Saturday, May 11, 2013

डायमंड इज फॉरएवर

 डायमंड इज फॉरएवर


हीरे को महिलाओं का बेस्ट फ्रेंड कहा जाता है। डायमंड ज्यूलरी इन्वेस्टमेंट के साथ-साथ स्टाइल स्टेटमेंट भी है। डायमंड्स पहनते ही युवतियों का हुस्न दमक उठता है...



पिछले कुछ अर्से से ज्यूलरी  के ट्रेंड में तेजी से बदलाव आया है। प्रेशियस ज्यूलरी में गोल्ड का एकाधिकार कम होता जा रहा है। अब लोग डायमंड ज्यूलरी को भी तवज्जो देने लगे हैं। ‘जौहरी ही जानता है हीरे की कद्र’ या ‘आदमी क्या है, बस यह समझो हीरा है हीरा’ आदि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में बोले जाने वाले कुछ ऐसे वाक्य हैं, जिनसे आप हीरे की अहमियत का अनुमान लगा सकती हैं। तभी तो कहते हैं कि डायमंड इका फॉरएवर।

कलिनन, कोहिनूर, आरलाफ, अकबर शाह, ग्रेट मुगल, रीजेंट, डडले, स्टार ऑफ द साऊथ आदि हीरे के कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने संसार भर में प्रसिद्धि हासिल की है। भारत, दक्षिण अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका हीरे के सबसे बड़े उत्पादक देश हैं। संसार भर में हीरे के उत्पादन का 97 प्रतिशत भाग यहीं से प्राप्त होता है। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में भुजगावन क्षेत्र से हीरे की सर्वाधिक मात्रा में प्राप्ति होती है, जो भारत में प्राप्त होने वाली इसकी मात्रा का 95 प्रतिशत है।

इटालियन डिजाइंस
मार्कीट में विभिन्न ब्रांड्स की डायमंड ज्यूलरी की हैवी और सिम्पल दोनों लुक में बड़ी रेंज मौजूद है। आजकल अनकट डायमंड, जिसे पोलकिया कहते हैं, चलन में है। इसे 24 कैरेट सोने या कुंदन में बनाया जाता है। यह आपके एक अलग ही अंदाज को बयां करेगी। राऊंड, पीयर, स्कवेयर, ओवल और एमेराल्ड के अलावा हार्ट शेप्ड डायमंड ज्यूलरी ने भी महिलाओं में अपनी धाक बनाई हुई है। कुछ इटालियन डिजाइंस भी ट्रेंड में हैं जिन्हें 18 कैरेट सोने और डायमंड में बनाया जाता है। इनमें  ज्योमेट्रिकल शेप में डायमंड जड़े होते हैं। व्हाइट गोल्ड के अलावा, येलो, पिंक और लाइम ग्रीन गोल्ड में भी शानदार ज्यूलरी बन रही है।

अफोर्डेबल रेंज
ऐसा माना जाता है कि अपनी जिंदगी में हीरे के आभूषण पहनना लगभग हर स्त्री की चाहत होती है। इसी को मद्देनजर रखते हुए नाजुक-सी दिखने वाली डायमंड ज्यूलरी अफोर्डेबल रेंज में भी उपलब्ध है। आप 3,000-5,000 रुपए में डायमंड नोज़ पिन या पेंडेंट खरीद सकती हैं। डायमंड ब्रेसलेट की कीमत 30,000 हजार रुपए और डायमंड  सेट की कीमत 50,000 रुपए से शुरू होती है। कॉलेज गोइंग गर्ल्स डायमंड ज्यूलरी की इस अफोर्डेबल रेंज को खरीदने को बेताब नजर आती हैं, हालांकि जो लोग महंगी ज्यूलरी खरीद सकते हैं वे बड़े हीरों से जड़े गहने पसंद करते हैं।

माइक्रो डायमंड ज्यूलरी
आजकल कई धातुओं को मिला कर ज्यूलरी बनाने का चलन है, जिसमें सफेद सोना, गुलाबी सोना यहां तक कि तांबे को मिला कर बनाई गई ज्यूलरी भी चलन में है। सोना, प्लेटिनम और चांदी तीनों के साथ ही डायमंड खूब जंचता है। डायमंड  के साथ अन्य धातुओं को मिलाकर बनाए गए गहने भी पसंद किए जा रहे हैं। आजकल माइक्रो सेटिंग ज्यूलरी भी खूब चलन में है। इसमें चूरा अर्थात् बारीक हीरे जड़े जाते हैं। यह इकोनॉमी वर्ग की खास पसंद है। जाहिर है कि इनकी तुलना कीमती हीरों से तो नहीं हो सकती लेकिन इनके जरिए आप हीरा पहनने का सपना तो पूरा कर ही सकती हैं।

बेस्ट गिफ्ट
डायमंड में तरमनियां सेट, नेकलेस सेट, पेंडेंट सेट व लांग सेट सहित कई तरह के सेट ट्रेंड में हैं। बड़े पेंडेंट सेट्स का क्रेज़ अभी भी कायम है। विभिन्न टी.वी. सीरियलों में पहनी जाने वाली डायमंड ज्यूलरी के डिज़ाइन भी महिलाओं को आकर्षित करते हैं। अवार्ड फंक्शंस में जानी-मानी हस्तियों द्वारा पहनी गई डायमंड ज्यूलरी से भी महिलाएं खूब प्रभावित होती हैं। गिफ्ट में लोग हीरे की अंगूठी देना सबसे  ज्यादा पसंद करते हैं। डायमंड की ज्यूलरी में 80 प्रतिशत वापसी की गारंटी होने के कारण भी इन्वेंस्टमेंट को ध्यान में रख कर ज्यूलरी खरीदने वाली महिलाओं में इसका रुझान बढ़ा है।

स्टाइल स्टेटमेंट
डायमंड ज्यूलरी सुंदरता के साथ-साथ आपकी पर्सनेलिटी को भी निखारती है। इसे इंडियन या फैशनेबल वेस्टर्न किसी भी तरह की ड्रेस के साथ पहना जा सकता है। डायमंड ज्यूलरी खास मौकों पर भी आपको नोटिसेबल बनाती है और डेली यूज में भी कूल लुक देती है।

पुरुष भी हुए क्रेजी
हीरे के लिए महिलाओं की ललक तो जगजाहिर रही है लेकिन अब पुरुषों में भी इसका क्रे़ज़ बढ़ता जा रहा है। पहले ज्यादातर पुरुष जहां सोने की अंगूठी, चेन आदि ही पहनते थे, पर अब बदलते दौर में वे घडिय़ों, कफलिंक्स, टाई पिंस, कुर्ता बटन, ईयररिंग्स, मोबाइल, कोट के बटनों और पेन में भी हीरे का प्रयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं। हालांकि इसकी मांग अभी भी महिलाओं के हीरे के आभूषणों के मुकाबले बेहद कम है।

खुद बनें डिजाइनर
आजकल महिलाएं ऐसी ज्यूलरी पसंद कर रही हैं, जो उनके बजट में तो फिट बैठे ही, डिजाइनर भी हो। इसके लिए वे खुद ही अपनी क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करके ज्यूलरी डिजाइन कर रही हैं। अगर आपको भी मार्कीट में उपलब्ध ज्यूलरी पसंद न आ रही हो, तो अपने मनमाफिक डिजाइन बनवाने के लिए आप ज्यूलर के स्टॉक में मौजूद ज्यूलरी आइटमों में फेरबदल करवा कर अपनी पसंद की ज्यूलरी पहन कर चहक सकती हैं। आप मैगजीन में छपी तस्वीर को दिखा कर भी वैसा ही डिजाइन बनवा सकती हैं। जरूरत और पसंद के अनुसार  ज्यूलरी डिजाइन करवाना और बनवाना अपनेपन का अहसास जगाता है और जब लोग इसकी तारीफ करते हैं, तो आपका मन भी खुश हो जाता है।

तभी बनता है बेशकीमती

खान से पत्थर के रूप में निकले हीरे को नग का रूप प्राप्त करने तक चार प्रमुख क्रियाओं से गुजरना पड़ता है, वे हैं क्लीवेज, कटिंग, पॉलिशिंग और सेटिंग। इस सबके लिए इसे कुशल कारीगरों के हाथों में से गुजरना पड़ता है, जो काट-तराश कर इसको बेशकीमती बना देते हैं। हीरे को कैरेट में मापा जाता है, एक कैरेट की माप 0.200 ग्राम यानी 200 मिलीग्राम के बराबर मानी गई है। हीरे की चार प्रमुख किस्में हैं- विशिष्ट, बोर्ट, बेल्स और कार्बनेडो। इनमें सिर्फ विशिष्ट ही उत्तम, पूर्ण स्फटिक, पारदर्शी और बेशकीमती होता है, जो आभूषणों में जड़ने के काम आती है। शेष का उपयोग उद्योग-धंधों में ही होता है।

हीरे की परख
हीरे की परख उसकी चमक पर निर्भर होती है। देश में सोने की तरह हीरे की ज्यूलरी के लिए शुद्धता के मानक नहीं हैं और खरीदारों को भी हीरे की परख नहीं है, जिसके चलते अधिकतर डायमंड ज्यूलरी अमानक स्तर की है। हालांकि लैब में हीरे की क्वालिटी को आसानी से परखा जा सकता है। हमें इसका पता तब चलता है जब हम इसे बेचने के लिए दूसरी जगह जाते हैं। दुनिया में हीरे की ज्यूलरी की शुद्धता के दो ही प्रमाण पत्र सर्वमान्य हैं। ये जैमोलॉजिकल इंस्टीच्यूट ऑफ अमेरिका (जी.आई.ए.) और इंटरनेशनल जैमोलॉजिकल इंस्टीच्यूट (आई.जी.आई.) द्वारा जारी होते हैं।

ऐसा नहीं होता
आपने फिल्मों या धारावाहिकों में सुना होगा कि हीरे को चाटने पर इंसान की मृत्यु हो जाती है लेकिन यह महज एक  भ्रांति है। इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है।

—मीनाक्षी गांधी

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