Saturday, March 11, 2017




रंगों की गीतमाला


बालम पिचकारी जो तूने मुझे मारी 
तो सीधी साधी छोरी शराबी हो गयी

हां जीन्स पहन के जो तूने मारा ठुमका
तो लट्टू पड़ोसन की भाभी हो गयी

बिना रंग और भांग के तो होली होती ही नहीं और जब होली के जोश, उमंग, हुड़दंग और अबीर-गुलाल में फिल्मी गानों का रस घुल जाता है  तो यह और भी रंगीन हो जाती है। हिन्दी फिल्मों में होली गानों की भरमार है। याद करते जाएं तो खूब सारे गाने याद आ जाएंगे। आज भी कुछ ऐसे गीत हैं जो होली पर जरूर बजते हैं, जिनकी ताल पर लाल-पीले-हरे-नीले-गुलाबी रंगों में रंगे लोग जब नाचते हैं तो होली का मजा कई गुना बढ़ जाता है। रूपहले पर्दे पर रंग और उमंग के त्योहार होली के गीतों ने सिने प्रेमियों के दिलों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। आईए, याद करते हैं होली के अवसर पर उन गानों को।

1. होली के गीतों में लीजेंड ऑफ हिंदी सिनेमा शोले के गीत ‘होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं ..’ के बिना कोई होली पूरी नहीं होती। जिसमे धर्मेंद्र-हेमा समेत पूरा गांव मस्ती में झूमते हुए गाते हैं। इस गाने की धुन और बोल आज भी लोगों को काफी लोकप्रिय हैं।

होली के दिन दिल खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं
गिले शिकवे भूल के दोस्तो दुश्मन भी गले मिल जाते हैं।
गोरी तेरे रंग जैसा थोड़ा सा रंग मिला लूं
आ तेरे गुलाबी गालों से थोड़ा सा गुलाल चुरा लूं
जा रे जा दीवाने तू होली के बहाने तू छेड़ न मुझे बेशरम
पूछ ले जमाने से ऐसे ही बहाने से लिए और दिए दिल जाते हैं
होली के दिन दिल ...

फिल्म: शोले (1975)

2. 
 फिल्मों में होली का रंग बिखेरने वाले अभिनेताओं में बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन का नाम कोई कैसे भूल सकता है। अमिताभ बच्चन और रेखा पर फिल्माए फिल्म ‘सिलसिला’ के गीत ‘रंग बरसे भीगे चुनरवाली रंग बरसे...’ के बगैर होली के त्यौहार का मजा पूरा नहीं हो पाता। इसमें अमिताभ ने भांग का इतना नशा भरा कि लोग आज भी इसे बड़े चाव से सुनते हैं। 

रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे
अरे कैने मारी पिचकारी तोरी भीगी अंगिया
ओ रंगरसिया रंगरसिया, हो
रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे ...
सोने की थाली में जोना परोसा
अरे, सोने की थाली में, जोना परोसा
हाँ, सोने की थाली में जोना परोसा
अरे खाए गोरी का यार, बलम तरसे रंग बरसे
होली है!
ओ रंग बरसे भीगे चुनरवाली, रंग बरसे ...

फिल्म: सिलसिला (1981)

3 . अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी पर फिल्म ‘बागवान’ में फिल्माया गीत ‘होली खेलें रघुवीरा अवध में...’ होली गीतों में अपना विशिष्ट मुकाम रखता है।

ताल से ताल मिले मोरे बबुआ, बाजे ढोल मृदंग
मन से मन का मेल जो हो तो, रंग से मिल जाए रंग
हो ओ ओ ओ.... होली खेलें रघुवीरा
होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा
होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा
अरे, होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा
होली खेलें रघुवीरा अवध में होली खेलें रघुवीरा

फिल्म: बागवान (2003)

4. 
फिल्मी पर्दे पर छेड़-छाड़ वाली होली को लोग खासा पसंद करते हैं। फिल्म ‘डर’ का गीत जिसमें शाहरुख खान होली के रंगों से चेहरा छिपाए ढोल बजाते हुए होली समारोह में बिन बुलाए चले आते हैं, आज भी लोगों को गुदगुदाता है। इस गाने के बोल हैं ‘अंग से अंग लगाना पिया हमें ऐसे रंग लगाना’।

अरे जो जी में आए, तुम आज कर लो
चाहो जिसे इन बांहों में भर लो
अंग से अंग लगाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
गालों से ये गाल लगा के, नैनों से ये नैन मिला के
होली आज मनाना सजन हमें ऐसे रंग लगाना
अंग से अंग लगाना...

फिल्म: डर (1993)

5.
 होली पर एक गाना जो हर चौराहे, गली-मोहल्ले में बजता सुनाई है वह है फिल्म ‘कटी पतंग’  में राजेश खन्ना और आशा पारेख पर फिल्माया गीत ‘आज ना छोड़ेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली...’। यह गीत लोगों को प्रेमरस में डूबने को मजबूर कर देता है।

हे...
आज न छोड़ेंगे...
आज न छोड़ेंगे बस हमजोल...
खेलेंगे हम होली...खेलेंगे हम होली...
चाहे भीगे रे तेरी चुनरिया चाहे भीगे रे चोली...
खेलेंगे हम होली...
होली है...

फिल्म: कटी पतंग (1970)

6.
 फिल्म ‘फाल्गुन’ का गीत ‘फागुन आयो रे...’ ने जिस कलात्मकता से होली को पेश किया, वह बेजोड़ है। यह एक ऐसा गीत है, जिसने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।  यह गीत आज भी होली की मस्ती में चार चांद लगा देता है।

पिया संग खेलूं होली
पिया संग खेलूं होली ,फागुन आयो रे
चुनरिया भिगो रे गोरी
फागुन आयो रे
हो फागुन आयो रे

फिल्म: फाल्गुन (1973)


7. होली का किाक्र हो और महबूब खान की फिल्म ‘मदर इंडिया’ के गीत ‘होली आई रे कन्हाई रंग छलके सुना दे बांसुरी’ की बात ना हो, ऐसा कभी नहीं हो सकता। सुनील दत्त, नरगिस, राजकुमार, हीरालाल और अन्य कलाकारों के साथ फिल्माया गया था। इस गाने की धुन और बोल आज भी लोगों को अच्छे लगते हैं। 

होली आई रे कन्हाई,रंग छलके सुना दे बासुरी
होली आई रे होली आई रे..
बरसे गुलाल,रंग मोरे अंगनावा
अपने ही रंग में रंग दे मोहे साजनवा
हो देखो नाचे मोरा मनवा
होली आई रे कन्हाई,रंग छलके सुना दे बासुरी

फिल्म: मदर इंडिया (1957)

8. वी शांताराम की फिल्म ‘नवरंग’ में भी होली का एक बेहद खूबसूरत गीत था, ‘जा रे नटखट ना खोल मेरा घूंघट पलट के दूंगी आज तुझे गाली रे, मोहे समझो ना तुम भोली भाली रे’। इसमें संध्या ने पर्दे पर नायक और नायिका दोनों का किरदार इतनी खूबसूरती से निभाया था कि आज भी यह गीत जब भी बजता है तो सारा नकाारा आंखों के सामने आ जाता है। 

अरे जा रे हट नटखट,ना खोल मेरा घूंघट,पलट के दूंगी आज तुझे गाली रे।
मुझे समझो ना तुम भोली-भाली रे।
सारा रा रा...
आया होली का त्योहार,उड़े रंग की बौछार
तू है नार नखरेदार मतवाली रे
आज मीठी लगे है तेरी गाली रे...

फिल्म: नवरंग (1959)

9. फिल्म ‘कोहिनूर’ में ट्रेजिडी किंग दिलीप कुमार और मीना कुमारी ने जब ‘तन रंग लो जी आज मन रंग लो’ गाया तो लगा होली को एक नयी अभिव्यक्ति मिली। इस गीत के बिना होली गीत की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।

तन रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...
तन रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...
खेलो खेलो उमंग भरे रंग प्यार के ले लो...
खेलो खेलो उमंग भरे रंग प्यार के ले लो...
रंग लो रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...
तन रंग लो जी अजी मन रंग लो तन रंग लो...

फिल्म: कोहिनूर (1960)

10. विपुल शाह की फिल्म ‘वक्त’ में अक्षय कमार व प्रियंका चोपड़ा के चुलबुले अभिनय और अमिताभ बच्चन के धमाल से ‘डू मी ए फेवर, लेट्स प्ले होली’ गीत यादगार बन गया। यह गीत होली पर युवाओं की खास पसंद रहता है और इसकी धुन पर होली पर वे खूब नाचते हैं।

डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली,
रंगों में है प्यार की बोली
हो मेरे पीछे-पीछे क्यों आये,
मेरा जिया-जिया क्यों धड़काये
जा रे जा रे डॉन्ट टच माई चोली
उफ ये होली,आई ये होली
डू मी ए फेवर लेट्स प्ले होली...

फिल्म: वक्त (रेस अगेंस्ट टाइम) (2005)