Friday, May 3, 2013

हॉटैस्ट फैशन वियर खादी की साड़ी

हॉटैस्ट फैशन वियर
खादी की साड़ी

खादी यानी स्वदेशी। खादी यानी भारतीयता की पहचान।
खादी की साड़ी आज कल हॉटैस्ट फैशन वियर है और स्टेटस सिंबल बनती जा रही है। यह  छह गज की साड़ी आर्ट वर्क की तरह है, जो ट्रैडिशनल तो है पर मॉडर्न भी है। यहां तक कि इंटलैक्चुअल दिखने की चाहत में आम लड़कियां भी खादी की साड़ी पहने इतरा रही हैं...

टैक्नीकली हम कितनी भी तरक्की कर लें, पर हाथ से बनी चीज का महत्व कभी कम नहीं हो सकता। यही हाल टैक्सटाइल्स का भी है। ट्रैडिशनल टैक्सटाइल अब स्टेट्स सिंबल बनता जा रहा है। फैशन की दुनिया में अगर फैब्रिक्स की बात करें तो खादी की अपनी अलग जगह है। फैशन डिजाइनरों ने खादी को काफी स्टाइलिश कर दिया है। खादी ने अपना रंग-रूप तो बदला है, लेकिन उसके चाहने वालों में कमी नहीं आई है। खादी की शुरूआत तो अंग्रेजों की नीतियों का विरोध करने के लिए हुई थी लेकिन आज यह एक फैशन ट्रैंड बन चुकी है। हथकरघे से बने वस्त्र अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी चमक बिखेर रहे हैं।

भारतीय संस्कृति में सादगी व सुंदरता की प्रतीक साडिय़ां आज फैशन स्टेटमेंट बन गई हैं, जिसे हॉट और ग्लैमरस लुक पाने के लिए भी पहना जाता है। आज भले ही डैनिम और वैस्टर्न ड्रैसेज का दौर हो, लेकिन खादी की साड़ी बड़ा ट्रैंड बनती जा रही है। खादी की साड़ी हर फैशन पसंद महिला की वार्डरोब का अहम हिस्सा बन चुकी है। साड़ी एक ऐसा परिधान है जो हर उम्र व कद-काठी की महिला पर फबता है। इसे पहनने के अंदाज से मोटे से पतला व पतले से मोटा लगा जा सकता है। इसमें हर महिला की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। इसी के चलते आधुनिक फैशनपरस्त महिलाएं भी अपनी वार्डरोब में परिवर्तन कर रही हैं और आधुनिक पोशाकों के साथ-साथ साडिय़ों को भी इसमें सजा रही है। कुछ महिलाएं खादी की साड़ी पहनने को अपनी परंपरा और पर्यावरण से जुडऩा मानती हैं, तो कुछ इसके क्लासिक लुक की तारीफ करती नहीं थकतीं।
 
डिजाइनर हुआ हैंडलूम
यूं तो एलिगेंट और इंडियन लुक के लिए खादी हमेशा ही प्रिफर की जाती रही है, लेकिन हैंडलूम बाजार ने अपने महत्व को बरकरार रखने के लिए काफी मेहनत भी की है। यही कारण है कि खादी का जादू आज भी कायम है। खादी अब डिजाइनर हो चुकी है। खादी की बढ़ती लोकप्रियता का ही कमाल है कि देशभर के फैशन डिजाइनर हैंडलूम में नए एक्सपेरिमेंट्स कर रहे हैं, खादी के नए-नए कलैक्शंस लान्च कर रहे हैं। डिजाइनरों ने फिर से इसे फैशन में ला दिया है और इसी के चलते खादी की साड़ी फैशन वर्ल्ड में अपना असर दिखाने लगी है।
वार्डरोब का अहम हिस्सा
कहते हैं कि अगर किसी महिला की वार्डरोब में साड़ी नहीं तो समझो वह अभी अधूरा है। खादी की ढेरों किस्में आने से खादी की साड़ी और खादी से बने परिधान अब महिलाओं की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। हर फैशन पसंद महिला खादी की साड़ी को अपनी वॉर्डरोब में शामिल कर रही है। हैंडलूम साडिय़ों को न सिर्फ क्लासी, बल्कि एलीगेंट और स्टेटस सिंबल भी माना जाता है।
 
फिगर फ्रैंडली साड़ी
सुरुचिपूर्ण ड्रैस पहनना एक टाइमलैस टेस्ट है। हैंडलूम का नाम लेते ही मोटे कपड़ों की तस्वीर कोहन में उभरती थी और आमतौर पर यंग गल्र्स को लगता था कि हैंडलूम की साडिय़ों को पहनने के बाद वे मोटी लगेंगी। लेकिन ऐसा नहीं है। हैंडलूम साडिय़ों में ढेरों वैरायटी और डिजाइंस उपलब्ध हैं। इनमें हल्का फैब्रिक इस्तेमाल किया जाता है और ये सभी फिगर फ्रैंडली हैं।
 
एलीट क्लास की पसंद
खादी की साडिय़ों का क्रेज महिलाओं और लड़कियों में बहुत अधिक है। एलीट क्लास में खादी की साडिय़ों को हमेशा ही बेहद पसंद किया जाता रहा है। अब आधुनिक फैशनपरस्त लड़कियां भी खादी की साड़ी की ओर आकर्षित हो रही हैं। इसे पहनकर भारतीय महिलाएं अपनी परंपराओं को सहेजने के साथ-साथ कुछ अलग दिखाई देने में भी सक्षम हुई हैं। जो गल्र्स सोशलाइट या इंटलैक्चुअल इलीट क्लास में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं, खादी की साड़ी पहनने को खूब तवज्जो देती हैं।
 
दिखेंगी सबसे जुदा
अगर आप किसी पार्टी में सबसे डिफरेंट और एलिगेंट लुक में दिखना दिखना चाहती हैं, तो हैंडलूम की साड़ी से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। खास मौकों पर खादी की साड़ी बेहद ग्रेसफुल लुक देती है। किसी भी पार्टी में चमकीली-चटक रंग वाली साडिय़ां पहने महिलाओं के बीच खादी की साड़ी आपको भीड़ से अलग दिखाती है। आपको चाहे सादगी पसंद हो या आप स्टाइलिश महिला हों, हैंडलूम में हर टेस्ट के अनुसार साड़ी उपलब्ध होती है।
 
बेहतरीन डिजाइनिंग के लिए
खादी की साडिय़ों के लिए आप अपने शहर के शोरूम में जा सकती हैं, लेकिन अगर आपको कुछ खास डिजाइन खरीदना हो तो हैंडलूम एक्सपो या एक्जीबिशंस में जरूर जाएं। यहां बुनकर डायरैक्ट आते हैं, इसलिए यहां मिलने वाली साडिय़ों की डिजाइनिंग भी काफी हटकर होती है। इसके अलावा शोरूम की अपेक्षा यहां खादी की साड़ी में आपको काफी रीजनेबल रेट में एंटीक डिजाइन और हैंड वर्क पैटन्र्स भी मिल जाएंगे। 
 
युवाओं का स्टाइल मंत्र
खादी और हाथ से बुने डिजाइंस आज का स्टाइल मंत्र बन गए हैं। खादी जितनी स्टाइलिश है, उतनी ही आरामदायक भी। खादी स्किन फ्रैंडली है और बेहद कम्फर्टेबल भी। खादी हल्की बुनी होने के कारण ठंडी रहती है। खादी के बने कपड़े गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम के अनुकूल होते हैं। गर्मी के मौसम में ये पसीने को सोख लेते हैं। इसे पहनने के बाद आप स्टाइलिश दिखने के साथ-साथ कंफर्ट भी महसूस करती हैं। इसके चलते भी युवा वर्ग खादी को खासी तवज्जो देने लगा है।
 
अलग फैब्रिक बेस
साड़ी में वैरायटी का कोई अंत नहीं है। खादी की साडिय़ों में क्रेप, कॉटन, जॉर्जेट, नैट, सिल्क-कॉटन और सिल्क फैब्रिक का बेस पसंद किया जाता है। साथ ही इन साडिय़ों पर किए वर्क और जहां यह वर्क किया जाता है, वहां के नाम से ये साडिय़ां मशहूर होती हैं। जैसे कांचीपुरम में पाए जाने वाले सिल्क की बनी साड़ी कांचीपुरम कहलाती है। मध्यप्रदेश की चंदेरी और माहेश्वरी आदि जगहों की साडिय़ां भी इसी नाम से जानी जाती हैं। 
 
कलर्स में भी एक्सपेरिमेंट
खादी के परंपरागत अवतार में सुंदरता और स्टाइल पर अधिक जोर नहीं दिया गया, यहां तक कि कपड़े को डाई भी नहीं किया जाता था। पर अब खादी की साडिय़ों के कलर्स में भी एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं। टीनएजर्स से लेकर युवाओं में इकोफ्रैंडली होने के बढ़ते क्रेज के चलते भी खादी फैशन का पैमाना बनकर उभर रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि खादी में ईको फ्रैंडली कलर्स का उपयोग किया जाता है। खादी के आकर्षण को बढ़ावा देने के मद्देनजर कपड़े की डाई के लिए अच्छे ऑर्गेनिक रंगों के इस्तेमाल से लेकर मुलायम और एक समान फिनिशिंग पर ध्यान दिया जा रहा है। खादी की साड़ी अब बेहतरीन डिजाइंस के साथ-साथ कंट्रास और लाइट व पेस्टल कलर्स में भी उपलब्ध हो रही है, जिससे ये डीसेंट व फैशनेबल दोनों ही लुक देती है।
-मीनाक्षी गांधी
http://epaper.punjabkesari.in/magazine/fullstory/30100902_324489

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