Thursday, September 18, 2014

फास्ट को ना बनाएं फीस्ट

फास्ट को ना बनाएं फीस्ट

नवरात्रों के दौरान ज्यादातर लोग धार्मिक कारणों से उपवास रखते हैं, लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं। व्रत शरीर को ऊर्जावान बनाता है। व्रत करने से शरीर में चुस्ती-फुर्ती बनी रहती है। पाचन तंत्र को भी व्रत के दिन आराम मिलता है। डाइटीशियन भी मानते हैं कि नवरात्रों के दौरान सही तरीके से उपवास रख कर महिलाएं अपनी सेहत को दुरुस्त कर सकती हैं। अगर आप नौ दिन तक उपवास कर रहे हैं, तो अपनी डाइट पर नियंत्रण रखें, ऐसी लौ कैलोरी डाइट लें, जो हैल्दी हो और स्वादिष्ट भी लगे ...


व्रत के दौरान दिनभर कुछ-न-कुछ खाते रहने से परहेज रखना चाहिए। उपवास का भी यही अर्थ है। उतना ही खाओ, जितना शरीर के लिए उपयोगी है। बहुत से लोग, उपवास इसीलिए रखते हैं ताकि अच्छा और सुस्वाद भोजन कर सकें, पर उपवास संयम सिखाता है। संयम इसलिए क्योंकि शरीर को स्वस्थ रखना है। डाइट की अनियमितता की वजह से अक्सर व्रत के दौरान कमजोरी, गैस्ट्रिक आदि समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

नवरात्र का नौ जड़ी बूटियों या ख़ास व्रत की चीजों से भी संबंध है, जिन्हें नवरात्र के व्रत में प्रयोग किया जाता है :

1. कुट्टू (शैलपुत्री)
2. दूध-दही (ब्रह्मचारिणी)
3. चौलाई (चंद्रघंटा)
4. पेठा (कूष्माण्डा)
5. श्यामक चावल (स्कन्दमाता)
6. हरी तरकारी (कात्यायनी)
7. काली मिर्च व तुलसी (कालरात्रि)
8. साबूदाना (महागौरी)
9. आंवला (सिध्दीदात्री)

यह आदत है खतरनाक

पहले जमाने में महिलाएं खूब शारीरिक श्रम करती थीं तब व्रत के दिन बनने वाले पकवान खाने के बावजूद अतिरिक्त कैलोरी की खपत हो जाया करती थी। लेकिन आज के दौर में ऐसा नहीं है। आज भी महिलाएं नवरात्र के उपवास में परंपरागत व्यंजन खाने का मोह नहीं त्याग पातीं, जबकि उनका शारीरिक श्रम काफी कम हो गया है।  नतीजा, व्रत का जैसा असर महिलाएं अपने शरीर में चाहती हैं, वैसा नहीं हो पाता। नौ दिनों में वे दोगुनी कैलोरी ले लेती हैं और पेट पर मोटापे का टायर पहले की तुलना में ज्यादा स्पष्ट दिखने लगता है।

महिलाएं व्रत में कम खाने और शरीर को डिटॉक्स करने यानी विषैले तत्वों से मुक्त करने के बजाय इसका उल्टा करती हैं। भले ही वे एक वक्त खाती हैं, लेकिन आहार जरूरत से ज्यादा कैलोरी युक्त होता है। यह शरीर में तत्काल ऊर्जा में नहीं बदलता, बल्कि शरीर में चर्बी के रूप में जमता चला जाता है।

व्रत में अन्न का सेवन वर्जित है, जिस कारण आमतौर पर महिलाओं में यह धारणा है कि व्रत के दिनों में बहुत ऊर्जा की जरूरत होती है, इसलिए वे व्रत के दौरान चाय, काफी का सेवन ज्यादा करने लगती हैं, इस पर नियंत्रण रखें।

व्रत के दौरान कैसा हो खानपान?

उपवास में डाइट ऐसी हो, जो तुरंत ऊर्जा दे और कैलोरी भी कंट्रोल में रहे। जो महिलाएं नवरात्र में पूरे नौ दिन का व्रत रखती हैं, वे कम मात्रा में और नियमित अंतराल पर फलों का सेवन करती रहें, ताकि शरीर को जरूरी ऊर्जा मिलती रहे। फलाहार में संतरा, अंगूर, केला, सेब, अनार आदि फल लिया जा सकता है। इससे शाम तक आप निढाल महसूस नहीं करेंगे।

व्रत में पकाए जाने वाले व्यंजनों में टेस्ट के साथ समझौता किए बिना सेहत की दृष्टि से थोड़ा-बहुत फेरबदल किया जाए।  तले भोजन पर टूटने से पहले दूसरे सेहतमंद विकल्प तलाश लें। कुट्टू के आटे के पकौड़ों व पूरियों की जगह कुट्टू की रोटी खाई जा सकती है। फ्राई किए हुए आलू की चाट की जगह उबले आलू की चाट और खीर की जगह दही व कटे फलों का रायता और सलाद खाया जा सकता है।

‘डीटॉक्सीफिकेशन’ के लिए एक दिन सिर्फ फलों का जूस और पानी पिया जाए। जूस में फ्रुक्टोस शुगर, खनिज और विटामिन होते हैं, लेकिन इनकी मात्रा उतनी नहीं होती, जितनी हमारे शरीर को इनकी जरूरत होती है। इसलिए आपको थोड़े-थोड़े अंतराल पर हल्का और सुपाच्य भोजन लेते रहना चाहिए।

व्रत करते समय पेय पदार्थों पर अधिक ध्यान देना चाहिए। इससे शरीर में पानी का संतुलन सही रहता है, ऊर्जा बनी रहती है। एक साथ खूब सारा पानी पीने की बजाय दिन में कई बार नींबू पानी पिएं। मिश्रीयुक्त नींबू पानी, लस्सी, जूस इस मामले में बढिय़ा है। दही, छाछ, लस्सी या दूध कम से कम एक टाइम जरूर लें। सुबह एक गिलास दूध पिएं, दोपहर के समय जूस लें और शाम को चाय पी सकती हैं।

व्रत के दौरान सुबह के समय हम जो डाइट लेते हैं, उसका बहुत महत्व है। सुबह की शुरूआत फल, फलों के जूस, पनीर, ड्राइ फ्रूट्स आदि से करें। ध्यान रखें कि आपकी डाइट में न तो बहुत अधिक मीठा हो और न ही अधिक नमक। सुबह के समय आलू के पकवान खाए जा सकते हैं। आलू में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में होता है। इनसे शरीर को एनर्जी मिलती है। रात के भोजन में सिंघाड़े के आटे से बने पकवान खा सकती हैं। ड्राई फ्रूट्स इंस्टेट एनर्जी के लिए लाभदायक होतेे हैं। बादाम और अखरोट इंस्टेंट एनर्जी व अच्छे कोलेस्ट्रॉल के लिए उत्तम माने जाते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान


  • कई लोग व्रत के दौरान एक ही बार भोजन करते हैं। पूरे दिन भूखा रहने और रात में हैवी खाना खाने से बेहोशी आना, चक्कर आना, सिरदर्द होना, कमजोरी महसूस करना आदि समस्याएं शुरू हो जाती हैं। ऐसे में पूरे दिन निश्चित अंतराल पर फल, सलाद, दही, श्रीखंड, फ्रूट चाट, खट्टे आलू लेने चाहिए।
  • जहां तक संभव हो निर्जला उपवास न करें। इससे सरीर में पानी की कमी हो जती है और अपशिष्ट पदार्थ शरीर के बाहर नहीं आ पाते। इससे पेट में जलन, कब्ज, संक्रमण और पेशाब में जलन जैसी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
  • व्रत की शुरूआत में भूख काफी लगती है ऐसे में नींबू- पानी पिया जा सकता है। इससे भूख को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। कच्चे नारियल का पानी भी उपवास की दृष्टि के फायदेमंद है। 
  • ज्यादातर लोगों को उपवास में कब्ज की शिकायत हो जाती है। इसलिए व्रत करने से पहले त्रिफला, आंवला, पालक का सूप या करेले के रस इत्यादि का सेवन करें। इससे पेट साफ रहता है।
  • व्रत के दौरान अधिक बातचीत न करें। अधिक समय मौन धारण करें।

डॉक्टर की लें सलाह

बीमार लोगों को डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उपवास रखना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को भी उपवास के दौरान अपेक्षाकृत अधिक सावधानियां बरतनी चाहिए।अगर सेहतमंद तरीके से व्रत करेंगे तो व्रत के दौरान व व्रत के बाद तकलीफ नहीं होगी। डायबिटीज के रोगी को अधिक मीठे फल, आलू, मिठाइयां आदि खाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल, इन सभी चीजों में शूगर की मात्रा अधिक होती है। वे भूखे भी न रहें, क्योंकि शरीर में ग्लूकोज की मात्रा घटने से भी परेशानियां पैदा होने लगती हैं। उन्हें दिन में कई बार थोड़ी मात्रा में हल्की डाइट लेनी चाहिए। वे व्रत के दौरान सिंघाड़े के आटे या साबूदाने के बजाय लौकी, कद्दू, फल आदि लें जिससे उनका शुगर लेवल न बढ़े। 

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