Friday, December 27, 2013

ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न

ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न


पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव का जन्म अमावस्या तिथि की ही शुभ घड़ी में हुआ था। इसलिए हिन्दू पंचांग के हर माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर शनि भक्ति बड़ी संकटमोचक होती है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो शनि ढैय्या, साढ़े साती, महादशा या कुण्डली में बने शनि के बुरे असर दु:ख, दारिद्र, कष्ट, संताप, संकट से जूझ रहे हों।  शनि का शुभ प्रभाव अध्यात्म, राजनीति और कानून संबंधी विषयों में दक्ष बनाता है।

शास्त्रों पर गौर करें तो शनिदेव का चरित्र मात्र क्रूर या पीड़ादायी ही नहीं, बल्कि मुकद्दर संवारने वाले देवता के रूप में भी प्रकट होता है। शनिदेव कर्म व फल के स्वामी हैं। हिंदू धर्म ग्रंथों में शनिदेव को न्यायाधीश कहा गया है अर्थात अच्छे कर्म करने वाले को अच्छा तथा बुरे कर्म करने वाले को इसका दंड देने के लिए शनिदेव सदैव तत्पर रहते हैं। इसका निर्णय भी शनिदेव अन्य सभी देवों से जल्दी व त्वरित गति से करते हैं। यही कारण है कि गलत काम करने से लोग शनिदेव से डरते हैं।

कहते हैं शनि की कृपा राजा को रंक और रंक को राजा बना सकती है। लेकिन शनि देव इंसान के कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। शनि की अनुकंपा पानी हो तो अपना कर्म सुधारें, आपका जीवन अपने आप सुधर जायेगा। शनिदेव दुखदायक नहीं, सुखदायक हैं। अच्छा करने वालों की सुरक्षा भी शनिदेव करते हैं। शनिदेव का व्रत एवं पूजन करने से वह प्रसन्न हो जाते हैं। शनि देव की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और शनि की दशा के समय उनके भक्तों को कष्ट की अनुभूति नहीं होती है।

  • शनि मन्त्र ॐ शनैश्वराय नम का जाप करें।

  • शनिवार को पीपल पर जल व तेल चढ़ाना, दीप जलाना, पूजा करना या परिक्रमा करना अति शुभ होता है। इससे शनिदेव जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्त की इच्छापूर्ति करते हैं।

  • प्रत्येक शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने तथा शनिदेव के दर्शन कर तेल चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।

  • शनिदेव को शांत करने के लिए दान का विधान है। शनि की प्रसन्नता के लिए काले रंग की वस्तुएं जैसे काला कपड़ा, काले तिल,  काली उड़द, लोहा, काले वस्त्र, काले कंबल, छाता का दान या चढ़ावा शुभ होता है।

  • शनिवार को अखंड नारियल नदी में प्रवाहित करने से शांति मिलती है। 

  • शनिदेव के मंदिर के बाहर पुराने जूते और वस्त्रों का त्याग करना भी फायदा देता है।

  • तेल से बने परांठे पर कोई मीठा पदार्थ रखकर गाय के बछड़े को खिलाएं। यह छोटा और बहुत ही कारगर उपाय है। 

  • किसी कुत्ते को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं। कुत्ता शनिदेव का वाहन है और जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं।

  • काली चींटियों को गु़ड़ एवं आटा खिलाएं।

  • शनिवार या शनिश्चरी अमावस्या के दिन सूर्यास्त के समय जो भोजन बने उसे पत्तल में लेकर उस पर काले तिल डालकर पीपल की पूजा करें और नैवेद्य लगाएं। यह भोजन काली गाय या काले कुत्ते को खिला दें।

  • काले रंग का वस्त्र धारण करें।

  • शनिदेव का व्रत रखने से भी शनि प्रसन्न होते हैं। अगर व्रत न कर सकें तो मांसाहार व मदिरापान नहीं करना चाहिए और संयमपूर्वक प्रभु स्मरण करना चाहिए।

  • शनि को अनुकूल करने के लिये नीलम रत्न धारण करना प्रभावी माना गया है।

  • काले घोड़े की नाल का छल्ला मध्यमा अंगुली में धारण करें।

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