दुर्गा के नौ रूपों की आराधना से शांत हो जाते हैं नवग्रहों के प्रकोप
आश्विन माह में आने वाले इन नवरात्रों को ‘शारदीय नवरात्र’ कहा जाता है। शारदीय नवरात्र की महिमा सर्वोपरि है। शरदकाले महापूजा क्रियते या च वाष्रेकी। दुर्गा सप्तशती के इस वचन के अनुसार शारदीय नवरात्र की पूजा वार्षिक पूजा होने के कारण महापूजा कहलाती है। यह भक्तों की आस्था और विश्वास का प्रतीक है। नौ दिनों तक चलने नवरात्र पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा का विधान है।
नवरात्र के इन प्रमुख नौ दिनों में लोग नियमित रूप से पूजा-पाठ और व्रत का पालन करते हैं। अनेक पौराणिक कथाओं में शक्ति की अराधना का महत्व व्यक्त किया गया है। एक पौराणिक कथानुसार महाराक्षस रावण का वध करने के लिए भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने शारदीय नवरात्र का व्रत किया था और तभी जाकर उन्हें विजयश्री की प्राप्ति हुई थी। दुर्गा पूजा के नौ दिन तक देवी दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ इत्यादि धार्मिक क्रिया कलाप संपन्न किए जाते हैं।
मां दुर्गा की उपासना करने से स्वर्ग जैसे भोग और मोक्ष जैसी शान्ति मिलती है। भगवती दुर्गा अपने भक्तों का वात्सल्य भाव से कल्याण करती है। नवरात्र के दिनों में चोरी, झूठ, क्रोध, ईष्र्या, राग, द्वेष एवं किसी भी प्रकार का छल नहीं करना चाहिए। तात्पर्य यह है कि मन, वचन एवं कर्म से किसी का दिल दु:खाना नहीं चाहिए। जहां तक सम्भव हो, दूसरों का भला करना चाहिए। मान्यता है कि नवरात्री में नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करने वाले पर से नवग्रहों के प्रकोप शांत हो जाते हैं और जीवन में सुख, शांति, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
शैलपुत्री – सूर्य
चंद्रघंटा – केतु
कुष्माण्डा – चंद्रमा
स्कन्दमाता – मंगल
कात्यायनी – बुध
महागौरी – गुरु
सिद्धिदात्री – शुक्र
कालरात्रि – शनि
ब्रह्मचारिणी – राहु
नवरात्र तिथि
पहला नवरात्र, प्रथमा तिथि, 25 सितंबर 2014, दिन बृहस्पतिवार
दूसरा नवरात्र, द्वितीया तिथि, 26 सितंबर 2014, दिन शुक्रवार.
तीसरा नवरात्र, तृतीया तिथि, 27 सितंबर 2014, दिन शनिवार.
चौथा नवरात्र, चतुर्थी तिथि, 28 सितंबर 2014, रविवार.
पांचवां नवरात्र , पंचमी तिथि , 29 सितंबर 2014, सोमवार.
छठा नवरात्र, षष्ठी तिथि, 30 सितंबर 2014, मंगलवार.
सातवां नवरात्र, सप्तमी तिथि, 1 अक्तूबर 2014, बुधवार
आठवां नवरात्र, अष्टमी तिथि, 2 अक्तूबर 2014, गुरूवार,
नौवां नवरात्र, नवमी तिथि, 3 अक्तूबर 2014, शुक्रवार
दशहरा, दशमी तिथि, 3 अक्तूबर 2014, शुक्रवार से प्रारंभ होकर शनिवार प्रात:काल तक रहेगी.
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