वक्त के साथ बदलना जरूरी: अमिषा पटेल


अपनी पहली ही फिल्म ‘कहो न प्यार है’  से रातों रात स्टार बनीं अभिनेत्री अमिषा पटेल ने अपनी खूबसूरती और चेहरे की मासूमियत से दर्शकों का खूब दिल जीता। इसके बाद ‘हमराज’ और ‘गदर-एक प्रेम कथा’ ने भी बॉक्स आफिस पर सफलता के खूब झंडे गाड़े  लेकिन इसके बाद अमिषा के नाम फ्लॉप फिल्मों की एक लंबी लिस्ट रही, हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि अमिषा पटेल एक बेहतरीन अभिनेत्री हैं...

अमिषा पटेल का जन्म 9 जून 1976 को अमित एवं आशा पटेल के घर में हुआ था। उन्हीं के नाम को जोड़ कर अमिषा नाम रखा गया। उनकी परवरिश दक्षिण मुंबई में ही हुई। अमिषा पटेल ने मेडफोर्ड के टफ्ट्स यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन किया। उसके बाद वह सत्यदेव दूबे के थिएटर ग्रुप की सदस्य बन गईं और नाटकों में काम करना शुरू कर दिया।

अमिषा, ‘फिल्म इंडस्ट्री की एकमात्र पढ़ी-लिखी अभिनेत्री हैं’ यह लिखा हुआ है अमिषा पटेल की आधिकारिक वैबसाइट पर। जी हां, अमिषा बायोजैनेटिक इंजीनियरिंग ग्रैजुएट हैं और अपने पढ़े-लिखे होने की बात वह खुलकर सगर्व करती भी हैं। वह बताती हैं, ‘‘जब मैंने बॉलीवुड में कदम रखा तो लोगों ने कहा कि अमिषा तुम इतनी पढ़ी-लिखी हो, यहां क्या करने आई हो। लोग इस तरह बात करते थे मानो बॉलीवुड में पढ़े-लिखे लोग सक्सैस नहीं पा सकते लेकिन मैंने साबित कर दिया कि पढ़े- लिखे होने के बावजूद आप पेड़ों के इर्द-गिर्द डांस कर सकते हैं।’’

नहीं मिली वांछित सफलता
साल 2000 में ऋतिक रोशन के साथ ‘कहो न प्यार है’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म के साथ बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री करने वाली और फिर ‘गदर-एक प्रेम कहानी’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म देने वाली अमिषा पटेल के साथ यह त्रासदी रही कि तमाम टैलेंट होने के बावजूद वह एक सफल अभिनेत्री का मुकाम हासिल नहीं कर पाईं। फिल्मी दुनिया में आए अमिषा को 12 साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन वह एक हिट फिल्म के लिए तरस रही हैं। बॉलीवुड में उनका करियर उस रफ्तार से आगे नहीं बढ़ पाया जिस स्पीड से उन्होंने शुरूआत में सफलता हासिल की थी।

फिल्मों में लंबी पारी
लगातार फ्लॉप फिल्में देने की वजह से अमिषा फिल्मी पर्दे से कुछ समय के लिए दूर हो गई थीं लेकिन बॉलीवुड की यह खूबसूरत और आकर्षक हसीना हर कीमत पर फिल्मों में अपनी पारी को लंबे से लंबा खींचना चाहती हैं। फिल्मों और अपने काम के प्रति समर्पण उन्हें सुनहरे पर्दे से ज्यादा समय तक दूर नहीं रख पाया। इसलिए वह आए दिन नए प्रयोग कर रही हैं। ‘ओम शांति ओम’ और ‘थोड़ा प्यार थोड़ा मैजिक’ में मेहमान कलाकार के तौर पर दिखाई दीं।

इस साल की शुरुआत में वह फिल्म ‘रेस 2’ में छोटी-सी भूमिका में दिखाई दीं और अब ‘शॉर्टकट रोमियो’ में लीड भूमिका में हैं। फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं करने के बारे में पूछने पर अमिषा ने कहा, ‘‘मुझे किरदारों में वर्सेटिलिटी पसंद है। एक ही तरह के किरदारों में मैं खुद को बांधना नहीं चाहती। यही कारण है कि अपने करियर की शुरूआत में ही मैंने ‘गदर-एक प्रेम कहानी’ में मां का रोल निभाने को हामी भर दी थी, जबकि यह एक पीरियड फिल्म भी थी। भूमिका में दम होना चाहिए, फिर उसकी लैंग्थ चाहे कितनी भी छोटी क्यों न हो। अब आप ही देखिए, ‘गदर’ कितनी बड़ी ब्लॉकबस्टर साबित हुई है। तब भी मैं अपने मन की बात सुनकर फैसला लेती थी और अब भी।’’ इस साल उनकी अन्य आने वाली फिल्में हैं, ‘रन भोला रन’ और ‘भैयाजी सुपरहिट’।

निजी जीवन में उतार-चढ़ाव
फिल्मकार विक्रम भट्ट के साथ रिश्तों के चलते अमिषा के अपने माता-पिता के साथ भी संबंधों में खटास आ गई थी। अपने निजी संबंधों में आई मुश्किलों के चलते अमिषा का फिल्मी करियर भी प्रभावित हुआ। इस बारे में वह बताती हैं, ‘‘मैं समझती हूं कि एक व्यक्ति और एक अदाकार के तौर पर हरेक की जिंदगी में अलग-अलग पड़ाव और मुकाम आते हैं। जिंदगी में कुछ भी हमेशा नहीं होता है। मेरे अच्छे समय की वापसी हुई है। मैं खुश हूं और उत्साहित हूं।’’ 

खुद को बदलने की कोशिश
हिट फिल्म की चाहत में अमिषा ने अपनी पुरानी इमेज का आईना तोड़ कर नई हॉट व सैक्सी इमेज के साथ कुछ फिल्मों में काम किया, पर बात वहां भी नहीं बनी। हाल ही में रिलीका हुई फिल्म ‘शॉर्टकट रोमियो’ में इंटीमेट सींस देकर अमिषा ने सक्सैस पानी चाही, लेकिन उनका यह फॉर्मूला किसी काम नहीं आया। फिल्म में उनके लव मेकिंग सींस चर्चा का खूब विषय तो बने, पर फिल्म न सिर्फ बुरी तरह से फ्लॉप रही बल्कि अमिषा  की एक्टिंग की भी काफी आलोचना हुई।

इस बारे में पूछने पर अमिषा कहती हैं, ‘‘हर एक कलाकार को परिवर्तन के दौर से गुजरना पड़ता है। अगर वह वक्त के साथ नहीं बदलेगा तो उसका करियर ही खत्म हो जाएगा। मैंने भी अपने आपको बदलने की पूरी कोशिश की है।’’

फिल्म निर्माण में आजमाएंगी किस्मत
अमिषा अब निर्माता बन चुकी हैं। साल 2011 में अमिषा ने अपने दोस्त और बिजनैस पार्टनर कुणाल गूमर के साथ अपनी प्रोडक्शन कंपनी ‘अमिषा पटेल प्रोडक्शन’ लॉन्च की थी। अमिषा अपना प्रोडक्शन हाऊस शुरू करने को एक एक्टर के तौर पर अपना एक्सटैंशन मानती हैं। इनकी प्रोडक्शन हाऊस की पहली फिल्म होगी ‘देसी मैजिक’।  इसमें अमीषा दोहरे किरदार में हैं और उम्मीद की जा रही है कि यह फिल्म इस साल के आखिर तक रिलीज हो जाएगी। ‘देसी मैजिक’ में उनके साथ जायद खान और रणधीर कपूर जैसे सितारे हैं। अपने इस नए काम के बारे में अमिषा बहुत चाव से बताती हैं, ‘‘ मैं इस फिल्म में एक वेश्या की भूमिका निभा रही हूं। मैं अपनी इस नई भूमिका को लेकर बेहद उत्साहित और रोमांचित हूं। मेरी फिल्म में जबरदस्त स्टारकास्ट है। मैं इस फिल्म को लेकर कतई चिंतित नहीं हूं, बल्कि उत्साहित हूं। हम सबने इस फिल्म में जमकर काम किया है। हम उम्मीद करते हैं कि लोग इस फिल्म को पसंद करेंगे।’’

बॉलीवुड पर ही नजर क्यों?

जिया खान की मौत पर पूछे सवाल के जवाब में अमिषा कहती हैं कि बॉलीवुड में तो 5-10 साल में कभी किसी के आत्महत्या करने की खबर मिलती है जबकि पढ़ाई में कम माक्र्स आने के चलते रोजाना कई छात्र-छात्राएं मौत को गले लगा रहे हैं।  विडंबना यह है कि अगर बॉलीवुड में कुछ होता है तो मीडिया में उस खबर को टी.आर.पी. के लिए बहुत ज्यादा उछाला जाता है।

पंजाब से बेहद लगाव
अमिषा कहती हैं कि पंजाबियों से उन्हें खास लगाव है। पंजाबियों की मेहमाननवाकाी की तो वह कायल हैं। साथ ही उनका यह भी मानना है कि जब भी उन्होंने पंजाबी लड़की का किरदार निभाया, उन्हें दर्शकों ने बेहद पसंद किया। पंजाबी फुलकारी वाले सूटों, दुपट्टों और परांदों की शौकीन अमिषा बताती हैं, ‘‘लोग मुझे सीधी-सादी पंजाबी लड़की की भूमिका में ज्यादा पसंद करते हैं। ‘हमराज’, ‘हनीमून ट्रैवल्स’ और ‘गदर’ में मैंने पंजाबी का ही रोल निभाया था और ‘गदर’ तो इतिहास बन गई। अब भी मैं ‘देसी मैजिक’ में पंजाबी लड़की का ही किरदार निभा रही हूं। इसमें मेरा डबल रोल है और दोनों ही भूमिकाएं पंजाबी कुड़ी की हैं। इसलिए उम्मीद भी है कि फिल्म को दोहरी सफलता मिलेगी।’’ 

पंजाबी फिल्मों में काम की इच्छा
अमिषा को पंजाबी फिल्में देखने का भी शौक है। पंजाबी उन्हें समझ तो नहीं आती, लेकिन वह सबटाइटल्स के साथ फिल्म देखती हैं। ‘जट्ट एंड जूलिएट’ और ‘कैरी ऑन जट्टा’ की तो वह तारीफ भी खूब करती हैं। पंजाबी फिल्मों में काम करने के बारे में पूछने पर अमिषा मुस्कुराती हुई कहती हैं, ‘‘अगर मुझे ‘जट्ट एंड जूलिएट 2’ में काम करने का ऑफर मिलता तो मैं बहुत खुशी से उसे स्वीकार करती। अब भी अगर कोई अच्छी पंजाबी फिल्म मुझे ऑफर होती है तो मैं उसमें काम करना चाहूंगी। ‘कैरी ऑन जट्टा 2’ अगर कभी बने तो मैं उसे अपने प्रोडक्शन हाऊस में बनाना चाहती हूं। मैं तो मानती हूं कि तमिल और तेलुगु फिल्मों का रीमेक बनाने की बजाय अब बॉलीवुड को पंजाबी फिल्मों का रीमेक बनाने की सोचनी चाहिए।’’

भावी राजनीतिज्ञ
अमिषा के दादा-दादी राजनीति में थे और इंदिरा  गांधी के काफी नजदीकी भी। इसके चलते काफी समय से कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भी राजनीति में आ सकती हैं। जब इस संभावना के बारे में बात हुई तो पहले तो अमिषा ने अपने दादा-दादी की खूब तारीफ की और फिर अपने पढ़े-लिखे होने पर भी गर्व जताया। अमिषा का कहना था कि वह राजनीति में अपनी किस्मत जरूर आजमाना चाहती हैं, पर अभी उनका पूरा ध्यान फिल्मों पर ही केंद्रित रहेगा। हालांकि वह अपने दादा-दादी की विरासत को आगे भी बढ़ाना चाहती हैं।

सेफ है बॉलीवुड लड़कियों के लिए
बॉलीवुड में कास्टिंग काऊच के बारे में अमिषा बताती हैं, ‘‘यहां भी लड़कियां उतनी ही सेफ या अनसेफ हैं जितनी कि वे कार्पोरेट वल्र्ड में हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि बॉलीवुड में जब भी कुछ होता है तो उसमें लोगों की रुचि बहुत रहती है जिसके चलते छोटी-सी बात भी स्कैंडल बन जाती है, जबकि कार्पोरेट की दुनिया में लोगों की ऐसी कोई च्वाइस नहीं है। यहां भी कोई लड़की अपनी मेहनत और टैलेंट के बल पर सफलता पा सकती है। प्रॉब्लम वहां होती है जहां लड़कियां शॉर्टकट लेती हैं।’’

बेटी और बहू हों एक समान
समाज में बेटी और बहू के बीच के भेदभाव से अमिषा काफी दुखी हैं। उनका मानना है कि बेटियों को भी बेटों के बराबर आगे बढऩे के अवसर मिलने चाहिएं और घर में बहू और बेटी के बीच की दूरी भी खत्म होनी चाहिए। एक घर की बेटी ही दूसरे घर की बहू बनती है। अमिषा इस बारे में बात करते हुए कहती हैं, ‘‘मेरा तो यह कहना है कि लड़कियों को सिर्फ घर के कामों तक ही सीमित न रखा जाए, बल्कि उन्हें पढऩे का पूरा मौका मिले और साथ ही करियर में आगे बढऩे के लिए भी उन्हें पर्याप्त अवसर मुहैय्या करवाए जाएं।’’                                                                                                                                                         —मीनाक्षी गांधी