‘मदर्स डे’ यानी मां को थैंक्स कहने का दिन
मदर्स डे हमारी संस्कृति का हिस्सा तो नहीं है क्योंकि हमारे यहां तो मां को वो जगह दी जाती रही है जो भगवान से भी ऊपर है। मां के प्यार और उसके अहसास को किसी खास दिन से बांधा नहीं जा सकता है, लेकिन हमारे देश में भी पश्चिमी देशों का असर बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते युवा मदर्स डे पर अपनी मां को अपने प्यार का अहसास करवाना नहीं भूलते।
कुछ साल पहले तक 'मदर्स डे' भारतीयों के लिए कोई खास अर्थ नहीं रखता था क्योंकि हमारे यहां संयुक्त परिवार थे। जब हमारे माता-पिता अधिकतर हमारे साथ ही रहा करते थे, तो ऐसे में भला हमें क्या आवश्यकता होती साल में एक दिन मां या पिता को समर्पित करने की। लेकिन आजकल बहुत से बच्चों को पढ़ाई या नौकरी के लिए मां से दूर रहना पड़ रहा है। किसी भी बच्चे के लिए अपनी मां के प्यार और दुलार को नजरअंदाज कर पाना आसान नहीं है, इसलिए कम से कम मदर्स डे को ही वे मां के लिए खास बनाना चाहते हैं।
रविवार को ‘मदर्स डे’ है। मदर्स डे यानी एक ऐसा दिन जब मां को यह अहसास कराया जाएगा कि हम उनसे कितना प्यार करते हैं। मां के प्रति अपनी भावनाएं व्यक्त करने का इससे बेहतर अवसर और क्या हो सकता है। अमेरिका में पीएचडी कर रहे रौनक महेश्वरी कहते हैं कि दूर रह कर मां के प्यार और उनके बनाए खाने को बहुत ज्यादा मिस करता हूं, हालांकि उनसे रोज़ाना वीडियो चैट और वीडियो कॉलिंग करता हूं, लेकिन इससे उनके दुलार और प्यार की कमी पूरी नहीं होती। इस बार मदर्स डे पर मैं उनका पसंदीदा खाना खुद बनाऊंगा और फिर वीडियो कॉल करके उनके साथ खाऊंगा। जानता हूं कि यह हम दोनों के लिए बेहद भावुक पल होंगे।
काफी सालों तक घर से बाहर नौकरी करने वाले अनूप लूथरा की ट्रांसफर मई में उनके अपने शहर चंडीगढ़ में हो गई है। उम्र चाहे उनकी 45 को पार कर चुकी है, पर हर बच्चे के लिए उसकी मां लाइफलाइन होती है। अनूप कहते हैं कि जब भी कभी घर आता था तो मां से अपनी पसंद का खाना बनवा कर खाता था। इस बार बहुत बरसों के बाद यह दिन मां के साथ बिता रहा हूं। पिता जी की मृत्यु के बाद मां काफी सालों से अकेली रह रही हैं। इस संडे पूरा दिन हम मां-बेटा एंजॉय करेंगे, और बचपन की यादों को ताजा करेंगे।
शालिनी सोनी चौहान जो अब खुद दो बेटियों की मां है, अपनी मां को अपना आइडियल मानती है। वह कहती हैं, ‘कौन-सी ऐसी चीज है जो यहां नहीं मिलती, सब कुछ मिल जाता है पर दुबारा मां नहीं मिलती। मेरी मम्मी मेरी बेस्ट फ्रेंड भी है। मैं अपनी हर बात मम्मी के साथ शेयर करती हूं। मां ने मुझे हर परिस्थिति में खुश रहना सिखाया है। हर गम को हंसते-हंसते सहना सिखाया है। मैं हर साल मदर्स डे सेलिब्रेट करती हूं। इस बार भी मैंने मम्मी के लिए कुछ सरप्राइज प्लान किया है, जिसे मैं अभी आपको नहीं बता सकती।’
- मीनाक्षी गांधी
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