Monday, June 19, 2017

इन 5 एथनिक फैशन ट्रेंड्स को जरूर करें ट्राई ...

एलिगेंट एंड ग्रेसफुल एथनिक वियर से पाएं ग्लैमरस लुक

भारतीय संस्कृति में लाल रंग शुभ माना जाता है। लाल रंग ग्लैमरस लुक देता है, हर स्किन टोन पर अच्छा लगता है और एलिगेंट लुक भी देता है। शादी या फंक्शन में रेड कलर में बहुत से एथनिक वियर आप कैरी कर सकती हैं:

क्रॉप टॉप और एथनिक स्कर्ट: 

यह आउटफिट आजकल फैशन ट्रेंड में है। अगर आप किसी शादी या फंक्शन में जाने की तैयारी कर रही हैं तो इस बार अपने लिए क्रॉप टॉप के साथ लहंगा कट स्कर्ट ट्राई करें। एलिगेंस और ग्रेस से भरी यह ड्रेस आपकी सुंदरता में निखार लाएगी। यकीन मानिए, आपकी तारीफों का अम्बार लग जाएगा।

यह फैशन ट्रेंड काफी सहज है। अगर आप हैवी लहंगा नहीं कैरी करना चाहती हैं, तो इस स्टाइल को कैरी कर सकती हैं। रेड क्रॉप टॉप और एथनिक स्कर्ट आपको फंक्शन में सबसे अलग लुक देगा। रेड कलर हर स्किन टोन को सूट करता है। आप चाहें तो किसी पार्टी में प्रिंटिड स्कर्ट के साथ क्रॉप टॉप पहन सकती हैं। ख्याल रखें आपके टॉप या स्कर्ट में से कोई एक ही भड़कीला हो। अगर आपको अपना वज़न छुपाना है, तो प्लेन क्रॉप टॉप के साथ गहरे रंग की हेवी डिजाइन वाली स्ट्रेट-कट लॉन्ग स्कर्ट पहनें।

साड़ी: 

फंक्शंस और वेडिंग्स में आउटफिट बहुत मैटर करता है। एेसे मौकों पर एथनिक वियर ही अच्छे लगते हैं और इनमें भी बेस्ट है साड़ी। यह कभी आउट ऑफ फैशन नहीं होती। साड़ी सभी पर खूब फबती भी है। साड़ी का ग्लैमर कभी कम नहीं हुआ। यह ट्रडिशनल के साथ नए लुक में भी सामने आ रही है। बस साड़ी पहनने का हल्का-सा अंदाज बदलने से ही एक नया स्टाइल पा सकते हैं।

साड़ी सबसे वर्सटाइल है। स्टाइलिश और एथनिक दोनों ही तरह के लुक देने के लिए यह सबसे बेस्ट अॉप्शन है। यह फॉर्मल होने के साथ-साथ आपकी लुक को भी स्पैशल बनाती है। रेड कलर की साड़ी में आप बेहद आकर्षक नजर आएंगी। यह एकदम से आपके आम से दिखने वाले लुक को ग्लैम लुक में बदल देगी। स्टेटमेंट नेकपीस के साथ लुक को तैयार करें। चमकीले बड़े ईयरिंग्स भी इस लुक पर जंचेंगे।

एथनिक गाउन:  

एथनिक गाउन इन दिनों काफी ट्रेंड में है। शादी और फंक्शंस में इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। इन दिनों हैवी गाउन के साथ दुपट्टा कैरी करने का ट्रेंड काफी पॉपुलर है। बॉडी फिटेड गाउन आपको मॉडर्न लुक देता है, वहीं मैचिंग दुपट्टा आपको ट्रडिशनल के साथ एलिगेंट लुक भी देता है। इसे पहनने के बाद आपका का लुक काफी स्टाइलिश दिखता है। रेड कलर का एथनिक गाउन आपको रॉयल लुक देगा।

अगर आप साड़ी लुक चाहती हैं तो इसमें फ्यूजन का तड़का लगाएं। साड़ी गाउन इन दिनों काफी स्टाइलिश होता जा रहा है और नया पार्टी ट्रेंड बना हुआ है। यह साड़ी का सबसे हटकर और सबसे स्टाइलिश दिखने वाला मॉडर्न अवतार है, जो आपकी परंपरा को भी बनाए रखने में मदद करता है। सेलेब्स में भी यह ट्रेंड काफी पॉप्यूलर है। इसमें पैचवर्क, सिक्विन, जरदोजी, सिल्वर और स्टोन वर्क भी खासे ट्रेंड में हैं।

अनारकली: 

हमेशा कहा जाता है कि फैशन वक्त के साथ बदलता रहता है, लेकिन आज हम एक ऐसे फैशन ट्रेंड की बात करेंगे, जो बदलते वक्त के साथ आगे बढ़ता गया और आज भी हमारे पसंदीदा परिधानों की सूची में शामिल है। अनारकली सूट में समय के साथ-साथ कई नए प्रयोग हो रहे हैं, जो इसे और दिलकश बना रहे हैं।

वेडिंग या फंक्शन पर जा रहे हैं तो स्टनिंग रेड अनारकली सूट आपकी लुक को एनरिच करेगा। यह पहना हुआ बेहद खूबसूरत लगता है। हैवी एम्बेलिश्ड फ्लोर लैंथ  अनारकली फैशन में है। आप चाहे मोटी हैं या फिर पतली, अनारकली सूट हर किसी पर अच्छा लगता है। अपनी खुशी को इस बार आप ब्राइट रेड कलर से एक्सप्रेस करें।

शरारा: 

शरारा एक एथनिक वियर है जो अब डिफरेंट फैशन शोज़ के कारण फैशन स्टाइल बन गया है। लहंगे जैसा दिखने के बावजूद शरारे और लहंगे में एक बेसिक डिफरेंस है। लहंगा, लांग स्कर्ट की तरह एक पायंचे की वेस्ट टू बाटम घेरदार ड्रेस होती है, जबकि शरारे में दो पायंचे होते हैं और यह वेस्ट से नी तक फिट और नी से बाटम तक खूब घेर वाले होते हैं।

अपनी च्वाइस के हिसाब से आप शरारे के साथ कुर्ती को स्टाइलिश बनवा सकती हैं। आप चाहें कुर्ती शार्ट रख सकती हैं या फिर लांग। वैसे एथनिक शरारा हमेशा लांग कुर्ती के साथ ही पहना जाता था। तो क्यों ना इस बार फंक्शन पर आप भी एक प्यारी सी शरारे कुर्ती वाली ट्रेंडी ड्रेस ट्राई करें। क्लासी लुक के लिए आप ब्राइट रेड शरारा कैरी करें। इसमें बहुत डिफरेंट भी लगेंगी।

Saturday, June 3, 2017

सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी है बेहद खतरनाक

स्मोकिंग छोड़ो, ज़िंदगी चुनो

जिन घरों में धूम्रपान किया जाता है, उन घरों के बच्चे तंबाकू के धुएं में ही सांस लेते हुए बड़े होते हैं और न चाहते हुए भी उन्हें 'धूम्रपान' की ज्यादतियों के शिकार होना पड़ता है। बच्चों में यह समस्या इसलिए और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि उनका विकास हो रहा होता है। पेसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी बेहद खतरनाक है। सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण हर साल अस्थमा के नए बाल रोगियों की संख्या बढ़ रही है। धूम्रपान का धुआं बच्चों में निमोनिया या पल्मोनरी ब्रोंकाइटिस अर्थात् सांस के साथ उठने वाली खांसी की समस्या पैदा कर रहा है। विकासशील देशों में हर साल 8 हज़ार बच्चों की मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है। 

31 मई को दुनियाभर में नो टोबैको डे के तौर पर मनाया जाता है। तम्बाकू से संबंधित बीमारियों की वजह से हर साल क़रीब 50 लाख लोगों की मौत हो रही है, जिनमें लगभग 15 लाख महिलाएं शामिल हैं। यदि इस समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में कोई प्रभावी क़दम नहीं उठाया गया तो वर्ष 2030 में धूम्रपान के सेवन से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रतिवर्ष 80 लाख से अधिक हो जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में क़रीब 25 करोड़ लोग गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि के ज़रिये तम्बाकू का सेवन करते हैं।

आंकड़ों की मानें तो पूरे भारत में 10 फ़ीसदी महिलाएं विभिन्न रूपों में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। शहरी क्षेत्रों की 6 फ़ीसदी और ग्रामीण इलाकों की 12 फ़ीसदी महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। 151 देशों में किए गए सर्वे के मुताबिक़ लड़कियों में तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति लड़कों के मुक़ाबले ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रही है। गर्भधारण की अवधि में सिगरेट या बीड़ी पीने वाली महिलाओं को कम वजन के बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती है और वे जल्दी किसी बीमारी से घिर जाते हैं। ऐसे बच्चों को दिमागी लकवे की शिकायत हो सकती है साथ ही सीखने में असमर्थता की भी समस्या होती है। 

एक अध्ययन के अनुसार 91 प्रतिशत मुंह के कैंसर तम्बाकू से ही होते हैं। दिन में 20 सिगरेट पीने से महिलाओं में हार्ट अटैक का ख़तरा 6 गुना और पुरुषों में 3 गुना बढ़ जाता है। पहली बार हार्ट अटैक के लिए 36 फ़ीसदी मरीज़ों में स्मोकिंग ही ज़िम्मेदार होती है। ऐसे हार्ट पेशंट्स जो लगातार स्मोकिंग करते हैं उनमें दूसरे हार्ट अटैक का ख़तरा ज़्यादा रहता है साथ ही अकस्मात मौत का ख़तरा भी बढ़ जाता है। 

धूम्रपान हानिकारक है, यह बात हरकोई जानता है, इसके चलते कई व्यक्ति इस आदत से छुटकारा भी पाना चाहते हैं, लेकिन धूम्रपान बंद करने पर विद्ड्रॉल सिम्पटम होते हैं। ये लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। आम तौर पर देखे जाने वाले लक्षण हैं: नींद आने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन, थकान, बेचैनी, मूड अजीब होना, अवसाद, एकाग्रता में दिक्कत, भूख कम या ज्यादा लगना, चक्कर आना, वजन बढ़ना, इत्यादि। धूम्रपान छोड़ने के दो-तीन हफ्ते तक ये लक्षण तीव्र होते हैं जिससे छोड़ने के इरादे पर कायम रहना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए आप किसी अच्छे काउंसलर और डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।

Wednesday, May 24, 2017

फैशन आइकॉन हैं प्रियंका चोपड़ा

प्रिंयका चोपड़ा से जानिए उनकी खूबसूरती का क्या है राज़


प्रियंका चोपड़ा की खूबसूरती के दीवाने लड़के ही नहीं, लड़कियां भी हैं। वह उनके लिए फैशन आइकॉन हैं। हर कोई जानना चाहता है पीसी की सुंदरता का राज़, तो आइए आज हम प्रियंका से ही जानते हैं कि उनकी खूबसूरती का राज़ क्या है...

 प्रियंका कहती हैं, 'क्लीन एंड क्लीयर स्किन के लिए मैं घर का बना हुआ योगर्ट फेशियल इस्तेमाल करती हूं। योगर्ट और ओटमील को बराबर मात्रा में मिक्स करके स्किन पर लगाती हूं और फिर आधे घंटे के बाद इसे हल्के गर्म पानी से धो लेती हूं। योगर्ट से स्किन में चमक आती है और डलनेस खतम हो जाती है।'

प्रियंका कहती हैं, 'मैं इतना ज्यादा बिजी रहती हूं कि हेयर सैलून जाकर अपने बालों की देखभाल पर घंटों बिता सकूं, ऐसा संभव नहीं है। मैं रोज़ाना अपने बालों को शैंपू करती हूं और कंडीशनर का इस्तेमाल करती हूं ताकि ये मजबूत बने रहें। हैल्दी हेयर आपकी पर्सनेलिटी को एन्हांस करते हैं।'

प्रियंका खुद को फिट एंड स्लिम रखने के लिए एक सट्रिक्ट रूटीन फॉलो करती हैं। प्रियंका कहती हैं कि वह योगाभ्‍यास करती हैं। लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करती हैं और ड्राइविंग की जगह वॉक करना पसंद करती हैंI वह कहती हैं, 'मैं रोज़ाना जिम भी जाना चाहती हूं लेकिन 15 घंटे काम करने के बाद थक जाती हूं।सच कहूं तो वर्कआउट तभी करती हूं जब मुझे इसकी जरूरत होती है।'

प्रियंका खुद को इस मामले में लकी मानती हैं कि उनका वज़न जल्दी नहीं बढ़ता। वह कहती हैं, 'मैं पंजाबी हूं और खाने की बेहद शौकीन। मैं खूब जमकर खाती हूं।' लेकिन वह हैल्दी खाना खाती हैं, जिसमें रोटी, चावल, दाल, सब्‍ज़ी, सूप, सलाद, और फल शामिल होते हैं। प्रिंयका कहती हैं, 'चूंकि मैं चाह कर भी रोज़ाना 8 घंटे की नींद नहीं ले पाती, इसलिए पानी मैं खूब पीती हूं, इससे स्किन मॉइश्चराइज़्ड रहती है।'

अपने पिता की ही तरह प्रिंयका को भी म्यूज़िक का शौक है। वह कहती हैं कि जब भी मुझे तनाव महसूस होता है या मूड खराब होता है, तब म्यूजिक मुझे डी-स्ट्रैस करवाता है। रिलैक्स होने के लिए लॉन्‍ग ड्राइव पर चली जाती हूं या सो जाती हूं। छुट्टी के दिन घर पर रहना, परिवार के साथ टाइम स्पेंड करना और मूवी देखना भी मुझे खुशी देता है।

Saturday, May 13, 2017

मदर्स डे: भगवान का दूसरा नाम ‘मां’

मदर्स डे: भगवान का दूसरा नाम ‘मां’

‘उसको नहीं देखा हमने कभी, पर उसकी जरूरत क्या होगी,
ए मां तेरी सूरत से अलग भगवान की मूरत क्या होगी’



कहते हैं ईश्वर सभी जगह उपस्थित नहीं रह सकता इसीलिए उसने धरती पर मां को भेजा जो हर मुश्किल की घड़ी में हमारे साथ रहती है। ऐसी ही माताओं को समर्पित है मदर्स डे, हालांकि मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए एक दिन तो क्या एक सदी भी कम है। उन्हें हर पल यह अहसास दिलाएं कि वह हमारे जीवन में बेहद सम्माननीय हैं, बेहद खास हैं।

मां के स्नेह भरे अहसास के इज़हार के लिए आपने भी यकीनन उनके लिए कुछ स्पेशल प्लान किया होगा, अगर नहीं किया, तो अभी कर लें। मां कभी अपने बच्चों से अपने प्यार के बदले किसी भी चीज़ की ख्वाहिश नहीं रखती, लेकिन अपने प्यार और उनके प्रति अपने अहसास को अभिवयक्त करने के लिए आप मदर्स डे पर अपनी मां को कोई ऐसा गिफ्ट दें जिसे कभी भुलाया न जा सके।

स्पेशल ट्रीटमेंट दें

आज उन्हें किसी रानी-महारानी जैसे फील करवाएं। वह जो भी चाहें या कहें उसे बस तुरंत कर दो। मां को उनकी पसंद चीजों जैसे परफ्यूम, साड़ी, सूट, गोल्ड या डायमंड ज्यूलरी, मनपसंद चॉकलेट्स, फूल इत्यादि से सजी बास्केट भी गिफ्ट कर सकते हैं।

खुद खिलाएं खाना

मदर्स डे पर उन्हें थोड़ा देर तक सोने दें और किचन व घर के कामों से उन्हें पूरी तरह आराम दे दें। अगर आपको अपनी मां की मनपसंद डिश बनानी आती है, तो आप उन्हें इसे बनाकर अपने हाथों से खिला सकते हैं, जैसे बचपन में मां आपको खिलाया करती थीं। अगर खाना बनाना नहीं आता, तो कहीं किसी रेस्तरां में ले जाकर भी आप उनको उनकी पसंद की लजीज डिशेज टेस्ट करवा सकते हैं।

पूरा दिन साथ बिताएं

मां के साथ आज पूरा दिन बिताएं और अपने बचपन की मीठी यादें उनके साथ ताजा करें। बचपन में मां के साथ जो इनडोर गेम्स खेलते थे, आज वो दोबारा वैसे ही चीटिंग करते हुए खेलें। उनसे उनके बचपन की कुछ ऐसी बातें बताने को कहें जो उन्हें आज भी रोमांचित करती हैं। आपके साथ अपने बचपन की बातें शेयर करके वो भी अपने बचपन की खूबसूरत दुनिया में खो जाएंगी। ऐसे में उनके चेहरे पर जो खुशी की चमक होगी, वह  मदर्स डे का बेहतरीन गिफ्ट होगी।

डे आऊट प्लान करें

जो माएं सारा दिन घर पर ही रहती हैं, इस स्पेशल दिन उन्हें बाहर ले जाएं। उनके फेवरिट सैलून में स्पा की अपॉयंटमेंट ले सकते हैं। वहां आप बता दें कि आपकी मां को खूब पैंपर करें। मां को लंच पर ले जाएं और वहां उनकी खास सहेलियों को भी इन्वाइट करें। आप उन्हें शॉपिंग पर भी ले जा सकते हैं। फिल्म देखने का प्रोग्राम भी उन्हें अच्छा लगेगा।

लिख कर करें प्यार का इजहार

एक खत में लिखें कि आप अपनी मां से इतना प्यार क्यों करते हैं। खत में उन बातों का जिक्र भी जरूर करें जिनके लिए आप उनके शुक्रगुजार हैं। ग्रीटिंग कार्ड्स और उनकी तस्वीरों वाले मग भी गिफ्ट कर सकते हैं। उनके मनपसंद गानों को एक सीडी में रिकॉर्ड करके उन्हें गीतों का तोहफा दे सकते हैं। अपनी और मां की कुछ चुनिंदा तस्वीरों का कोलार्ज बनाकर भी मां को एक ममताभरा तोहफा दे सकते हैं।

अपने बच्चों को भी साथ ले जाएं

शादीशुदा लड़कियां शादी के बाद अपनी मां को ही सबसे ज्यादा मिस करती हैं। मां की याद अक्सर उन्हें रूला जाती है। अगर आप भी शादीशुदा हैं तो मदर्स डे पर अपने बच्चों को भी साथ लेकर जाएं, ताकि नाती/नातिन का सुख भी उन्हें मिल सके। मां के चेहरे पर खुशी देखकर आपको बहुत अच्छा लगेगा। अगर मां के पास जाना संभव न हो तो  वीडियो कॉल कर लें।
  • मीनाक्षी गांधी

‘मदर्स डे’ यानी मां को थैंक्स कहने का दिन

‘मदर्स डे’ यानी मां को थैंक्स कहने का दिन


मदर्स डे हमारी संस्कृति का हिस्सा तो नहीं है क्योंकि हमारे यहां तो मां को वो जगह दी जाती रही है जो भगवान से भी ऊपर है। मां के प्यार और उसके अहसास को किसी खास दिन से बांधा नहीं जा सकता है, लेकिन हमारे देश में भी पश्चिमी देशों का असर बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते युवा मदर्स डे पर अपनी मां को अपने प्यार का अहसास करवाना नहीं भूलते।

कुछ साल पहले तक 'मदर्स डे' भारतीयों के लिए कोई खास अर्थ नहीं रखता था क्योंकि हमारे यहां संयुक्त परिवार थे। जब हमारे माता-पिता अधिकतर हमारे साथ ही रहा करते थे,  तो ऐसे में भला हमें क्या आवश्यकता होती साल में एक दिन मां या पिता को समर्पित करने की। लेकिन आजकल बहुत से बच्चों को  पढ़ाई या नौकरी के लिए मां से दूर रहना पड़ रहा है। किसी भी बच्चे के लिए अपनी मां के प्यार और दुलार को नजरअंदाज कर पाना आसान नहीं है, इसलिए कम से कम मदर्स डे को ही वे मां के लिए खास बनाना चाहते हैं।

रविवार को ‘मदर्स डे’ है। मदर्स डे यानी एक ऐसा दिन जब मां को यह अहसास कराया जाएगा कि हम उनसे कितना प्यार करते हैं। मां के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करने का इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता है। अमेरिका में पीएचडी कर रहे रौनक महेश्वरी कहते हैं कि दूर रह कर मां के प्यार और उनके बनाए खाने को बहुत ज्यादा मिस करता हूं, हालांकि उनसे रोज़ाना वीडियो चैट और वीडियो कॉलिंग करता हूं, लेकिन इससे उनके दुलार और प्यार की कमी पूरी नहीं होती। इस बार मदर्स डे पर मैं उनका पसंदीदा खाना खुद बनाऊंगा और फिर वीडियो कॉल करके उनके साथ खाऊंगा। जानता हूं कि यह हम दोनों के लिए बेहद भावुक पल होंगे।

काफी सालों तक घर से बाहर नौकरी करने वाले अनूप लूथरा की ट्रांसफर मई में उनके अपने शहर चंडीगढ़ में हो गई है। उम्र चाहे उनकी 45 को पार कर चुकी है, पर हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है। अनूप कहते हैं कि जब भी कभी घर आता था तो मां से अपनी पसंद का खाना बनवा कर खाता था। इस बार बहुत बरसों के बाद यह दिन मां के साथ बिता रहा हूं। पिता जी की मृत्यु के बाद मां काफी सालों से अकेली रह रही हैं। इस संडे पूरा दिन हम मां-बेटा एंजॉय करेंगे, और बचपन की यादों को ताजा करेंगे।

शालिनी सोनी चौहान जो अब खुद दो बेटियों की मां है, अपनी मां को अपना आइडियल मानती है। वह कहती हैं, ‘कौन-सी ऐसी चीज है जो यहां नहीं मिलती, सब कुछ मिल जाता है पर दुबारा मां नहीं मिलती। मेरी मम्मी मेरी बेस्ट फ्रेंड भी है। मैं अपनी हर बात मम्मी के साथ शेयर करती हूं। मां ने मुझे हर परिस्थिति में खुश रहना सिखाया है। हर गम को हंसते-हंसते सहना सिखाया है। मैं हर साल मदर्स डे सेलिब्रेट करती हूं। इस बार भी मैंने मम्मी के लिए कुछ सरप्राइज प्लान किया है, जिसे मैं अभी आपको नहीं बता सकती।’

  • मीनाक्षी गांधी

माई मॉम माई बेस्ट फ्रेंड

माई मॉम माई बेस्ट फ्रेंड

लड़कियां अपनी मां से बेहद प्रभावित होती हैं। उनके लिए उनकी मां की अहमियत दुनिया में सबसे अधिक होती है। मां ही उनके लिए सबसे बड़ी प्रेरणा और पथप्रदर्शक होती है। वह अपनी कामयाबी का सारा श्रेय मां को ही देती हैं। मां का नाम सुनकर शादीशुदा लड़कियों के चेहरे पर बिखरी खूबसूरत मुस्कान को सभी ने महसूस किया होगा। अपनी मां के साथ कुछ पल बिताने की चाहत और खुद मां होने के कारण बच्चों की जिम्मेदारियों का अहसास, हर शादीशुदा लड़की की ज़िंदगी में यह जदोजहद चलती रहती है।

शादी के बाद कनाडा में सैटल हो चुकी तरुणदीप अपनी मां कुलवंत के साथ अपने रिश्तों के बारे में बात करते हुए काफी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया, ‘पापा की जब डेथ हुई, तब मैं बहुत छोटी थी। मेरी मां मेरा भगवान है, जो सुकून मुझे  उनके साथ रहने पर महसूस होता है वह और कहीं नहीं मिलता।’ मां से मिलने की ख्वाहिश ऐसी कि पंख होते तो तुरंत उड़ कर मां के पास आ जाती। शादी के बाद विदेश में बस चुकी सभी बेटियों की लगभग ऐसी ही इच्छा है।

सीमा वत्स की दो बेटियां हैं, एक की शादी देश में ही हुई है और दूसरी बेटी अॉस्ट्रेलिया में है। एक बेटी से मिलना-जुलना तो हो जाता है लेकिन विदेश में रहने वाली बेटी से मिले काफी वक्त निकल जाता है। विदेश के बिज़ी लाइफ स्टाइल के चलते अब वह अपने पति के साथ अॉस्ट्रेलिया गई हुई हैं। सीमा कहती हैं कि बेटियां साथ हों तो हर दिन मदर्स डे है, लेकिन इस बार यह दिन जरूर खास बन गया है क्योंकि अॉस्ट्रेलिया में मदर्स डे खूब जोर शोर से मनाया जाता है और इस बार वह भी इस पाश्चात्य त्योहार को इंजॉय करेंगे।

सर्बजीत संधु अपनी बेटी इरा से मिलने अमेरिका गई हुई हैं। सर्बजीत कहती हैं कि अपनी बेटी को पालने का अहसास जितना सुखद था उससे भी ज्यादा मज़ा उन्हें अपने ग्रैंड चिल्ड्रंस की परवरिश में आता है। मां के रहते दो बच्चों की मां उनकी बेटी इरा भी निश्चिंत रहती है। वह कहती हैं, ‘मां के बगैर मैं कुछ भी नहीं हूं। जब मैं घर जाती हूं अगर मां नहीं दिखतीं तो बेचैनी-सी लगी रहती है, मां के आते ही सब दुःख, थकान गायब हो जाती है।काम से जब थकी हुई घर लौटती हूं तो मां की गोद में सिर रखते ही सारी थकान मिट जाती है। शादी के बाद भी मां का साथ मिलना, यह भगवान के आशीर्वाद जैसा है। मदर्स डे पर मां, मैं और मेरी बेटी पूरा दिन साथ सपेंड करेंगे। मेरी बेटी ने मां के लिए ‘बंच अॉफ लैटर्स’ बनाया है जिसमें उसने उन सब बातों का जिक्र किया है, जिनसे प्रेरणा लेकर उसने अपनी ज़िंदगी को और बेहतर बनाया है।’

  • मीनाक्षी गांधी

Saturday, March 11, 2017




रंगों की गीतमाला


बालम पिचकारी जो तूने मुझे मारी 
तो सीधी साधी छोरी शराबी हो गयी

हां जीन्स पहन के जो तूने मारा ठुमका
तो लट्टू पड़ोसन की भाभी हो गयी

बिना रंग और भांग के तो होली होती ही नहीं और जब होली के जोश, उमंग, हुड़दंग और अबीर-गुलाल में फिल्मी गानों का रस घुल जाता है  तो यह और भी रंगीन हो जाती है। हिन्दी फिल्मों में होली गानों की भरमार है। याद करते जाएं तो खूब सारे गाने याद आ जाएंगे। आज भी कुछ ऐसे गीत हैं जो होली पर जरूर बजते हैं, जिनकी ताल पर लाल-पीले-हरे-नीले-गुलाबी रंगों में रंगे लोग जब नाचते हैं तो होली का मजा कई गुना बढ़ जाता है। रूपहले पर्दे पर रंग और उमंग के त्योहार होली के गीतों ने सिने प्रेमियों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। आईए, याद करते हैं होली के अवसर पर उन गानों को।

1. होली के गीतों में लीजेंड ऑफ हिंदी सिनेमा शोले के गीत ‘होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं ..’ के बिना कोई होली पूरी नहीं होती। जिसमे धर्मेंद्र-हेमा समेत पूरा गांव मस्ती में झूमते हुए गाते हैं। इस गाने की धुन और बोल आज भी लोगों को काफी लोकप्रिय हैं।

होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
गिले शिकवे भूल के दोस्तो दुश्मन भी गले मिल जाते हैं।
गोरी तेरे रंग जैसा थोड़ा सा रंग मिला लूं
आ तेरे गुलाबी गालों से थोड़ा सा गुलाल चुरा लूं
जा रे जा दीवाने तू होली के बहाने तू छेड़ न मुझे बेशरम
पूछ ले जमाने से ऐसे ही बहाने से लिए और दिए दिल जाते हैं
होली के दिन दिल ...

फिल्म: शोले (1975)

2. 
 फिल्मों में होली का रंग बिखेरने वाले अभिनेताओं में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का नाम कोई कैसे भूल सकता है। अमिताभ बच्चन और रेखा पर फिल्माए फिल्म ‘सिलसिला’ के गीत ‘रंग बरसे भीगे चुनरवाली रंग बरसे...’ के बगैर होली के त्यौहार का मजा पूरा नहीं हो पाता। इसमें अमिताभ ने भांग का इतना नशा भरा कि लोग आज भी इसे बड़े चाव से सुनते हैं। 

रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे
अरे कैने मारी पिचकारी तोरी भीगी अंगिया
ओ रंगरसिया रंगरसिया, हो
रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे ...
सोने की थाली में जोना परोसा
अरे, सोने की थाली में, जोना परोसा
हाँ, सोने की थाली में जोना परोसा
अरे खाए गोरी का यार, बलम तरसे रंग बरसे
होली है!
ओ रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे ...

फिल्म: सिलसिला (1981)

3 . अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी पर फिल्म ‘बागवान’ में फिल्माया गीत ‘होली खेलें रघुवीरा अवध में...’ होली गीतों में अपना विशिष्ट मुकाम रखता है।

ताल से ताल मिले मोरे बबुआ, बाजे ढोल मृदंग
मन से मन का मेल जो हो तो, रंग से मिल जाए रंग
हो ओ ओ ओ.... होली खेलें रघुवीरा
होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा
होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा
अरे, होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा
होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा

फिल्म: बागवान (2003)

4. 
फिल्मी पर्दे पर छेड़-छाड़ वाली होली को लोग खासा पसंद करते हैं। फिल्म ‘डर’ का गीत जिसमें शाहरुख खान होली के रंगों से चेहरा छिपाए ढोल बजाते हुए होली समारोह में बिन बुलाए चले आते हैं, आज भी लोगों को गुदगुदाता है। इस गाने के बोल हैं ‘अंग से अंग लगाना पिया हमें ऐसे रंग लगाना’।

अरे जो जी में आए, तुम आज कर लो
चाहो जिसे इन बांहों में भर लो
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
गालों से ये गाल लगा के, नैनों से ये नैन मिला के
होली आज मनाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
अंग से अंग लगाना...

फिल्म: डर (1993)

5.
 होली पर एक गाना जो हर चौराहे, गली-मोहल्ले में बजता सुनाई है वह है फिल्म ‘कटी पतंग’  में राजेश खन्ना और आशा पारेख पर फिल्माया गीत ‘आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली...’। यह गीत लोगों को प्रेमरस में डूबने को मजबूर कर देता है।

हे...
आज न छोड़ेंगे...
आज न छोड़ेंगे बस हमजोल...
खेलेंगे हम होली...खेलेंगे हम होली...
चाहे भीगे रे तेरी चुनरिया चाहे भीगे रे चोली...
खेलेंगे हम होली...
होली है...

फिल्म: कटी पतंग (1970)

6.
 फिल्म ‘फाल्गुन’ का गीत ‘फागुन आयो रे...’ ने जिस कलात्मकता से होली को पेश किया, वह बेजोड़ है। यह एक ऐसा गीत है, जिसने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।  यह गीत आज भी होली की मस्ती में चार चांद लगा देता है।

पिया संग खेलूं होली
पिया संग खेलूं होली ,फागुन आयो रे
चुनरिया भिगो रे गोरी
फागुन आयो रे
हो फागुन आयो रे

फिल्म: फाल्गुन (1973)


7. होली का किाक्र हो और महबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ के गीत ‘होली आई रे कन्हाई रंग छलके सुना दे बांसुरी’ की बात ना हो, ऐसा कभी नहीं हो सकता। सुनील दत्त, नरगिस, राजकुमार, हीरालाल और अन्य कलाकारों के साथ फिल्माया गया था। इस गाने की धुन और बोल आज भी लोगों को अच्छे लगते हैं। 

होली आई रे कन्हाई,रंग छलके सुना दे बासुरी
होली आई रे होली आई रे..
बरसे गुलाल,रंग मोरे अंगनावा
अपने ही रंग में रंग दे मोहे साजनवा
हो देखो नाचे मोरा मनवा
होली आई रे कन्हाई,रंग छलके सुना दे बासुरी

फिल्म: मदर इंडिया (1957)

8. वी शांताराम की फिल्म ‘नवरंग’ में भी होली का एक बेहद खूबसूरत गीत था, ‘जा रे नटखट ना खोल मेरा घूंघट पलट के दूंगी आज तुझे गाली रे, मोहे समझो ना तुम भोली भाली रे’। इसमें संध्या ने पर्दे पर नायक और नायिका दोनों का किरदार इतनी खूबसूरती से निभाया था कि आज भी यह गीत जब भी बजता है तो सारा नकाारा आंखों के सामने आ जाता है। 

अरे जा रे हट नटखट,ना खोल मेरा घूंघट,पलट के दूंगी आज तुझे गाली रे।
मुझे समझो ना तुम भोली-भाली रे।
सारा रा रा...
आया होली का त्योहार,उड़े रंग की बौछार
तू है नार नखरेदार मतवाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे...

फिल्म: नवरंग (1959)

9. फिल्म ‘कोहिनूर’ में ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार और मीना कुमारी ने जब ‘तन रंग लो जी आज मन रंग लो’ गाया तो लगा होली को एक नयी अभिव्यक्ति मिली। इस गीत के बिना होली गीत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

तन रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...
तन रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...
खेलो खेलो उमंग भरे रंग प्यार के ले लो...
खेलो खेलो उमंग भरे रंग प्यार के ले लो...
रंग लो रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...
तन रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...

फिल्म: कोहिनूर (1960)

10. विपुल शाह की फिल्म ‘वक्त’ में अक्षय कमार व प्रियंका चोपड़ा के चुलबुले अभिनय और अमिताभ बच्चन के धमाल से ‘डू मी ए फेवर, लेट्स प्ले होली’ गीत यादगार बन गया। यह गीत होली पर युवाओं की खास पसंद रहता है और इसकी धुन पर होली पर वे खूब नाचते हैं।

डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली,
रंगों में है प्यार की बोली
हो मेरे पीछे-पीछे क्यों आये,
मेरा जिया-जिया क्यों धड़काये
जा रे जा रे डॉन्ट टच माई चोली
उफ ये होली,आई ये होली
डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली...

फिल्म: वक्त (रेस अगेंस्ट टाइम) (2005)