Monday, April 1, 2013

डिजाइनर ज्यूल्ड मेहंदी के रंग...

 http://epaper.punjabkesari.in/magazine/news/29032013/page/5$

डिजाइनर ज्यूल्ड मेहंदी के रंग...

सदियों से सजने-संवरने के लिए लड़कियां मेहंदी का इस्तेमाल करती आ रही हैं। हालांकि समय के साथ मेहंदी फैशन की वस्तु बन गई और इसमें कई नए ट्रैंडस आ गए, जिस कारण इसकी डिमांड भी बढ़ गई है। इन दिनों हाथ के अलावा, गर्दन, पीठ और पेट पर भी मेहंदी लगाई जाने लगी है। लेटैस्ट ट्रैंड के रूप में उभरती ज्यूल्ड मेहंदी की तो बात ही कुछ और है...

हिंदू परंपरा में मेहंदी को धन, धान्य और सौभाग्य की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। गहरी लाली रची मेहंदी और चूडिय़ों से भरे हाथों की शोभा ही निराली होती है। मेहंदी सिर्फ शृंगार ही नहीं, जीवन में प्यार व खुशियों का उपहार मानी जाती है। लड़कियां मेहंदी लगवाने के लिए काफी क्रेजी रहती हैं। बाजार में कहीं भी मेहंदी वाला दिख जाए, इनका मन हाथों पर सुंदर डिजाइन बनवाने को लालायित हो जाता है। मेहंदी के पारंपरिक डिजाइनों का आकर्षण तो सदाबहार है परंतु बदलते वक्त के साथ इसमें कुछ नए स्टाइल्स का भी समावेश हुआ है, जो आपके हाथों की खूबसूरती निखारने के साथ आपको एक अलग ही लुक देते हैं। मेहंदी में तरह-तरह के एक्सपैरीमैंट्स हो रहे हैं।

ऐसे बनाएं मेहंदी का पेस्ट

बढिय़ा क्वालिटी के मेहंदी पाऊडर को मलमल के बारीक कपड़े से दो-तीन बार छानें। मेहंदी में कुछ बूंदें नींबू का रस, आठ-दस बूंदें नीलगिरी का तेल और जरूरत के हिसाब से पानी मिला कर गाढ़ा पेस्ट बना लें। मेहंदी गहरी रचाने के लिए कुछ बूंदें मेहंदी का तेल व चुटकी भर कत्था भी मिला सकती हैं। परफैक्ट टैक्सचर पाने के लिए कटी हुई ङ्क्षभडी का पानी लें। उस पानी में मेहंदी को तकरीबन दो घंटे के लिए भिगो दें। इसे लगाएं। फिर देखिए मेहंदी कैसे खिलकर आती है। इमली और चाय की पत्ती को पानी में उबाल लें और बाद में इसी पानी में मेहंदी पाऊडर को मिलाने से मेहंदी का रंग बहुत गहरा आता है।

 
अरेबियन मेहंदी
अरेबियन स्टाइल में मोटे-मोटे फूल-पत्तियों वाले डिजाइन खूब चलन में हैं। अरेबियन मेहंदी में ब्लैक कैमिकल से आऊटलाइन की जाती है और फिर बीच में हरी मेहंदी से शेडिंग कर दी जाती है या उसे पूरा भर दिया जाता है। इससे डिजाइन उभर कर तो आता ही है मेहंदी भी खूब अच्छी तरह रचती है। काले और सुर्ख लाल रंग लिए इस मेहंदी पर भी आप अपनी ड्रैस के रंग व डिजाइन से मैच करते रंग-बिरंगे स्टोंस और कुंदन लगवा सकते हैं। इन दिनों अरेबियन मेहंदी को अलग रंग से आऊटलाइन करके अलग स्टाइल भी दिया जा रहा है। इसके अलावा अरेबियन विदाऊट लाइन भी ट्रैंड में है।
जरदोजी मेहंदी
जरदोजी मेहंदी आपके हाथों की खूबसूरती निखारने के साथ आपको एक अलग ही लुक देगी। किसी विशेष पार्टी, फैस्टिवल या शादी के मौके पर लड़कियां हाथों और पैरों के अलावा पीठ, बाजू और यहां तक कि नाभि पर जरदोजी मेहंदी का डिजाइन बनवाती हैं। जरदोजी मेहंदी सिल्वर या गोल्डन शेड लिए होती है। मेहंदी रचे हाथों में सिल्वर या गोल्डन ग्लिटर से डिजाइन बनाया जाता है। इससे मेहंदी की सुंदरता और भी कई गुणा बढ़ जाती है और उसमें चमक भी आ जाती है। इसके बाद ब्लैक और रैड कलर लिए इस मेहंदी पर आप रंग-बिरंगे स्टोन या कुंदन भी लगवा सकती हैं। आप मोर, फूल-पत्तियां, ट्राइबल, कराची या अफगानी डिजाइन भी बनवा सकती हैं। जितनी बढिय़ा आर्टिस्ट की कल्पना होगी, उतना ही सुंदर आपके हाथ पर मेहंदी का डिजाइन उभरेगा। 
टैटू मेहंदी
परमानैंट टैटू धीरे-धीरे फैशन से आऊट होने लगे हैं और युवा यूज एंड थ्रो टैटूज पसंद करने लगे हैं। आजकल लड़कियों में ड्रैस के अनुसार मेहंदी टैटू का क्रेज बहुत ज्यादा है। लड़कियों में बाजुओं, पेट और पीठ पर स्माल फिगर्स जैसे कलरफुल बटरफ्लाई, एंजिल फेस, डंक मारते बिच्छु, ड्रैगन आदि टैटू बनवाने का चलन काफी है। ये टैटू सोबर और स्मार्ट लुक तो देते ही हैं, साथ ही आपको स्टाइलिश लोगों की कैटेगरी में भी ला देते हैं। लड़कियां ज्यूल्ड मेहंदी को टैटू की तरह लगवाना पसंद कर रही हैं और इसमें ड्रैस के अनुसार रेड, मैरून, ग्रीन, ब्लू जैसे ब्राइट कलर अपना जादू चला रहे हैं।
मारवाड़ी मेहंदी
दुनियाभर में राजस्थानी मारवाड़ी मेहंदी को बेहद पसंद किया जाता है। इसमें मेहंदी के डिजाइन को बहुत खूबसूरती से उकेरा जाता है। ये डिजाइंस बहुत महीन और घने होते हैं। यही वजह है ब्राइड्स में यह मेहंदी बेहद पसंद की जाती है। परंपरागत मेहंदी पसंद करने वालों को मारवाड़ी मेहंदी के डिजाइन बहुत पसंद आते हैं। राजस्थानी मेहंदी की खासियत यह है कि दोनों हाथों की मेहंदी हू-ब-हू एक जैसी होती है। यही कारण है कि इसे लगाना आसान नहीं होता। इसके विभिन्न प्रकार की डिजाइंस में शहनाई, ढोलक, बैंडबाजे, मोर आदि मंगल-सूचक पक्षी, आसमान में घिरे बादलों जैसी कलाकृतियां शामिल हैं, जो राजस्थान की संस्कृति, सभ्यता और खूबसूरती को दर्शाती हैं। इनमें मेहंदी में बाजुओं पर कड़े के स्टाइल में डिजाइन बनाया जाता है।
कलरफुल फैंटेसी मेहंदी 
कलरफुल मेहंदी के लोकप्रिय होने का एक प्रमुख कारण है इसका आम मेहंदी के मुकाबले ज्यादा स्टाइलिश व कलरफुल होना। अगर आप अपने हाथों पर एक ही मेहंदी का डिजाइन बनवा-बनवा कर बोर हो गई हैं, तो कलरफुल मेहंदी को आजमा सकती हैं। आज कल मैचिंग का जमाना है। ज्यूलरी, फुटवियर, एक्सैसरीज सब ड्रैस से मैच करके खरीदे जाते हैं, ऐसे में मेहंदी कैसे पीछे रह सकती है। अब तो मेहंदी भी ड्रैस की मैचिंग के हिसाब से ही लगाई जाने लगी है। आप भी अपनी ड्रैस और ज्यूलरी के अनुसार अपने हाथों पर मैच करते कलर्स से मेहंदी का डिजाइन बनवा सकती हैं। यह मेहंदी देखने में काफी खूबसूरत लगती है। आजकल मार्कीट में कलरफुल मेहंदी के कोन्स भी मिलने लगे हैं। इसमें डिजाइन के ऊपर शेडिंग का चलन भी जोरों पर है।
ज्यूल्ड मेहंदी
मेहंदी का एक नया रूप है ज्यूल्ड मेहंदी। इसमें मेहंदी के साथ क्रिस्टल, कुंदन, स्वरोस्की, नग, स्पार्कल डस्ट, कलर्स, सितारे, मोतियों और फर आदि ज्यूलरी का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यूल्ड मेहंदी के डिजाइन ऐसे लगते हैं जैसे वाकई आपने ज्यूलरी पहनी हुई हो। लड़कियां हैवी ज्यूलरी की जगह ज्यूल्ड मेहंदी के नैकलेस और बाजूबंद पसंद करने लगी हैं। आप हाथों पर खूबसूरत चूडिय़ां व कड़े डिजाइन करवा सकती हैं। इन दिनों ज्यूल्ड मेहंदी में हाथ फूल, करघनी, ब्रेसलैट व पाजेब डिजाइन करवाना भी ट्रैंड में है।


रंग निखरेगा मेहंदी का
  • आपके हाथों में मेहंदी कितने बेहतर तरीके से रचेगी यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आपके शरीर का सामान्य तापमान कितना है। जिन लड़कियों का सामान्य तापमान ज्यादा होता है, उनकी मेहंदी ज्यादा रचती है।
  • मेहंदी लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लें और हथेलियों में मेहंदी के तेल की कुछ बूंदें लगा लें।
  • मेहंदी लगाते समय कोन को हल्के हाथों से दबाएं न कि जोर से। मेहंदी का प्रयोग नाखूनों पर नहीं करें।
  • मेहंदी लगानी न आती हो तो पहले पैंसिल से हाथ पर डिजाइन बना लें।
  • कटोरी में नींबू के रस में चीनी मिलाकर रखें। जब मेहंदी सूखने लगे, तो रूई के फाहे से यह मिश्रण मेहंदी पर लगाएं। इससे मेहंदी ज्यादा देर तक टिकेगी और मेहंदी का रंग त्वचा में और बेहतर तरीके से जाएगा।
  • मेहंदी को 3-4 घंटे तक हाथों पर लगी रहने दें।
  • मेहंदी उतारने के लिए क्रैडिट कार्ड या बिना धार वाले चाकू का इस्तेमाल कर सकती हैं।
  • मेहंदी उखाडऩे के बाद हाथों में सरसों का तेल लगा लें और कोशिश करें कि 12 से 13 घंटे तक मेहंदी वाले स्थान पर पानी न लगे।
  • मेहंदी लगाने के बाद उस पर पॉलिथीन न लपेटें। ऐसा करने से हाथ या पैर से ज्यादा पसीना निकलने लगेगा और मेहंदी का डिजाइन बिगड़ जाएगा।
  • कई लोग काली मेहंदी का भी इस्तेमाल हाथों पर कर लेते हैं, पर ऐसा करना आपकी त्वचा के लिए नुक्सानदेह साबित हो सकता है। काली मेहंदी में पी.पी.डी. नामक कैमिकल होता है, जिसकी वजह से त्वचा में खुजली आदि हो सकती है।   

खूबसूरती की दुश्मन ‘गलतियां’

http://epaper.punjabkesari.in/magazine/news/29032013/page/4$
खूबसूरती की दुश्मन ‘गलतियां’

सुंदर दिखना सबका हक है, पर खूबसूरती को बढ़ाने और खुद को स्टाइलिश लुक देने के चक्कर में कई बार हम कुछ ऐसी गलतियां कर जाते हैं जो खूबसूरत चेहरे पर बदनुमा धब्बा बन कर सुंदरता को हर लेती हैं। सही जानकारी के अभाव में गलतियां किसी से भी हो सकती हैं। आपसे ऐसी कोई गलती न हो, इसलिए हम आपको स्मार्ट तराके बता रहे हैं खूबसूरती को कायम रखने के...

टैटूज : टैटू पर्सनल स्टेटमेंट बन चुके हैं। यही वजह है कि यंगस्टर्स के बीच टैटू गुदवाने का क्रेज बढ़ गया है। टैटूज को यदि सही सामग्री तथा हाईजीन से न गुदवाया जाए तो इससे गंभीर संक्रमण तथा एलॢजक रिएक्शन हो सकता है। इसका कारण यह है कि टैटू बनाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले ज्यादातर रसायन औद्योगिक रसायन होते हैं जिनका उपयोग वाहनों के पेंट या फिर स्याही बनाने में होता है। इन रासायनों का उपयोग शरीर के किसी भी हिस्से में करना कतई सुरक्षित नहीं है। समुद्र तटों पर किए जाने वाले अस्थायी हिना टैटूज में पैरा-फिनाइलेने डायामाइन (पी.पी.डी.) हो सकती है। यह एक प्रकार की स्थायी डाई है जो आसानी से एलॢजक रिएक्शन कर सकती है और इससे सूजन पैदा हो सकती है। शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग बिना हाईजीन का ध्यान रखे टैटू गुदवा रहे हैं उन्हें हैपेटाइटिस, एचआईवी, त्वचा के संक्रमण और यहां तक कि त्वचा के कैंसर का खतरा भी हो सकता है। इसलिए इस बात को यकीनी बनाएं कि टैटू किसी मान्यता प्राप्त कलाकार से ही गुदवाएं।

बॉडी पियरसिंग : युवाओं का नया फैशन स्टेटमेंट हैं बॉडी पियरसिंग। पियरसिंग से युवतियां खुद को थोड़ा सैक्सी लुक देना चाहती हैं। वहीं युवा अपने आप को रॉक-स्टार जैसा महसूस करते हैं। अब युवा न सिर्फ कान, नाक बल्कि होंठ ,जीभ और यहां तक नाभि पर भी छेद करवाकर बालियां या छोटी सी कील डालने लगे हैं। आइब्रो पर छेद करवाना तो आम बात हो गई है। पियरसिंग यदि हाईजीनिक तरीके से नहीं हुई तो तो इससे लोकल इंफैक्शन तथा कैलोइड्स इत्यादि हो सकते हैं। ऐसे संक्रमणों से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि पियरसिंग के बाद साफ-सफाई का हमेशा पूरा ध्यान रखा जाए। किसी अच्छे प्रोफैशनल से ही बॉडी पियरसिंग कराएं। सुरक्षित और बिना इस्तेमाल की हुई सुई का प्रयोग करने के लिए कहें। अगर आप अपनी जीभ पर छेद करवा रहे हैं तो उस दिन सिर्फ तरल पदार्थ का ही सेवन करें। यह भी सलाह दी जाती है कि किसी भी अंग की पियरसिंग कराने के 2 से 3 हफ्ते के बाद तक कच्चे फल और सब्जियां न खाएं। शरीर के पियर्स किए गए हिस्सों में कृत्रिम ज्यूलरी पहनना भी सही नहीं है। जख्म होने की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसमें लापरवाही न बरतें।

हैवी मेकअप : सुंदर या प्रेजेंटेबल दिखना किसी के भी व्यक्तित्व का प्लस पॉइंट हो सकता है, बशर्ते उसने मेकअप को सही तरीके से अप्लाई किया हो। खूबसूरती निखारने के लिए यह जरूरी नहीं कि बहुत सारे मेकअप प्रोडक्ड्स को यूज किया जाए। आप चाहें तो कम मेकअप से भी अपनी खूबसूरती में दुगुना निखार ला सकती हैं। हमेशा नैचुरल लुक को ही तवज्जो दें यानी ब्राइट मेकअप की जगह लाइट मेकअप को अपनाएं। दिन के समय आप एकदम हल्का मेकअप रखें और केवल आंख, होंठ आदि फीचर्स को हाईलाइट करने पर ध्यान दें। मेकअप के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले समान में लेड यानी सीसा की मात्रा होती है जो सीधा आपके मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है। कई महिलाएं अक्सर चेहरे पर से डार्क स्पाट्स  पिगमैंटेशन को छुपाने के लिए ढेर सारा मेकअप थोप लेती हैं। हैवी मेकअप त्वचा के रोम छिद्रों को बाधित कर देता है जिस कारण मुहांसे पैदा होते हैं। इसके साथ ही इससे त्वचा समय से पहले ही झुर्रीदार हो जाती है। रात को सोते समय चेहरे के रोम छिद्रों को खुला छोड़ देना चाहिए, ताकि वे भी खुलकर सांस ले सकें। रातभर चेहरे पर मेकअप लगा रहने से भी त्वचा को भारी नुकसान पहुंच सकता है। रात को सोने से पहले त्वचा को सही ढंग से साफ करना बहुत जरूरी है, इससे चेहरे का मेकअप तो हटता ही है साथ ही धूल, प्रदूषण, चिपचिपापन आदि भी दूर होता है।

एक्सपायर्ड सौंदर्य उत्पाद : महिलाएं अक्सर महंगे सौंदर्य उत्पादों को खरीद तो लेती हैं लेकिन फिर उन्हें कीमती खजाने की तरह संभाल कर रखने की इच्छुक रहती हैं। इस तरह कई बार मेकअप के कई सामान बिना इस्तेमाल के ही खराब हो जाते हैं। इन उत्पादों में कुछ ऐसी सामग्री तथा प्रिजर्वेटिव मौजूद होते हैं जो एक्सपायरी डेट के बाद आपकी त्वचा तथा सेहत के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। एक्सपायर होने पर मेकअप के सामान में हानिकारक पदार्थ और बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं, जिससे पिग्मेंटेशन और रैशेज होने की आशंका बढ़ जाती है।  कट या चोट लगी जगह पर एक्सपायर्ड सौंदर्य उत्पादों का इस्तेमाल आपकी त्वचा के लिए हानिकारक हो जाता है। अगर आप एक्सपायर्ड आईलाइनर का इस्तेमाल करती हैं तो इससे आपकी आंखों में संक्रमण हो सकता है। एक्सपायर्ड कॉम्पैक्ट पाऊडर के प्रयोग से चेहरे पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं। इसके अलावा चेहरे पर दाने निकलना, त्वचा का लाल हो जाना और एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। तथ्य यह है कि आपको हमेशा सौंदर्य उत्पादों की शैल्फ लाइफ के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।

कलर्ड लैंसिंज : यूथ के बीच स्टाइलिश लुक के लिए कलरफुल लैंसिज का चलन आजकल खूब देखा जा रहा है। खासतौर पर गल्र्स तो इसकी दीवानी हैं। लेकिन अपनी स्टाइलिश आंखों से दूसरों को दीवाना बनाने के चक्कर में अक्सर वे अपनी आइ सेफ्टी का ध्यान रखना भूल जाती हैं। फैशन के साथ आंखों की सेफ्टी का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है, क्योंकि आंखें आपकी बॉडी के सबसे इम्पोर्टेंट पाट्र्स में से एक हैं। लैंस पहनने से पहले यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें स्टरलाइज कर लिया जाए क्योंकि  कम गुणवत्ता वाले कांटैक्ट लैंसिंज आंखों को प्रभावित कर सकते हैं। इसके साथ ही इस बात को भी यकीनी बनाएं कि लैंस का  आकार या डायामीटर कोॢनया को कवर करता हो। आपको किसी भी तरह का आई इंफेक्शन हो, कंजंक्टिवाइटिस, आई रेडनेस, अल्सर, ड्राईनेस, वॉटरी आईज या फिर हाल ही में कोई आई सर्जरी हुई हो, तो लैंस हरगिज न पहनें। बेहतर होगा कि आप लगातार छह घंटे से ज्यादा कलर्ड लैंंस न पहनें। अगर इससे ज्यादा पहनने की जरूरत हो, तो इन्हें निकालकर क्लीन कर लें। फिर उन्हें 20 मिनट तक रिहाइड्रेट करें। इसके बाद वापस इन्हें छह घंटे के लिए पहना जा सकता है। जिन लोगों को किसी तरह की आई एलर्जी है, वे किसी भी कंडीशन में छह घंटे से ज्यादा लैंस न पहनें। अगर आप डस्टी या स्मोकी एरिया में जा रहे हैं, तो आपको और भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। अगर आप डायबिटीक हैं, तो भी केयरफुल रहें। अगर आपकी आंखों में वाइट स्पॉट अपीयर होता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। यह विजन के लिए खतरनाक हो सकता है। लैंस पहनकर कभी न सोएं। किसी के साथ लैंस शेयर न करें। इससे माइक्रो ऑर्गनिज्म इंफैक्शन हो सकता है।

मेकअप शेयरिंग : महिलाएं अक्सर अपने मेकअप प्रोडक्ट्स अपनी सहेलियों के साथ शेयर कर लेती हैं। माना कि दोस्ती के नाते शेयरिंग की आदत बहुत अच्छी है लेकिन कभी-कभार यही अच्छी आदत आपकी सेहत के साथ खिलवाड़ भी कर सकती है। अगर आप अपना आई लाइनर, मस्कारा, फेस क्रीम या लिपस्टिक शेयर करती हैं तो सामने वाले की स्किन के बैक्टीरिया व जम्र्स आपके प्रोडक्ट के जरिए आप तक पहुंच कर आपको भी संक्रमित कर सकते हैं। लिपस्टिक, आई मेकअप इत्यादि की शेयरिंग से हर्पीज वायरस फैलने का खतरा अधिक होता है। लिपस्टिक शेयर करने का मतलब है किसी दूसरे की बीमारी को अपने पास बुलाना। किसी दूसरे की कंघी का इस्तेमाल न करें। इससे डैंड्रफ और बाल गिरने जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। आई लाइनर, काजल, मस्कारा इत्यादि शेयर करने से आंखों में कई तरह की इंफैक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है, जैसे-आंखों से पानी आना, लाल होना। सबसे ज्यादा जोखिम कंजक्टिवाइटिस का होता है। कीटाणुओं से भरे हाथों से कॉस्मैटिक का इस्तेमाल करने से संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बहुत बढ़ जाती है। मेकअप करने से पहले साबुन-पानी या हैंड सैनीटाइजर से अपने हाथ जरूर धो लें।