प्यार भरे मस्ती के रंग
* होली का त्यौहार दोस्तों और घरवालों के साथ मस्ती करने के लिए होता है। दोस्तों के साथ होली खेलने से पहले घर वालों के साथ ही खेलनी चाहिए। तड़के उठकर घर के बड़े-बुजुर्गों को तिलक लगाकर होली विश करने के बाद देखें कि कौन है जो सो रहा है। इस दिन जो भी सुबह देर तक सोता हुआ मिले, उसे रावण का रूप देने से जरा भी परहेज न करें। उठाएं ब्लैक मार्कर और बना दें दाढ़ी-मूंछ। साथ ही खूब सारे रंग भर कर पूरा कार्टून बनाने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोडऩी चाहिए।
*होली की जान हैं रंग और गुलाल। रंगों के त्यौहार का रंगों के बगैर कोई मतलब ही नहीं है। अब सवाल उठता है कि किसे रंग लगाया जाए और कैसे। हम हरेक को तो पकड़-पकड़ कर रंग लगा नहीं सकते। इसलिए आप अलग-अलग साइज की पिचकारियां खरीदें और इनमें भरें हर्बल कलर्स। रंगों में विविधता जरूर रखें, जैसे सुर्ख गुलाबी, चटखीला पीला और गहरा हरा। आपकी ड्रैस ऐसी हो कि उसमें होली के पैकेट्स आप आसानी से छिपा सकें। तो जब भी कोई सामने आए, आप दिखाएं अपना जादू और ‘बुरा न मानो होली है’, बोलते हुए अपनी जेबें ढीली कर दें।
*जिन दोस्तों को होली खेलना पसंद न हो उन्हें तो रंगने में मजा ही बहुत आता है। ध्यान रखना आज कोई भी ऐसा व्यक्ति न हो जिसको रंग न लगा हो। आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है कि होली के दिन कोई रंगों से न नहाए। आप सीधे उनके घर पहुंच जाएं और डोरबैल बजा दें। दरवाजा न खुले तो दीवार फांद कर अंदर आने की धमकी दें। अब तो दरवाजा खुल ही जाएगा। घर में घुसने के बाद दोस्त को प्यार से गले मिलें और फिर अचानक रंग बरसा दें। अब गले लगाने की बारी आपके दोस्त की है। ध्यान रखना अब वह भी आपको छोड़ेगा नहीं। पर आपको भी बुरा नहीं मानना चाहिए, बुरा न मानो होली है।
*अगर किसी को आप सामने से रंगने की हिम्मत न जुटा पाएं, तो छोटी पिचकारी आपके काम आने वाली है। बड़ी पिचकारी आपके हाथ में देखकर तो लोग संभल जाएंगे, सावधान हो जाएंगे, पर छोटी पिचकारी आपके मिशन को सफल बनाएगी। जिसे आपने रंगना है उसे आप पीछे से या पास से गुजरते हुए मनचाहे निशाने पर दे मारो पिचकारी और फिर देखो नजारा। अगर उसकी नजर आप पर पड़ ही गई तो वहां से गुजर रहे किसी और शख्स पर रंग डालने का आरोप लगाते हुए वहां से सटक लेने में ही अक्लमंदी है।
*पिचकारी से थोड़ा-सा रंग डाल कर दिल को तसल्ली नहीं होती। होली की खुशी तभी होती है जब सामने वाले को पकड़ कर अच्छी तरह रंगों से सराबोर कर दिया जाए। आप पीछे से उनके चेहरे पर रंग मल दें पर ध्यान रखें रंग आंखों में न जाए। आप दोस्तों को सामने से मुस्कुराते हुए होली विश करें और गले लगाएं, जैसे ही अलग होने लगें, अचानक से रंगों का हमला बोल दें। ध्यान रहे दोस्त को संभलने का मौका नहीं मिलना चाहिए।
*छिप कर वार करने के लिए गुब्बारा बढिय़ा हथियार रहेगा। इसमें भरें कीचड़ (जिसे आटे या मैदे में आंवले का पानी डाल कर बनाया है) और सफेद कपड़ों को बना दें ब्लैक एंड व्हाइट। गुब्बारा जरा ध्यान से फैंकें क्योंकि इसमें आपको सैकंड चांस मिलने वाला नहीं है। अगर आपका निशाना चूक गया और यह रास्ते में ही फट गया तो सामने वाला सावधान हो जाएगा।
*वैसे तो होली पर अंडे फैंकना अच्छा नहीं माना जाता लेकिन अगर आप इन्हें दोस्तों पर ट्राई करना चाहते हैं तो जरूर कर सकते हैं। पर ध्यान रखें आपका निशाना पक्का होना चाहिए और अंडा सीधा सिर पर ही फूटना चाहिए। अगर आपका निशाना सही नहीं है तो आप होली से पहले गुलेल के साथ अंडा फैंकने की प्रैक्टिस कर सकते हैं क्योंकि ‘प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफैक्ट’। अब देखते हैं आपके अंडों से कौन बच पाता है।
बच्चों के पास ऐसे ढेरों आइडियाज होते हैं जिनसे वे अपनी होली में मस्ती के रंग भर सकते हैं, तो क्यों न इस बार आप भी होली कुछ इस तरह से खेलें कि वह यादगार बन जाए और आप अपने बचपन को एक बार फिर से जी लें। लोगों को रंगने के नए-नए आइडियाज ट्राई करने में हर्ज भी क्या है, लेकिन बच्चों की तरह होली पर हंसी-ठिठोली और मौज-मस्ती करने के लिए आपको सबसे पहले अपनी झिझक को दूर करना होगा। बेझिझक हो कर ही आप खेल सकते हैं मस्ती भरी होली। होली के दिन आप रंग के बहाने दूसरों पर अपना प्यार बरसा सकते हैं। हम होली पर आपको कुछ इंट्रस्टिंग आइडियाज दे रहे हैं जो फंकी होने के साथ-साथ क्रिएटिव भी हैं। आप जम कर पार्टी करें और हुड़दंग मचाएं लेकिन ध्यान रखें हुड़दंग जैसे भी मचाएं पर उसमें परंपरा का पालन करने की गुंजाइश जरूर हो।
* होली का त्यौहार दोस्तों और घरवालों के साथ मस्ती करने के लिए होता है। दोस्तों के साथ होली खेलने से पहले घर वालों के साथ ही खेलनी चाहिए। तड़के उठकर घर के बड़े-बुजुर्गों को तिलक लगाकर होली विश करने के बाद देखें कि कौन है जो सो रहा है। इस दिन जो भी सुबह देर तक सोता हुआ मिले, उसे रावण का रूप देने से जरा भी परहेज न करें। उठाएं ब्लैक मार्कर और बना दें दाढ़ी-मूंछ। साथ ही खूब सारे रंग भर कर पूरा कार्टून बनाने में भी कोई कोर-कसर नहीं छोडऩी चाहिए।
*होली की जान हैं रंग और गुलाल। रंगों के त्यौहार का रंगों के बगैर कोई मतलब ही नहीं है। अब सवाल उठता है कि किसे रंग लगाया जाए और कैसे। हम हरेक को तो पकड़-पकड़ कर रंग लगा नहीं सकते। इसलिए आप अलग-अलग साइज की पिचकारियां खरीदें और इनमें भरें हर्बल कलर्स। रंगों में विविधता जरूर रखें, जैसे सुर्ख गुलाबी, चटखीला पीला और गहरा हरा। आपकी ड्रैस ऐसी हो कि उसमें होली के पैकेट्स आप आसानी से छिपा सकें। तो जब भी कोई सामने आए, आप दिखाएं अपना जादू और ‘बुरा न मानो होली है’, बोलते हुए अपनी जेबें ढीली कर दें।
*जिन दोस्तों को होली खेलना पसंद न हो उन्हें तो रंगने में मजा ही बहुत आता है। ध्यान रखना आज कोई भी ऐसा व्यक्ति न हो जिसको रंग न लगा हो। आखिरकार ऐसा कैसे हो सकता है कि होली के दिन कोई रंगों से न नहाए। आप सीधे उनके घर पहुंच जाएं और डोरबैल बजा दें। दरवाजा न खुले तो दीवार फांद कर अंदर आने की धमकी दें। अब तो दरवाजा खुल ही जाएगा। घर में घुसने के बाद दोस्त को प्यार से गले मिलें और फिर अचानक रंग बरसा दें। अब गले लगाने की बारी आपके दोस्त की है। ध्यान रखना अब वह भी आपको छोड़ेगा नहीं। पर आपको भी बुरा नहीं मानना चाहिए, बुरा न मानो होली है।
*अगर किसी को आप सामने से रंगने की हिम्मत न जुटा पाएं, तो छोटी पिचकारी आपके काम आने वाली है। बड़ी पिचकारी आपके हाथ में देखकर तो लोग संभल जाएंगे, सावधान हो जाएंगे, पर छोटी पिचकारी आपके मिशन को सफल बनाएगी। जिसे आपने रंगना है उसे आप पीछे से या पास से गुजरते हुए मनचाहे निशाने पर दे मारो पिचकारी और फिर देखो नजारा। अगर उसकी नजर आप पर पड़ ही गई तो वहां से गुजर रहे किसी और शख्स पर रंग डालने का आरोप लगाते हुए वहां से सटक लेने में ही अक्लमंदी है।
*पिचकारी से थोड़ा-सा रंग डाल कर दिल को तसल्ली नहीं होती। होली की खुशी तभी होती है जब सामने वाले को पकड़ कर अच्छी तरह रंगों से सराबोर कर दिया जाए। आप पीछे से उनके चेहरे पर रंग मल दें पर ध्यान रखें रंग आंखों में न जाए। आप दोस्तों को सामने से मुस्कुराते हुए होली विश करें और गले लगाएं, जैसे ही अलग होने लगें, अचानक से रंगों का हमला बोल दें। ध्यान रहे दोस्त को संभलने का मौका नहीं मिलना चाहिए।
*छिप कर वार करने के लिए गुब्बारा बढिय़ा हथियार रहेगा। इसमें भरें कीचड़ (जिसे आटे या मैदे में आंवले का पानी डाल कर बनाया है) और सफेद कपड़ों को बना दें ब्लैक एंड व्हाइट। गुब्बारा जरा ध्यान से फैंकें क्योंकि इसमें आपको सैकंड चांस मिलने वाला नहीं है। अगर आपका निशाना चूक गया और यह रास्ते में ही फट गया तो सामने वाला सावधान हो जाएगा।
*वैसे तो होली पर अंडे फैंकना अच्छा नहीं माना जाता लेकिन अगर आप इन्हें दोस्तों पर ट्राई करना चाहते हैं तो जरूर कर सकते हैं। पर ध्यान रखें आपका निशाना पक्का होना चाहिए और अंडा सीधा सिर पर ही फूटना चाहिए। अगर आपका निशाना सही नहीं है तो आप होली से पहले गुलेल के साथ अंडा फैंकने की प्रैक्टिस कर सकते हैं क्योंकि ‘प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफैक्ट’। अब देखते हैं आपके अंडों से कौन बच पाता है।
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