हर रंग की अपनी जुबां
रंगों का हमारी जिंदगी से बेहद गहरा संबंध है। रंग हमारी विचारधारा व व्यक्तित्व को भी प्रभावित करते हैं। दीवारों के रंग आपके मूड को तय करते हैं। कुछ अपवादों को छोड़कर अकसर हम उन्हीं रंगों की ओर आकर्षित होते हैं, जिन्हें हम अधिक पसंद करते हैं। आजकल लोग कमरों की दीवारों पर दो या दो से अधिक रंगों के लुक को अपना रहे हैं। कमरे की एक दीवार पर ऑरेंज तो दूसरी पर ब्लू और तीसरी अन्य रंगों से पुतवाने के प्रति रुचि ले रहे हैं। यदि दो रंगों का इस्तेमाल किया है तो वे अलग प्रभाव डालते हैं।याद रखें कमरे में तीन से ज्यादा रंग कभी इस्तेमाल नहीं करने चाहिए वरना उसमें भटकाव का अहसास होगा। रंगों को दो भागों में बांटा जा सकता है। एक होते हैं गहरे और गर्म, दूसरे होते हैं शीतल या हल्के। गरम रंग ऊष्मा प्रदान करते हैं और हल्के रंग शांति। रंगों का गहरा या हल्का होना कमरे या घर के तापमान को भी प्रभावित कर सकता है। घर के आकार और कमरों के स्थान को देखकर रंग पसंद करना जरूरी है। कमरे का समूचा प्रभाव रंग के वजन पर निर्भर करता है।
हल्के रंगों का वजन हल्का होता है, जबकि गहरे रंग बहुत भारी होते हैं यानी गहरे रंग जगह घेरते हैं और हल्के रंग जगह बनाते हैं। हल्के रंग कमरे का आकार बड़ा होने का फील देते हैं जबकि डार्क कलर कमरे का आकार छोटा होने का अहसास कराते हैं। अगर आप चाहती हैं कि कमरा बड़ा दिखाई दे तो इसके लिए हल्के रंग का प्रयोग करें और अगर जगह बहुत बड़ी है उसको छोटा दिखाना है तो गहरे रंगों का प्रयोग करें। छत के लिए रंगों का चयन उसकी ऊंचाई को ध्यान में रख कर करना चाहिए। कमरे की ऊंचाई कम हो तो हल्के रंगों का प्रयोग सही रहता है। कमरे की दीवारें सफेद हैं तो कमरे की छत को दूसरा रंग दिया जा सकता है।
हर रंग कुछ कहता है
जानकार मानते हैं कि हर रंग हर कमरे पर फिट नही बैठता इसीलिए कुछ रंगों को
तो बडी सूझबूझ से ही इस्तेमाल करना चाहिए। रंगों का मनोविज्ञान और रंगों की
भाषा को यदि हम गहराई से पढऩे की कोशिश करेंगे तो हम पाएंगे कि हर रंग
हमसे कुछ कहता है। हरे रंग को शांत, लाल को उत्तेजक और पीले रंग को दिमागी
गतिविधियां बढाने वाला माना जाता है।
सफेद: सफेद रंग सुख समृद्धि तथा शांति का प्रतीक है यह मानसिक शांन्ति प्रदान करता है। किचन के लिए यह रंग सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
काला: काला, ग्रे, बादली आदि रंग नकारात्मक प्रभाव छोडते हैं। अत: घर की दिवारों पर इनका प्रयोग यथा संभव कम करना चाहिए।
चटख लाल: लाल को गतिशील, ताकतवर और उत्तेजक रंग माना जाता है। लाल रंग रक्तचाप को बढ़ाने वाला रंग कहा जाता है, जबकि नीले रंग का प्रभाव इससे ठीक उलटा होता है।
नारंगी: यह रंग लाल और पीले रंग के समन्वय से बनता है। यह रंग हमारे मन में भावनाओं और ऊर्जा का संचार करता है। इस रंग के प्रभाव से जगह थोड़ी संकरी लगती है परंतु यह रंग हमारे घर को एक पांरपरिक लुक देता है। दीवारों पर सजा नारंगी रंग आपकी भूख को बढ़ाता है जबकि बैंगनी रंग आपकी भूख कम करता है।
गुलाबी: गुलाबी रंग हमें सुकून देता है तथा परिवारजनों में आत्मीयता बढ़ाता है। बेडरूम के लिए यह रंग बहुत ही अच्छा है। रसोईघर में, ड्राईंग रूम में, डायनिंग रूम और मेकअप रूम में गुलाबी रंग का अधिक प्रयोग करना चाहिए। पीला : यह रंग हमें गर्माहट का अहसास देता है। जिस कमरे में सूर्य की रोशनी कम आती हो, वहां दीवारों पर पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। पीला रंग सुकून व रोशनी देने वाला रंग है। ऑफिस में अक्सर पीला रंग इस्तेमाल किया जाता है ताकि लोगों को ऊर्जा का अहसास हो।
हरा: हरा रंग शांत और संतुलित माना जाता है। नीला : नीला रंग शांति और सुकून का परिचायक है। यह घर में आरामदायक माहौल पैदा करता है। बेड रूम में नीला रंग करवाएं या नीले रंग का बल्व लगाएं। नीला रंग अधिक शांतिमय निद्रा प्रदान करता है। विशेष कर अनिद्रा के रोगी के लिये तो यह वरदान स्वरूप है। यह रंग डिप्रेशन को दूर करने में भी मदद करता है।
बैंगनी: यह रंग धर्म और अध्यात्म का प्रतीक है। इसका हल्का शेड मन में ताजगी जगाता है।
सफेद: सफेद रंग सुख समृद्धि तथा शांति का प्रतीक है यह मानसिक शांन्ति प्रदान करता है। किचन के लिए यह रंग सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
काला: काला, ग्रे, बादली आदि रंग नकारात्मक प्रभाव छोडते हैं। अत: घर की दिवारों पर इनका प्रयोग यथा संभव कम करना चाहिए।
चटख लाल: लाल को गतिशील, ताकतवर और उत्तेजक रंग माना जाता है। लाल रंग रक्तचाप को बढ़ाने वाला रंग कहा जाता है, जबकि नीले रंग का प्रभाव इससे ठीक उलटा होता है।
नारंगी: यह रंग लाल और पीले रंग के समन्वय से बनता है। यह रंग हमारे मन में भावनाओं और ऊर्जा का संचार करता है। इस रंग के प्रभाव से जगह थोड़ी संकरी लगती है परंतु यह रंग हमारे घर को एक पांरपरिक लुक देता है। दीवारों पर सजा नारंगी रंग आपकी भूख को बढ़ाता है जबकि बैंगनी रंग आपकी भूख कम करता है।
गुलाबी: गुलाबी रंग हमें सुकून देता है तथा परिवारजनों में आत्मीयता बढ़ाता है। बेडरूम के लिए यह रंग बहुत ही अच्छा है। रसोईघर में, ड्राईंग रूम में, डायनिंग रूम और मेकअप रूम में गुलाबी रंग का अधिक प्रयोग करना चाहिए। पीला : यह रंग हमें गर्माहट का अहसास देता है। जिस कमरे में सूर्य की रोशनी कम आती हो, वहां दीवारों पर पीले रंग का प्रयोग करना चाहिए। पीला रंग सुकून व रोशनी देने वाला रंग है। ऑफिस में अक्सर पीला रंग इस्तेमाल किया जाता है ताकि लोगों को ऊर्जा का अहसास हो।
हरा: हरा रंग शांत और संतुलित माना जाता है। नीला : नीला रंग शांति और सुकून का परिचायक है। यह घर में आरामदायक माहौल पैदा करता है। बेड रूम में नीला रंग करवाएं या नीले रंग का बल्व लगाएं। नीला रंग अधिक शांतिमय निद्रा प्रदान करता है। विशेष कर अनिद्रा के रोगी के लिये तो यह वरदान स्वरूप है। यह रंग डिप्रेशन को दूर करने में भी मदद करता है।
बैंगनी: यह रंग धर्म और अध्यात्म का प्रतीक है। इसका हल्का शेड मन में ताजगी जगाता है।
वास्तु के अनुसार कैसा हो रंग?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर वस्तु हमें पूरी तरह प्रभावित करती है। घर की दीवारों का रंग भी हमारे विचारों और कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। हमारे घर का जैसा रंग होता है, उसी रंग के स्वभाव जैसा हमारा स्वभाव भी हो जाता है। इसी वजह से घर की दीवारों पर वास्तु के अनुसार बताए गए रंग ही रखना चाहिए।- भवन में उत्तर का भाग जल तत्व का माना जाता है। इसे धन यानी लक्ष्मी का स्थान भी कहा जाता है। अत: इस स्थान को अत्यंत पवित्र व स्वच्छ रखना चाहिए और इसकी साज-सजा में हरे रंग का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- उत्तर-पूर्वी कक्ष, जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है, में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसमें अन्य गाढ़े रंगों का प्रयोग कतई न करें। उत्तर पश्चिम कक्ष के लिए सफेद रंग को छोड़कर कोई भी रंग चुन सकते हैं। दक्षिण-पूर्वी कक्ष में पीले या नारंगी रंग का प्रयोग करना चाहिए, जबकि दक्षिण-पश्चिम कक्ष में भूरे, ऑफ व्हाइट या भूरा या पीला मिश्रित रंग प्रयोग करना चाहिए। यदि बेड दक्षिण-पूर्वी दिशा में हो, तो कमरे में हरे रंग का प्रयोग करें।
- अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए आपको अपने कमरे की उत्तरी दीवार पर हरा रंग करवाना चाहिए।
- आसमानी रंग जल तत्व को इंगित करता है। घर की उत्तरी दीवार को इस रंग से रंगवाना चाहिए।
- घर की खिड़कियां और दरवाजे हमेशा गहरे रंगों से रंगवाएं। बेहतर होगा कि आप इन्हें डार्क ब्राउन रंग से पेंट करवाएं।
- रंगों का भी रिश्तों पर खासा असर होता है। जहां तक संभव हो घर के अंदर की दीवारों पर हल्के रंगों जैसे हल्का गुलाबी, हल्का नीला, ब्राउनिश ग्रे या ग्रेइश येलो रंग का ही प्रयोग करें। ये रंग शांत, स्थिर और प्यार को बढ़ाने वाले हैं। इनसे व्यवहार में उग्रता नहीं आती।
- जिन लोगों के एक ही घर में दो गृहस्वामी होते हैं उन्हें अपने घर की भीतरी दीवारों को दो रंगों से पुतवाना चाहिए।
- घर के ड्राइंग रूम, ऑफिस आदि की दीवारों पर यदि आप पीला रंग करवाते हैं तो वास्तु के अनुसार यह शुभ होता है।
- घर के बाहर की दीवारों को वेदरप्रूफ यानी मौसम से बेअसर रहने वाले रंग से पुतवा सकते हैं। घर के अंदर प्लास्टिक पेंट लगवा सकते हैं।
किस कमरे में करवाएं कौन-सा रंग?
बेडरूम: पिंक, लाइट ब्लू,
क्रीम, येलो और लाइट ग्रीन कलर बेडरूम के लिए काफी अच्छा होता है। बेडरूम
में रेड कलर का यूज बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्योंकि वह टेंशन देता है।
डायनिंग रूम: डायनिंग रूम में लाइट कलर काफी अच्छे माने जाते हैं। पिंक, लाइट ग्रीन, आसमानी, ऑरेंज, क्रीमी रंग ताजगी का अहसास कराते हैं।
गेस्ट रूम: गेस्ट रूम को हमेशा अलग-अलग विचार वाले लोग इस्तेमाल करते है. इसलिए गेस्ट रूम में हमेशा हल्के कलर का यूज करना चाहिए।
किचन: किचन में लाइट कलर ही यूज किए जाते हैं। किचन के लिए सफेद रंग सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। फिर भी आप येलो, पिंक, ऑरेंज कलर का यूज कर सकते है, हालांकि मॉड्यूलर किचन में कलर के लिए जगह बहुत नहीं मिलती है।
राशिनुसार दीवारों के रंग कैसे हों
अपनी राशि के अनुरूप रंग का चयन कर आप अपने मकान को पेंट करवा सकते हैं।मेष: लाल, मेहरून, ईंट जैसा
वृषभ: सफेद, चमकीला, हरा, बादामी
मिथुन : गहरा हरा, गहरा नीला, पीच, फिरोजी
कर्क : चांदी, सफेद, आसमानी, परपल
सिंह : पीले रंग के हर शेड्स, जामुनी, नारंगी
कन्या : गुलाबी, हल्का हरा, रामा ग्रीन, सी ग्रीन
तुला : सफेद, बेबी पिंक, ब्राउन, मरीन ब्लू
वृश्चिक: हल्का लाल, लाइट मेजेंटा, पिकॉक ब्लू
धनु : लाइट येलो, हल्दी जैसा पीला, पीच
मकर : ग्रे, डार्क ऑरेंज, ब्राऊन, लाइट ब्लू
कुंभ: ब्लू के सभी शेड्स, खिलता पिंक, मेटल शेड
मीन : ऑरेंज के सभी शेड्स, हल्का बैंगनी, डार्क बादामी