Tuesday, July 30, 2013

मम्मी मेकओवर सर्जरी से परफैक्ट लुक

मम्मी मेकओवर सर्जरी से परफैक्ट लुक

इसमे कोई दो राय नहीं है कि सुंदर दिखने की चाह हर किसी के मन में होती है। लेकिन समय के साथ खूबसूरती की अवधारणा में बदलाव आ रहा है। प्रतिस्पर्धा कड़ी हो रही है। प्रतिस्पर्धा ने खूबसूरती और स्मार्टनेस को सीधे-सीधे कॅरियर से जोड़ दिया है। युवाओं को लगता है कि स्मार्ट दिखना उनके कॅरियर का सकारात्मक पक्ष है। इसलिए वे खुद को ज्यादा जवान और युवा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। जिन लोगों को अपने चेहरे और शरीर में कोई भी खामी महसूस होती है वे इसे दूर करने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की मदद लेने से संकोच नहीं करते। एक खास बात यह भी है कि परफैक्ट लुक आत्मविश्वास जगाता है जो कि सफलता के लिए बहुत जरूरी है।
मां बनने के बाद और उम्र बढऩे से भी कुछ शारीरिक बदलाव आ जाते हैं जिनके कारण महिलाएं हीन भावना का शिकार हो जाती हैं और अपनी पहली-सी त्वचा और काया पाने को तत्पर रहती हैं। प्लास्टिक सर्जरी में अब एक नया कॉन्सैप्ट आया है जिसे मम्मी मेकओवर कहते हैं। बच्चे पैदा करने के उपरांत आई समस्याओं का समाधान इस सर्जरी से किया जा सकता है। पहले प्लास्टिक सर्जरी का चलन इतना नहीं था जितना आज है। ‘परफैक्ट लुक’ आज समय की मांग बन गया है। जानिए क्या हैं ये बदलाव और कैसे इन्हें ठीक किया जा सकता है:

1. ब्रैस्ट: 

ब्रैस्ट एक मॉडिफाइड स्वेट ग्लैंड है। प्रेग्नेंसी के साथ इनका विकास होता है और आकार में वृद्धि होती है। ब्रैस्ट में मैमरी टिश्यूज़ के अलावा काफी चर्बी भी होती है। जब वज़न बढ़ता है तो ब्रैस्ट में चर्बी भी बढ़ जाती है। आकार में वृद्धि हो जाने की वजह से ब्रैस्ट ढीली पड़ सकती है जिस वजह से ब्रैस्ट ड्रूप कर सकती है और ढीलापन आ जाता है।

ट्रीटमेंट: ढीले पड़े ब्रैस्ट्स की सर्जरी को मैमोपैक्सी कहते हैं। इस द्वारा निप्पल को ऊपर शिफ्ट किया जाता है और ब्रैस्ट्स को दोबारा शेप दी जाती है। इस सर्जरी को कई महिलाओं ने अपनाया और वे इसके रिजल्ट्स से संतुष्ट भी हैं। छोटी ब्रैस्ट्स को सिलिकॉन इम्लांट्स द्वारा बड़ा किया जाता है। यह सेफ और लॉन्ग लास्टिंग है। इसमें ब्रैस्ट को छेड़ा नहीं जाता बल्कि इसके पीछे स्पेस क्रिएट करके इम्पलांट डाला जाता है। इस सर्जरी के एक दिन बाद महिला घर जा सकती है।

2. पेट:

पेट की त्वचा ढीली हो सकती है और स्ट्रैच मार्क्स बन सकते हैं। चर्बी भी जम सकती है।
ट्रीटमेंट: पेट पर जमी चर्बी जो एक्सरसाइज़ और खाने-पीने में बदलाव के बावजूद ठीक नहीं हो पाती है, उसे लिपोसक्शन से ठीक किया जा सकता है। यह की-होल सर्जरी है और अगले ही दिन मरीज घर जा सकता है। इसमें एक बहुत ही महीन कन्नूला के द्वारा चर्बी को निकाल दिया जाता है। अगर महिला अपना वज़न नियंत्रित रखे तो यह एक स्थाई इलाज है। लटके हुए और ढीले पेट के लिए एब्डोमिनोप्लास्टी की जाती है। इस द्वारा पेट खोले बिना, पेट की दीवार से फ्लैप उठा कर अतिरिक्त त्वचा और चर्बी को निकाल दिया जाता है और नाभि को ठीक जगह स्थानांतरित कर दिया जाता है। साथ ही पेट की दीवार मजबूत बनाई जाती है। इस दौरान मरीज को 3-4 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है। वे महिलाएं जो वैस्टर्न ड्रैसिज पहनना पसंद करती हैं, पर नाभि के नीचे बढ़े हुए पेट के कारण कांशस रहती हैं, उनके लिए यह सर्जरी एक बेहतरीन ऑप्शन है।

3. कूल्हे, जांघें और बाजू: 

कूल्हे, जांघों और बाजुओं पर फैट सबसे ज्यादा इक्ट्ठा हो जाती है।
ट्रीटमेंट: कूल्हों, जांघों और बाजुओं पर जमी फैट को लिपोसक्शन द्वारा कम किया जा सकता है।

4. चेहरा: 

चेहरे की स्किन पर पिग्मेंटेशन हो सकती है और फैट भी जम सकती है। अधिक उम्र में प्रेग्नेंसी के उपरांत चेहरे पर झुर्रियां भी पड़ सकती हैं और डबल चिन की प्रॉब्लम भी हो सकती है।
ट्रीटमेंट: चेहरे पर पिग्मेंटेशन को लेज़र द्वारा ठीक किया जा सकता है। उम्र बढऩे पर त्वचा में महीन लकीरों को भी लेज़र फोटोरिजुविनेशन द्वारा हटाया जा सकता है। त्वचा पर पड़ी गहरी लाइंस को नॉन सर्जिकल टैक्नीक जैसे कि फिल्लर्स से ठीक किया जा सकता है। बोटॉक्स चेहरे के नीचे मसल्स को सुन्न कर त्वचा पर लकीरों या झुर्रियों को रोकने में सहायता करता है। फेसलिफ्ट सर्जरी द्वारा उम्र में 10-15 साल कम किए जा सकते हैं। आजकल मिनी फेसलिफ्ट किया जाता है जिसमें समय कम लगता है और इसका असर लंबे समय तक रहता है।
ब्रोलिफ्ट:  सर्जरी से माथे की लकीरें और ढीली पड़ीं भवें ठीक की जा सकती हैं। पलकों में ढीलापन और झुर्रियों को बलेफरोप्लास्टी से ठीक किया जा सकता है। यह एक ओपीडी प्रक्रिया है जिसमें मरीज कुछ ही घंटों में घर वापस जा सकता है। जीनीयोप्लास्टी द्वारा छोटी या बड़ी ठोढ़ी को सही किया जा सकता है। चीलोप्लास्टी द्वारा पतले या मोटे होंठों को ठीक किया जा सकता है। रईनोप्लास्टी से मोटी या टेढ़ी या चील की चोंच जैसी या धसी हुई नाक को ठीक किया जा सकता है। फूले हुए नथुनों को भी ठीक किया जा सकता है। डबलचिन करैक्शन लिपोसक्शन द्वारा ठीक की जा सकती है।

5. जैनिटल पैसेजिस:  

जैनिटल पैसेजिस में ढीलापन आ जाता है।
ट्रीटमेंट: नॉर्मल डिलीरी के बाद और उम्र के साथ योनि में आया ढीलापन या झुर्रियां भी प्लास्टिक सर्जरी से ठीक की जा सकती हैं। जैनिटल पैसेजिस की करैक्टिव सर्जरी हो जाती है और इसमें सिर्फ एक ही दिन अस्पताल में रहना पड़ता है।

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