Thursday, March 21, 2013

कुदरती रंगों से खेलें सेहतमंद होली

कुदरती रंगों से खेलें सेहतमंद होली
पहले लोग फूलों और सब्जियों का प्रयोग करके होली के रंग बनाते थे। पर समय के साथ पक्के कलर्स के लिए कैमिकल का प्रयोग किया जाने लगा, परन्तु इन कलर्स के साइड इफैक्ट्स को देखते हुए लोग पुराने ट्रेंड को फॉलो करने लगे हैं...

चारों तरफ होली की धूम मची है। युवा होली पर हुड़दंग मचाने के लिए बेहद रोमांचित हैं, पर रंगों में छिपे केमिकल्स के कारण कई लोग होली से दूर हो रहे हैं। साथ ही ये पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। हम अपने पारम्परिक त्योहार पूरी मस्ती और उल्लास से मना सकें इसलिए पलाश, जासौन, चंदन, गुलाब आदि से तैयार कई तरह के हर्बल कलर्स भी मार्किट में उपलब्ध हैं। इन कलर्स से होली खेलने पर स्किन पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होते, साथ ही जब ये पानी या हवा के साथ पर्यावरण में मिलते हैं तो नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।

लाल रंग: लाल गुलाब की सूखी पत्तियां पीस व छान कर इस लाल पानी में मिला कर लाल रंग तैयार कर सकते हैं। खुशबू के लिए आप इसमें रोज़ एसेंस भी डाल सकते हैं। रतनजोत को पानी में उबाल कर ठंडा कर लें। फिर उसमें पानी मिलाने से गीला लाल रंग तैयार होता है। जब हल्दी के ऊपर नींबू का रस गिराया जाता है तो उसका रंग लाल हो जाता है। इसे पानी के साथ मिलाकर गीले लाल रंग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। टमाटर या गाजर के पेस्ट को पानी के साथ मिलाकर भी लाल रंग तैयार किया जा सकता है। सूखे लाल चंदन को आप लाल गुलाल की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। यह सुर्ख लाल रंग का पाउडर होता है और स्किन के लिए भी अच्छा होता है। लाल चंदन पाउडर को पानी के साथ उबाल लें। इसके बाद इसमें और पानी डाल लें। होली के लिए लाल रंग तैयार है। गुलमोहर की सूखी पत्तिायों को पीस कर लाल गुलाल बनाया जा सकता है। अनार के छिलकों को पानी में उबालकर भी लाल रंग बनाया जा सकता है। सिन्दूरिया के बीज लाल रंग के होते हैं, इनसे आप सूखा व गीला लाल रंग बना सकते हैं। बुरांस के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर भी लाल रंग बनाया जा सकता है, लेकिन यह फूल सिर्फ पहाड़ी इलाकों में ही पाया जाता है।

नारंगी रंग: टेसू (पलाश) के फूलों को रातभर पानी में भिगो कर बहुत ही खूबसूरत नारंगी रंग बनाया जा सकता है। कहते हैं भगवान श्रीकृष्ण भी टेसू के फूलों से ही होली खेलते थे। टेसू के फूलों के रंग को होली का पारम्परिक रंग माना जाता है। पलाश के फूलों से बने रंगों से होली खेलने से शरीर में गर्मी सहन करने की शक्ति बढ़ती है और रक्त संचार सुचारू रहता है। एक चुटकी चंदन पाउडर को करीब एक लीटर पानी में भिगो देने से नारंगी रंग बन जाता है। हरसिंगार और सेमल के फूलों को पानी में भिगो कर भी नारंगी रंग बनाया जा सकता है। सूखा नारंगी रंग बनाने के लिए टेसू या ढाक के फूलों को सूखा कर पाउडर बना लें और फिर इसमें टेलकम पाउडर मिला दें।

गुलाबी रंग: चुकंदर को कद्दूकस कर लें और इसे रात भर पानी में भिगो दें। बहुत ही सुंदर गुलाबी रंग तैयार हो जाएगा। गहरे गुलाबी रंग के लिए आपको कसे हुए चुकंदर को एक लीटर पानी में उबाल कर ठंडा करना होगा। गुलाबी कचनार के फूलों को पानी में उबालने या रात भर ऐसे ही छोड़ देने से भी गुलाबी रंग तैयार होता है।

पीला रंग: हल्दी को पानी में अच्छी तरह मिला लें। अगर आपको गाढ़ा पीला रंग चाहिए तो थोड़े से पानी के साथ हल्दी को आप उबाल भी सकते हैं। पीले रंग में गोल्डन टच देने के लिए आप इसमें एक चम्मच नारियल का तेल भी मिला सकते हैं। मिठाइयों में पडऩे वाले पीले रंग का भी उपयोग कर सकते हैं। गेंदे के फूलों को पानी में मिलाकर उबालें और रातभर भीगा रहने दें। सुबह तक बेहद खूबसूरत पीला रंग तैयार हो जाएगा। अमलतास, गेंदा व पीले सेवंती के फूलों से भी पीला रंग बनाया जा सकता है। फूलों की पंखुडिय़ों को छाया में सुखाकर महीन पीस लें। इसमें आप बेसन भी मिला सकते हैं या सिर्फ फूलों का पाउडर ही इस्तेमाल कर सकते हैं। टेलकम पाउडर और हल्दी पाउडर मिलाकर भी सूखा पीला रंग बना सकते हैं। मुल्तानी मिट्टी को बारीक पीसकर शानदार पीला रंग बना सकते हैं।

हरा रंग: सूखे मेहंदी पाउडर को आप हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आप सूखी मेहंदी लगाते हैं तो इसे यूं ही झाड़ कर साफ किया जा सकता है, पर गीली मेहंदी से स्किन पर रंग चढऩे का खतरा रहता है। इसलिए आप बेझिझक इसे दोस्तों के बालों पर लगा सकते हैं। धनिया, पालक, मेथी, पुदीना, बथुआ, टमाटर की हरी पत्तियां आदि हरी सब्जियों की पत्तियों को सूखाकर पीस लें या इनकी पत्तियों का पेस्ट पानी में घोलकर गीला हरा रंग बना सकते हैं। गुलमोहर की पत्तियों को सुखाकर महीन पाउडर कर लें, इसे आप हरे रंग की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

नीला रंग: नीले जासवंती के फूलों से आप नीला रंग बना सकते हैं। जासवंती के फूलों को सुखाकर उसका पाउडर बना लें और इसकी मात्रा बढ़ाने के लिए आटा मिला लें। जामुन को बारीक पीस लें और इसमें पानी मिला लें। इससे बहुत ही खूबसूरत नीला रंग तैयार हो जाएगा। नील पेड़ के फूल या जकारांडा के सूखे फूलों को पीस कर पानी में घोल कर नीला रंग तैयार कर सकते हैं। पांच चम्मच नील को एक बाल्टी पानी में घोल कर आप ढेर सारा नीला रंग तैयार कर सकते हैं।

भूरा रंग: पान के साथ खाए जाने वाले कत्थे में पानी मिलाने से भूरा रंग तैयार होता है। चाय या कॉफी को पानी में उबाले। फिर इसे ठंडा कर भूरे रंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।

काला रंग: सूखे आंवले को किसी लोहे के बर्तन में उबाल कर उसे रात भर वैसे ही छोड़ दें। सुबह उसमें पानी मिलाकर उसे काले रंग के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। काले अंगूर का जूस निकाल कर उसमें पानी मिलाने से भी काला रंग तैयार होता है।

No comments:

Post a Comment