Tuesday, October 29, 2013

धनतेरस पर जब आप करें गोल्ड की शॉपिंग...

धनतेरस पर जब आप करें गोल्ड की शॉपिंग...

पूरे भारत में धनतेरस को शुभ दिन माना जाता है और इस दिन लोग सोने की खरीददारी को शुभ मानते हैं। अगर आप भी धनतेरस के शुभ अवसर पर गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जा रही हैं तो आपको गोल्ड की क्वालिटी और प्योरिटी का ख्याल जरूर रखना चाहिए, वरना आप ठगी जा सकती हैं। गोल्ड की खरीदारी करते वक्त धोखाधड़ी और ठगी से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। इससे आसमान छूती महंगाई में आपको राहत भी मिलेगी और साथ ही आपकी जेब भी नहीं कटेगी। गोल्ड की शुद्धता जांचने के कई तरीके हैं। इनका ध्यान रखकर आप अच्छी क्वालिटी का गोल्ड सही कीमत पर खरीद सकती हैं...

कैरट रेटिंग चेक करें
गोल्ड की प्योरिटी कैरट में मापी जाती है। कैरट के मुताबिक ही गोल्ड का प्राइस भी तय होता है। प्योर गोल्ड 24 कैरट में आता है लेकिन चूंकि यह बेहद सॉफ्ट होता है इसलिए ज्वेलरी बनाने के लिए इसमें इसमें कुछ इम्प्योरिटी डाली जाती है। कई बार ज्वेलर 24 कैरट गोल्ड के ही पैसे लगा लेते हैं लेकिन याद रखें 22 कैरट गोल्ड के लिए रेट अलग होगा और 18 कैरट के लिए अलग। इसलिए ज्वेलरी खरीदते समय इस बात का पूरा ख्याल रखें कि आप कितने कैरट की गोल्ड ज्वेलरी ले रहे हैं और उसी के हिसाब से पेमेंट करें।

हॉलमार्क चेक कर लें
आप जो ज्वेलरी खरीद रही हैं, उसके कैरट की पक्की गारंटी के लिए आप ज्वेलरी पर हॉलमार्क की स्टैंप जरूर चेक करें। गोल्ड की प्राइसिंग और क्वालिटी में यूनिफॉर्मिटी बनाए रखने के लिए गोल्ड ट्रेडिंग में हॉलमार्क सिस्टम लागू किया गया। अलग-अलग कैरट के लिए हॉलमार्क के अलग-अलग कोड हैं। हॉलमार्क का मतलब है कि हम गोल्ड खरीदने के लिए सही राशि खर्च कर रहे हैं। जब आप हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जाती हैं, तो सबसे पहले आपको ज्वेलरी में लगे हुए हॉलमार्क्स का स्टाम्प देखना होगा। इसे आप मैगनिफाइंग ग्लास के जरिए आसानी से देख सकती हैं।

गोल्ड रेट जरूर चेक करें
जब आप गोल्ड की शॉपिंग करने जाएं, तो गोल्ड रेट जरूर चेक कर लें। जिस वक्त आप पेमेंट करें, ज्वेलर से सोने-चांदी का रेट जरूर पूछ लें, क्योंकि सोने-चांदी का रेट हर पल बदलता रहता है। इसलिए पेमेंट बाजार के ‘हाजिर भाव’ के हिसाब से ही करें, वरना ज्वेलर आपसे ज्यादा रेट पर ज्वेलरी बेचकर आपकी मेहनत की कमाई पर अपना हाथ साफ कर सकता है।

रिटन में लें सारे फैक्ट्स
अगर आप अपनी पसंद का कोई गोल्ड सेट या बैंगल्स बनवा रही हैं, तो गोल्ड का रेट और डिलिवरी की डेट रिटन में ले लें, नहीं तो बाद में परेशानी हो सकती है।

रिटर्न पॉलिसी जान लें
ज्वेलरी खरीदते समय ज्वेलर या सेल्सपर्सन से रिटर्न पॉलिसी और प्रमाणिकता के सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी जरूर ले लें। हो सकता है कल को आपका अपनी ज्वेलरी बेचने या उसकी जगह कोई और डिजाइन लेने का मन बन जाए, तब यह सर्टिफिकेट आपके काम आएगा। दूसरे, इस सर्टिफिकेट से यह विश्वसनीय बन जाएगा कि आपने सॉलिड गोल्ड ज्वेलरी ही खरीदी है। याद रखें प्योर गोल्ड-रिटर्न के दौरान लेबर चार्जिस के अलावा कुछ और नहीं काटा जाता।

...तभी ज्लेवरी की चमक बनी रहेगी

अब जब आप इतनी कीमती गोल्ड ज्वेलरी खरीद रही हैं तो इसकी देखभाल भी उतनी ही जरूरी हो जाती है। गोल्ड की चमक सालों तक यूं ही बनी रहे इसके लिए आपको कुछ सावधानियां तो बरतनी ही होंगी। 
  • जब आप हेयर कलर या डाई लगाएं, तो सारी ज्वेलरी उतार दें।
  • साबुन या तेल के इस्तेमाल से ज्वेलरी की चमक फीकी पड़ जाती है। इसलिए नहाते समय ज्वेलरी निकाल दें।
  • इस्तेमाल के बाद ज्वेलरी को जब रखें, तो उसे मलमल या कॉटन में लपेट कर रखें। इससे इसकी चमक फीकी नहीं पड़ती।
  • ज्वेलरी को अगर पोंछना हो तो भी सिर्फ सॉफ्ट कपड़े का ही इस्तेमाल करना चाहिए और हल्के हाथ से ही साफ करना चाहिए। रगड़-रगड़कर साफ करने से वह टूट सकती है।

डायमंड

हीरे को महिलाओं का बेस्ट फ्रेंड कहा जाता है। डायमंड ज्वेलरी इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ स्टाइल स्टेटमेंट भी है। डायमंड्स पहनते ही युवतियों का हुस्न दमक उठता है। हीरे की परख उसकी चमक पर निर्भर होती है। डायमंड क्लैरिटी इसमें मौजूद इम्प्योरिटीज की टर्म्स पर आंकी जाती है। इसमें वीवीएस (वेरी वेरी स्लाइटली इम्परफेक्ट), वीएस (वेरी स्लाइटली इम्परफेक्ट), एसआई (स्लाइटली इम्परफेक्ट), आईएफ (इंटरनली फ्लालेस) और एफ (फ्लालेस)। इसी तरह डायमंड के कलर्स भी डी से जेड के बीच में लेबल किए जाते हैं। डायमंड का आईजीआई सर्टिफिकेट भी देखें, क्योंकि देखने में आया है कि अपने यहां अक्सर लोग इस पर समझौता कर जाते हैं। दुनिया में हीरे की ज्यूलरी की शुद्धता के दो ही प्रमाण पत्र सर्वमान्य हैं। ये जैमोलॉजिकल इंस्टीच्यूट ऑफ अमेरिका (जी.आई.ए.) और इंटरनेशनल जैमोलॉजिकल इंस्टीच्यूट (आई.जी.आई.) द्वारा जारी होते हैं।

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