इमोशंस की भी मजबूत परत है "तलाश": रितेश सिधवानी
रितेश
सिधवानी ने 2001 में अपने मित्र फरहान अख्तर के साथ "दिल चाहता है" से
फिल्म व्यवसाय में शुरूआत की थी। इस फिल्म के लिए सिधवानी को उनका पहला
राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इस फिल्म में आमिर खान, सैफ अली खान और अक्षय
खन्ना ने अभिनय किया था जबकि फरहान अख्तर ने इसका निर्देशन किया था।
उन्हें "रॉक वन!" के लिए दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। बाद में उन्होंने
"डॉन-द चेज बिगिंस", "हनीमून ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड", "लक्ष्य" और
"जिंदगी ना मिलेगी दोबारा" जैसी सफल फिल्मों का निर्माण किया है। "ज़िंदगी न
मिलेगी दोबारा" को सर्वाधिक १३ नामांकन प्राप्त हुए और इसने सात श्रेणियों
में बाज़ी मारी और सर्वाधिक पुरस्कार जितने वाली २०११ की फ़िल्म बन गई।
30 नवंबर को रिलीज हो रही फिल्म "तलाश" में मुख्य
भूमिका निभाने के अलावा आमिर इसके सह निर्माता भी हैं। फिल्म को आमिर खान
प्रोडक्शंस और रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर का प्रोडक्शन हाउस एक्सेल
एंटरटेनमेंट मिलकर बना रहे हैं। 10 साल बाद आमिर के साथ दोबारा सिधवानी ने
"तलाश" में काम किया है। सिधवानी ने बताया कि जब उन्हें "तलाश" की कहानी
सुनाई गई थी, तब उनके दिमाग में एक ही नाम था आमिर खान। आमिर को फिल्म में
लेने के लिए उन्होंने दो साल तक इंतजार भी किया है। आमिर फिल्म 'तलाश' में
एक पुलिस ऑफिसर का किरदार निभा रहे हैं।
बतौर सिधवानी "तलाश" एक मिस्ट्री फिल्म जरूर है लेकिन
इसमें भावनाओं की भी एक मजबूत परत है। किसी अपने से बिछुड़ने का दर्द आप इस
फिल्म में बखूबी महसूस कर सकते हैं। इसमें आमिर खान, रानी मुखर्जी और
करीना कपूर मुख्य भूमिकाओं में है। फ़िल्म का संगीत राम संपथ द्वारा किया
गया है और जावेद अख्तर ने गानों को लिखा है।
फिल्म की प्रोमोशन के लिए सिधवानी, अभिनेता आमिर खान
और निर्देशक रीमा काग्टी के साथ जालंधर आए हुए थे। इस दौरान उन्होंने पंजाब
केसरी वेबसाइट के पाठकों के लिए एक विशेष इंटरव्यू दिया और उसमें पंजाब के
साथ अपने लगाव और फिल्म निर्माण से जुड़ी कई बातों को सांझा किया।
फिल्म निर्माण की दुनिया में कदम रखने के बाद से रितेश
ने कई नए निर्देशकों को प्रस्तुत किया है। वह कहते हैं, "नई प्रतिभाओं के
साथ काम करना हमेशा फायदेमंद रहता है क्योंकि उनसे आपको बहुत कुछ सीखने को
मिलता है। तलाश की लेखक और निर्देशक रीमा काग्टी के काम से वह बहुत
प्रभावित हैं और राइटर डायरेक्टर कॉम्बीनेशन उन्हें ज्यादा कारगर लगता है।
उनके अनुसार जब फिल्म का राइटर ही फिल्म को डायरेक्ट कर रहा होता है, तो वह
बेहतर तरीके से जानता है कि उसे किसी सीन को किस तरीके से फिल्माना है।
उन्होंने कहा, "मैं अपने निर्देशकों को पूरी स्वतंत्रता देता हूं अच्छी टीम
हो तो सही प्रतिभा हमेशा कामयाब होती है।"
सिधवानी का ससुराल कपूरथला में है और जालंधर में भी
उनके कई रिश्तेदार रहते हैं, इसलिए वो पंजाब के साथ वह भावनात्मक तौर पर
जुड़े हुए हैं। डॉन और जिंदगी न मिलेगी दोबारा की शूटिंग उन्होंने चंडीगढ़
में भी की। जालंधर और पंजाब के दूसरे जिलों में भी वह शूटिंग करने की उनकी
बड़ी इच्छा है। उन्होंने बताया कि जब भी उन्हें कोई ऐसी स्क्रिप्ट मिलती है
जिसमें पंजाब से जुड़ी कोई कहानी हो, तो वह यहां आकर शूटिंग करेंगे।
जिस मुकाम को पाने के लिए लोगों की पूरी जिंदगी लग
जाती है, वह सिधवानी को बहुत यंग एज में ही पा लिया है। इस बारे में
सिधवानी बताते हैं कि जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो खुद पर बहुत गर्व
होता है। लेकिन जब आपकी पहचान बन जाती है तो लोगों की आपसे उम्मीदें भी बढ़
जाती हैं। इसलिए फिल्म बनाते समय हमेशा जिम्मेदार बने रहना पड़ता है।
सिधवानी ने इंडस्ट्री के लगभग सभी टॉप हीरोज के साथ
काम किया है, उनके फेवरिट हीरो के बारे में पूछने पर पहले तो सिधवानी सोच
में पड़ गए, फिर उन्होंने इतना ही कहा कि सब हीरोज के साथ काम करने का अलग
ही मजा है। सबके साथ काम करके अच्छा लगा, शाहरुख, आमिर और ऋतिक के साथ तो
वो दो-दो फिल्में कर चुके हैं।
- मीनाक्षी गांधी
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