिया रोग से भी निजात पाई जा सकती है।
- गुलाब आमाशय, आंत और यकृत की कमजोरी दूर करके इनमें शक्ति का संचार करने में सक्षम है।
- गर्मी के दिनों में घबराहट, बेचैनी के साथ जब दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं, तब गुलाब को प्रात: चबाकर खाने से आराम मिलता है।
- आंखों में गर्मी के कारण जलन हो या धूल मिट्टी से आंखों में तकलीफ हो तो गुलाबजल से आंखें धोने से आराम मिलता है। रतौंधी नामक नेत्र रोग में भी गुलाब जल फायदेमंद है।
- चेचक के रोगी के बिस्तर पर गुलाब की पंखुडियों का सूखा चूर्ण डालने से जख्मों को ठंडक मिलती है और वे सूख जाते हैं।
- सिरदर्द से परेशान लोग जो रोजाना पेनकिलर लेकर काम चलाते हैं वे फ्रिज में रखे एकदम ठंडे गुलाबजल में भीगे कपड़े या रूई को 40-45 मिनट तक सिर पर रखें। काफी आराम मिलेगा। गर्मी के दिनों में गुलाब को पीस कर लेप बना कर माथे पर लगाने से सिर दर्द से राहत मिल जाती है।
- गर्मियों में भोजन के बाद पान में गुलकंद डलवाकर खाने से खाना हजम हो जाता है।
गुलकंद की मिठास
गुलकंद को नियमित खाने पर पित्त के दोष दूर होते हैं तथा इससे कफ में भी राहत मिलती है। गुलकंद हाजमा दुरुस्त रखता है, आलस्य दूर करता है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और कब्ज को भी दूर करता है। सुबह-शाम एक-एक चम्मच गुलकंद खाने पर मसूढ़ों में सूजन या खून आने की समस्या दूर हो जाती है। पीरियड के दौरान गुलकंद खाने से पेट दर्द में आराम मिलता है। मुंह का अल्सर दूर करने के लिए भी गुलकंद खाना फायदेमंद होता है।
इस तरह बनाएं गुलकंद : ताजे गुलाब की पंखुडिय़ों को अच्छी तरह से धोकर पानी निथार लें। जितनी मात्र में पंखुडिय़ां हैं, उतनी मात्र में मिश्री या मोटी चीनी लें। अच्छी तरह मिला कर एक शीशे के जार में रखें। दस दिन तक लगातार धूप दिखाएं। गुलकंद तैयार है।
इस तरह बनाएं गुलकंद : ताजे गुलाब की पंखुडिय़ों को अच्छी तरह से धोकर पानी निथार लें। जितनी मात्र में पंखुडिय़ां हैं, उतनी मात्र में मिश्री या मोटी चीनी लें। अच्छी तरह मिला कर एक शीशे के जार में रखें। दस दिन तक लगातार धूप दिखाएं। गुलकंद तैयार है।
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