Wednesday, July 31, 2013

किडनी के दोस्त हैं ये आहार

आज कल लोग अपनी सेहत को लेकर बहुत जागरूक हो गए हैं, चाहे बात हो हैल्दी हार्ट की या फिर किडनी को साफ रखने की। यह बहुत जरूरी है कि हम अपनी किडनियों को साफ सुथरा रखें जिससे उनमें स्टोन न जम पाएं। हर साल लाखों लोगों को किडनी में स्टोन यानी पथरी की समस्या आती है। कई लोगों को पथरी वशांनुगत होती है तो कई लोगों को खाद्य पदार्थों के सेवन से हो जाती है। सही प्रकार के आहार खाने से हम किडनी में बनने वाली पथरी को रोक सकते हैं। प्रतिदिन 2-3 लीटर पानी पीने से किडनी की पथरी से बचा जा सकता है। चलिये जानते हैं कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ जो हमारी किडनियों को हमेशा साफ रखेंगे और  किडनी स्टोन का संकट हम पर नहीं आने देगें।

पत्ता गोभी

ब्रोकली, फूलगोभी और गांठ गोभी, ये सभी पत्तागोभी के परिवार के ही सदस्य हैं। पत्ता गोभी अनेक पौष्टिक खनिज लवणों और विटामिंस का स्रोत है। यह हरी सब्जी किडनी के लिए बहुत अच्छी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें पोटैशियम की मात्रा कम होती है और विटामिन के की मात्रा अधिक होती है। पत्ता गोभी में मोटापा, कैंसर और अल्सर से लडऩे के प्राकृतिक तत्व भी पाए जाते हैं। बारिश के समय पत्तागोभी पर कीड़े भी हो सकते हैं इसलिए पत्तागोभी को अच्छी प्रकार से धोकर, साफ करके ही काम में लें।

लाल अंगूर

क्या कभी दवा भी मीठी और स्वादिष्ट हो सकती है? अगर आप इस सवाल का जवाब ‘ना’ में देंगे तो आप गलत हैं। मीठे और रसीले लाल अंगूर कई बीमारियों की स्वादिष्ट दवा जैसे ही हंै। अंगूर स्वादिष्ट होने के साथ ही पौष्टिक और सुपाच्य होने के कारण आरोग्यकारी फल है। लाल अंगूर हृदय और किडनी के लिए अच्छे माने जाते हैं। लाल अंगूर किडनी और लीवर से पानी और सारे विषैले तत्व बाहर  निकाल देता है और किडनी को हैल्दी रखता है। इससे कब्ज की शिकायत भी दूर हो सकती है और पेट व आंत की बीमारियों में भी सुधार आ सकता है।

स्ट्रॉबेरी

 अगर आप स्ट्रॉबेरी नहीं खाते, तो अब खाना शुरू कर दीजिए। स्ट्रॉबेरी ना केवल स्वाद में ही लाजवाब होती है मगर इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इसमेंफ्लेवोनॉइड, फोलेट, केंफेरॉल, विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट, फाइटोकैमिकल और फाइबर पाया जाता है। इसमें मौजूद फिनॉल्स की पर्याप्त मात्रा इसे एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइन्फ्लामेट्री गुणों से भरपूर बनाती है। इन्हीं गुणों के कारण यह किडनी और हृदय के लिए अच्छी मानी जाती है। साथ ही इस फल में फोलेट होता है जोकि लाल रक्त कोशिकाओं का निमार्ण करता है।

धनिया

हमारे बड़े-बुजुर्ग धनिया के औषधीय गुणों से भली-भांति परिचित थे इसीलिए प्राचीन समय से ही धनिया का उपयोग भारतीय भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। यह पूरी सेहत को सही करता है। एंटी ऑक्सीडेंट, विटामिन ए, सी और कई मिनरलों से भरपूर धनिया के सेवन से किडनी स्टोन की समस्या दूर होती है और किडनी भी साफ होती है।

सेब

सेब पौष्टिक तत्वो का घर है।  सेब में चूंकि साइडर सिरका अच्छी मात्रा में होता है, इसलिए यह गुर्दे की पथरी को बनने से रोकने में मदद करता है। यह पाचन तंत्र सही करता है और जल्द हजम भी हो जाता है। सेब का छिलका शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि सेब का छिलका उतारे बिना उसे खाना चाहिए वरना सेब से फाइबर का लाभ नहीं मिल सकेगा। फाइबर पूरे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है।

जामुन

प्रकृति की ओर से जामुन एक अनमोल तोहफा है। जामुन स्वाद में खट्टा-मीठा होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। अम्लीय प्रकृति के कारण सामान्यत: इसे नमक के साथ खाया जता है। इसमें ग्लूकोज और फ्रक्टोज दो मुख्य स्रोत होते हैं। फल में खनिजों की संख्या अधिक होती है। जामुन में  काबरेहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है। यह आयरन का बड़ा स्रोत है। इसमें विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि किडनी की सफाई करके उसे स्वस्थ बनाता है। इतना ध्यान रहे कि इसे कभी खाली पेट नहीं खाना चाहिए और न ही इसके खाने के बाद दूध पीना चाहिए।

अदरक

विशिष्ट गुणों से भरपूर अदरक का इस्तेमाल कई बड़ी-छोटी बीमारियों में भी किया जाता है। ताजा अदरक में 81 फीसदी पानी, 2.5 फीसदी प्रोटीन, 1 फीसदी वसा, 2.5 फीसदी रेशे और 13 फीसदी कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसके अलावा अदरक में आयरन, कैल्शियम, आयोडीन, क्लोरीन व विटामिन सहित शरीर के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह अपने सफाई के गुणों की वजह से जाना जाता है। यह शरीर में खून की सफाई और किडनी से विषैले तत्वों को बाहर निकालता है। अदरक की तासीर गर्म होती है। जिन व्यक्तियों को गर्मी के मौसम में गर्म प्रकृति का भोजन न पचता हो, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए और यदि आवश्यकता हो तो कम से कम मात्रा में प्रयोग करना चाहिए।

करौंदा

 करौंदे के फल में आयरन और विटामिन सी प्रचुरता से पाए जाते हैं। इनमें बहुत सारा एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। यह किडनी से यूरिक एसिड को बाहर निकालता है, जिसमें से करौंदा सबसे बैस्ट माना जाता है। इसमें यूरिक एसिड और यूरिया को निकालने की क्षमता होती है।  करौंदे में कुछ शक्कर और फ्लेवेनॉयड यौगिक पाए जाते हैं जो बैक्टीरिया को कोशिकाओं की परत और मूत्राशय में चिपकने से रोकते हैं। यूरीनरी ट्रैक के लिए करौंदा बहुत फायदेमंद है। इसका सेवन यूरिन के संक्रमण से दूर रखता है और प्रोस्टेट कैंसर से बचने में मदद करता है।

लाल शिमला मिर्च

लाल शिमला मिर्च में विटामिन ए, सी, ई, बी6, फोलिक एसिड, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन और खनिज पदार्थों का संगम घरेलू दा के रूप में काम करता है। कटी हुई लाल शिमला मिर्च का एक कप हमें 190 मिलीग्राम विटामिन सी उपलब्ध करवाता है। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रणाली की रक्षा करने वाले प्राकृतिक किलर सेल्स के स्टार को ऊंचा उठती है। लाल शिमला मिर्च में कैरोटेनॉयड्स होते हैं। इसके अलावा इसमें पोटैशियम की मात्रा भी कम होती है। बवासीर और गैस्ट्रिक अल्सर के रोगियों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

दही

 भारतीय संस्कृति में चिरकाल से दही की महत्ता को स्वीकार किया गया है। आज भी शुभ कार्य के लिए जाते समय घर के बुजुर्ग दही खाकर जाने को कहते हैं। दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। दूध की अपेक्षा दही में कैल्शियम 18 गुना अधिक होता है। दूध के अंदर जो जीवित कीटाणु होते हैं, वे दही के साथ जम जाने पर दूध से कई गुना अधिक लाभप्रद हो जाते हैं। उनमें पाचन की बड़ी विलक्षण शक्ति आ जाती है और भूख खुलकर लगती है। दही में किडनी की बीमारियों को रोकने की अद्भुत क्षमता है। इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होता है जो किडनियों की सफाई करता है। सायंकालीन भोजन व रात्रि में दही का सेवन नहीं करें। खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें। सर्दी, खांसी, अस्थमा के रोगियों को भी दही से परहेज करना चाहिए।

ऑलिव ऑयल

ऑलिव ऑयल में बहुत सारे स्वास्थ्यवर्धक गुण होते हैं, क्योंकि इसमें मोनोसेचुरेटडि फैट्स होते हैं जो हमारे कोलेस्ट्रॉल लैवल को कम करते हैं, विशेषकर एलडीएल को। इसलिए यह हमारी किडनियों के लिए भी अच्छा होता है। अगर आप सलाद पर म्योनीज या अन्य किसी ड्रेंसिग का प्रयोग करते हैं तो उसे बन्द कर सलाद पर हल्का-सा ऑलिव ऑयल का छिड़काव करें। खाना बनाने के लिए भी ऑलिव ऑयल सबसे बढिय़ा ऑप्शन है। फर्क आप स्वयं महसूस करेंगे।

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