स्मोकिंग छोड़ो, ज़िंदगी चुनो
जिन घरों में धूम्रपान किया जाता है, उन घरों के बच्चे तंबाकू के धुएं में ही सांस लेते हुए बड़े होते हैं और न चाहते हुए भी उन्हें 'धूम्रपान' की ज्यादतियों के शिकार होना पड़ता है। बच्चों में यह समस्या इसलिए और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि उनका विकास हो रहा होता है। पेसिव स्मोकिंग या सेकेंड हैंड स्मोकिंग भी बेहद खतरनाक है। सेकेंड हैंड स्मोकिंग के कारण हर साल अस्थमा के नए बाल रोगियों की संख्या बढ़ रही है। धूम्रपान का धुआं बच्चों में निमोनिया या पल्मोनरी ब्रोंकाइटिस अर्थात् सांस के साथ उठने वाली खांसी की समस्या पैदा कर रहा है। विकासशील देशों में हर साल 8 हज़ार बच्चों की मौत अभिभावकों द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के कारण होती है।31 मई को दुनियाभर में नो टोबैको डे के तौर पर मनाया जाता है। तम्बाकू से संबंधित बीमारियों की वजह से हर साल क़रीब 50 लाख लोगों की मौत हो रही है, जिनमें लगभग 15 लाख महिलाएं शामिल हैं। यदि इस समस्या को नियंत्रित करने की दिशा में कोई प्रभावी क़दम नहीं उठाया गया तो वर्ष 2030 में धूम्रपान के सेवन से मरने वाले व्यक्तियों की संख्या प्रतिवर्ष 80 लाख से अधिक हो जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में क़रीब 25 करोड़ लोग गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, हुक्का आदि के ज़रिये तम्बाकू का सेवन करते हैं।
आंकड़ों की मानें तो पूरे भारत में 10 फ़ीसदी महिलाएं विभिन्न रूपों में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। शहरी क्षेत्रों की 6 फ़ीसदी और ग्रामीण इलाकों की 12 फ़ीसदी महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। 151 देशों में किए गए सर्वे के मुताबिक़ लड़कियों में तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति लड़कों के मुक़ाबले ज़्यादा तेज़ी से बढ़ रही है। गर्भधारण की अवधि में सिगरेट या बीड़ी पीने वाली महिलाओं को कम वजन के बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती है और वे जल्दी किसी बीमारी से घिर जाते हैं। ऐसे बच्चों को दिमागी लकवे की शिकायत हो सकती है साथ ही सीखने में असमर्थता की भी समस्या होती है।
एक अध्ययन के अनुसार 91 प्रतिशत मुंह के कैंसर तम्बाकू से ही होते हैं। दिन में 20 सिगरेट पीने से महिलाओं में हार्ट अटैक का ख़तरा 6 गुना और पुरुषों में 3 गुना बढ़ जाता है। पहली बार हार्ट अटैक के लिए 36 फ़ीसदी मरीज़ों में स्मोकिंग ही ज़िम्मेदार होती है। ऐसे हार्ट पेशंट्स जो लगातार स्मोकिंग करते हैं उनमें दूसरे हार्ट अटैक का ख़तरा ज़्यादा रहता है साथ ही अकस्मात मौत का ख़तरा भी बढ़ जाता है।
धूम्रपान हानिकारक है, यह बात हरकोई जानता है, इसके चलते कई व्यक्ति इस आदत से छुटकारा भी पाना चाहते हैं, लेकिन धूम्रपान बंद करने पर विद्ड्रॉल सिम्पटम होते हैं। ये लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग होते हैं। आम तौर पर देखे जाने वाले लक्षण हैं: नींद आने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन, थकान, बेचैनी, मूड अजीब होना, अवसाद, एकाग्रता में दिक्कत, भूख कम या ज्यादा लगना, चक्कर आना, वजन बढ़ना, इत्यादि। धूम्रपान छोड़ने के दो-तीन हफ्ते तक ये लक्षण तीव्र होते हैं जिससे छोड़ने के इरादे पर कायम रहना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए आप किसी अच्छे काउंसलर और डॉक्टर की मदद ले सकते हैं।
वेरी इनफॉर्मेटिव
ReplyDeleteनाउ नो स्मोकिंग इन होम..... सुनील प्रभाकर
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