टूटने न दें रिश्तों की डोर
कोई भी रिश्ता परफैक्ट नहीं होता, उसे परफैक्ट बनाने के लिए कोशिश करनी पड़ती है। उतार-चढ़ाव हर रिश्ते में आते हैं। पर इससे परेशान होकर कोई ऐसा निर्णय लेना, जिसका असर ताउम्र आप पर पड़े, ठीक नहीं है। छोटी परेशानियों को बड़ा बनाने की जगह उनका हल निकालें, ताकि आपका रिश्ता हमेशा सलामत रहे...
हर रिश्ता उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरता है। जब ज़िंदगी में खुशियां रहती हैं तब तो सबकुछ ठीक रहता है लेकिन जब जीवन में मुश्किलों भरे पल आते हैं तो कई बार रिश्ते बिखर भी सकते हैं। कभी आप उनके बहुत करीब हो जाती हैं और कभी बहुत दूर। जब सब कुछ सही चल रहा होता है तब उनको देखते ही आपके चेहरे पर इतनी प्यारी सी स्माइल आ जाती है कि आपका प्यार आपकी आंखों में झलकने लगता है। लेकिन जब दिल में कोई गुस्सा-गिला होता है तो उनको एक पल प्यार से देखना भी गवारा नहीं होता।
प्यार भरे किसी भी रिश्ते में अलगाव का कोई एक कारण नहीं होता। छोटी-छोटी बहस या तकरार का रोज का किस्सा बन जाना, एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का एकदम भिन्न होना, धैर्य खो देना, शक करना और प्यार की कमी महसूस करना...ऐसे कई कारण हैं, जिनके चलते आपसी संबंधों में कड़वाहट और दरारें पनपने लगती हैं। एक सफल रिश्ते के लिए आपसी समझदारी, ईमानदारी और विश्वास बेहद जरूरी है, तभी हम तनाव और दुख के समय में भी आपस में अच्छे संबंध कायम रख सकते हैं।
प्यार भरे किसी भी रिश्ते में अलगाव का कोई एक कारण नहीं होता। छोटी-छोटी बहस या तकरार का रोज का किस्सा बन जाना, एक-दूसरे की पसंद-नापसंद का एकदम भिन्न होना, धैर्य खो देना, शक करना और प्यार की कमी महसूस करना...ऐसे कई कारण हैं, जिनके चलते आपसी संबंधों में कड़वाहट और दरारें पनपने लगती हैं। एक सफल रिश्ते के लिए आपसी समझदारी, ईमानदारी और विश्वास बेहद जरूरी है, तभी हम तनाव और दुख के समय में भी आपस में अच्छे संबंध कायम रख सकते हैं।
रिश्तों को समय दें
एक-दूसरे को समझने का वक्त निकालना सबसे महत्वपूर्ण है। कई बार रिश्तों को पर्याप्त समय न दे पाना भी इनमें दूरियां ले आता है। आपस में बैठकर बातचीत करने और अपने लगाव या प्रेम को सहज भाव से प्रदर्शित करने के मौके निकालने से भी रिश्तों में दूरियों को बढऩे से रोका जा सकता है।
खुद तक रखें बातें
यूं तो रिश्तों का आधार ही ईमानदारी है। किसी भी रिश्ते को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए रिश्तों में राज नहीं होने रखने चाहिए लेकिन यह फॉर्मूला हर बार सही नहीं होता। ऐसी बातें जिनसे आपके पार्टनर की टैंशन और स्ट्रैस बढ़े और जो बहुत अहम न हों, उन्हें खुद तक ही रखना बेहतर है।
कंट्रोल बनाए रखें
जब आप स्ट्रैस महसूस कर रहे हों तो खुद पर कंट्रोल मत खोइए। गुस्से में मुंह से निकला कड़वा शब्द आपके पार्टनर के दुख को बढ़ा देता है। जब भी कभी आप गुस्से या तनाव में हों तो उन पलों को याद करिए जो आपने एक साथ बिताए हैं और वे आप दोनों के लिए बेहद अहम हैं।
स्पेस दें
तनाव में व्यक्ति कई बार कुछ समय अकेला रहना चाहता है। हर किसी को एक पर्सनल स्पेस की जरूरत होती है। जब आपका पार्टनर स्ट्रैस्ड हो तो उन्हें थोड़ा ‘मी’ टाइम जरूर दें। तनाव में व्यक्ति कई बार कुछ समय अकेला रहना चाहता है। समय सबसे अच्छा डॉक्टर है, वक्त हर गम, हर तनाव भुला देता है। जर्बदस्ती उनके साथ रहने की कोशिश न करें लेकिन जब आपकी जरूरत हो तब आप उनका साथ दें।
रोती न रहें
मुश्किल में दुखी होना तो इंसानी फितरत है लेकिन इस पर काबू रखना भी जरूरी है। हर वक्त आप अपनी परेशानियों का रोना अपने पार्टनर के सामने न रोती रहें, इससे आप उनकी परेशानी को बढ़ाएंगी ही। अगर आपका पार्टनर कभी उदास दिखाई दे तो अपनी परेशानी का जिक्र न करके उनका मूड ठीक करने की जुगत लगाएं। उनकी खुशी का ध्यान रखें और उन्हें स्पैशल फील करवाएं। यह खास होने का अहसास उनसे आपको भी वैसे ही मिलेगा।
अडिय़ल रवैया न रखें
कुछ महिलाओं की आदत होती है कि वह अपने पार्टनर से हमेशा अपनी बात ही मनवाना चाहती हैं। लेकिन ध्यान रखें, उनकी भी अपनी पसंद-नापसंद होती है। इसलिए उन पर हमेशा अपनी मर्जी थोपने की कोशिश न करें। उनकी भावनाओं को भी समझें और उनकी बातें मानें भी। उनकी हर बात ध्यान से सुनें और उस पर विचार भी करें। याद रखें, लचीलापन और आपसी समझ आपके रिश्ते को दूर तक ले जाते हैं।
देखें मगर प्यार से
आपकी लुक्स से ही वो आपके दिल की बात जाने लेते हैं। अगर आप कुछ सेकंड्स के लिए भी उनकी आंखों में आंखें डालकर देखती हैं तो आपकी फीलिंग्स उनकी आंखों से होती हुई उनके दिल तक पहुंचने में देर नहीं लगातीं। इसलिए जब भी उनसे मुखातिब हों, हमेशा प्यार से मुस्कुराती रहें।
सलाह लें
हर रिश्ता समय के साथ बदलता है। आपकी जिंदगी में भी कभी मुश्किल दौर आ सकता है, ऐसे में किसी ऐसे शख्स से सलाह लें जो आपसे पहले उस दौर से गुजर चुका हो। उसके अनुभव का फायदा उठाएं। उसकी सलाह जरूर लें, पर याद रखें कि फैसला आपको खुद ही लेना है।
आज में जिएं
अगर कभी आप दोनों में कोई समस्या रही हो या पहले की कोई कड़वी याद हो तो उन बातों की चिंता छोड़ दें। बुरी यादें हमारा आज खराब कर देती हैं। वर्तमान सबसे अहम होता है। आज का एक-एक पल खास है और उसे एंजॉय करना सीखें। लेकिन इसका मतलब लापरवाही नहीं है। आज को एंजॉय करते समय आपको आने वाले कल का भी ध्यान रखना होगा। फ्यूचर की प्लानिंग करें लेकिन उससे आज को बर्बाद न होने दें।
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