भाजपा में मतभेद हैं, पर मनभेद नहीं: विनीत जोशी
भाजपा के नौजवान नेता और पंजाब सरकार के असिस्टेंट मीडिया एडवाइजर विनीत जोशी से आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा अकालीदल गठबंधन की कारगुजारी, पार्टी में बढ़ती गुटबंदी, शहरियों पर बढ़े टैक्सों, पार्टी में महिलाओं की स्थिति पर मीनाक्षी गांधी ने उनसे बात की...
* अगले साल लोकसभा के चुनाव हैं, आपके मुताबिक लोकसभा चुनाव में अकाली-भाजपा गठबंधन की क्या कारगुजारी रहेगी? इन चुनावों में पंजाब में कितनी लोकसभा सीटें हासिल करने में कामयाब रहेंगे?
* पंजाब की एक ही लोकसभा सीट भाजपा के पास है अमृतसर की... यहां नवजोत सिंह सिद्धु की सुखबीर बादल से नहीं बन रही। ऐसे में शहर के विकास के काम रुके पड़े हैं। शहरी वोटर जो आपका परम्पराग वोकबैंक है, वो आपको वोट क्यों देगा?
— सिद्धु जी की लड़ाई विकास को लेकर नहीं है। उनकी लड़ाई सांसद कोष को लेकर थी। वो भी अब सुलझ चुकी है।
* जालंधर में मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर में एक साल में पांच छह बार लड़ाई हो गई है और वो भी विकास को लेकर नहीं, आपसी अहम को लेकर. अभी भी वे एक दूसरे से खफा चल रहे हैं ऐसे में शहर का विकास कैसे होगा... सड़कें टूटी पड़ी हैं, जगह जगह कूड़े के ढेर लगे हैं... लोग नाराज हैं आपकी पार्टी से... नेताओं में भी गुटबाजी चल रही है...
— पार्टी में गुटबाजी नहीं है। मतभेद हैं पर मनभेद नहीं हैं। हमारी पार्टी में सभी वर्गों और तबकों के लोग हैं, ऐसे में विचारों की भिन्नता लाज़मी ही है। लेकिन इसके बावजूद सभी लोग मिलकर पार्टी और लोगों के हित के लिए काम कर रहे हैं।
* अकाली भाजपा सरकार की कारगुजारी से भाजपा के वोटर बेहद हताश हैं। क्या आप सिर्फ नरेंद्र मोदी के नाम पर जीतने की उम्मीद कर रहे हैं?
— मोदी जी का नाम तो है ही, पर साथ ही हमारा काम भी है। पंजाब में हमारे मंत्री और विधायक लगातार लोगों की सेवा में लगे हए हैं। पहले भी वोटर ने हमें हमारे काम के लिए हमें वोट दिए और अब भी उम्मीद है कि वो हमें ही चुनेंगे।
* शहरी वोटर को आपने टैक्सों के बोझ के नीचे इस कदर दबा दिया है कि उसका सांस तक ले पाना मुश्किल हो रहा है। प्रॉपर्टी टैक्स से लोग परेशान हैं। शहर में लोगों को मूलभूत सुविधाएं तो मिल नहीं पा रहीं, ऐसे में टैक्सों का लगातार बढ़ता बोझ... आप सरकार में रहकर जिन शहरियों के हितों को अनदेखा कर रहे हैं क्या उनसे वोट पाने की उम्मीद आपको करनी चाहिए?
— हमारा वोटर शहरी भी है और ग्रामीण भी। पंजाब में हम 23 सीटों से चुनाव लड़ते हैं, इनमें से कुछेक सीटें ही ऐसी हैं जहां शहर वोटर ज्यादा है। बाकी पर ग्रामीण वोटर बहुसंख्या में हैं। यह आरोप सही नहीं है कि हम शहरी वोटर की अनदेखी कर रहे हैं। लोगों का पैसा लोगों के ही विकास पर खर्च होगा।
* सुखबीर बादल कहते हैं कि पंजाब में बिजली सरप्लस हो जाएगी, पर अभी भी कट्स लगने बंद नहीं हुए हैं... मौजूदा इंडस्ट्री को देने के लिए सरकार के पास बिजली नहीं है, इंडस्ट्री राज्य से बाहर पलायन कर रही है। ऐसे में नई इंडस्ट्री राज्य में कैसे आ पाएगी और इंडस्ट्री की तरक्की के बगैर राज्य की उन्नति कैसे होगी?
— पंजाब में दिसंबर तक बिजली का आपूर्ति बढ़ जाएगी। इस बार गर्मियों में बिजली का कोई कट नहीं लगेगा। उद्योगों को राहत देने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसी के चलते कई बड़े उद्योगिक घराने पंजाब में नए उद्योग लगा रहे हैं। उनके यहां आने से राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
* स्टील इंडस्ट्री पंजाब सरकार द्वारा पांच फीसदी एंट्री टैक्स लगाए जाने से नाराज है। पड़ोसी राज्य हरियाणा और यूपी में एक फीसदी एंट्री टैक्स है ऐसे में पंजाब की इंडस्ट्री इनके साथ प्रतिस्पर्धा कैसे कर पाएगी?
— ई ट्रिप या एडवांस टैक्स कोई नया टैक्स नहीं है बल्कि टैक्स प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए ये कदम उठाए गए हैं। ई ट्रिप लागू होने के बाद कारोबार में किसी तरह का नुकसान नहीं हो रहा। ई ट्रिप तो आनलाइन व्यवस्था है जिसके तहत व्यापारी ने अपने बेचे गए सामान की जानकारी देनी है। यह आसान है। एडवांस टैक्स, प्रापर्टी टैक्स और प्लाट रेगुलराइजेशन से आने वाली आमदनी से शहरी विकास किया जाएगा।
* भाजपा लोकसभा और विधानसभा चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण की बात तो करती है, लेकिन कभी भी महिलाओं को संगठन और चुनावों में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया। क्या आपको नहीं लगता कि पंजाब के मौजूदा मंत्रिमंडल में किसी महिला को भी जगह दी जानी चाहिए थी?
— हम चाहते हैं कि महिलाएं राजनीति में आगे आएं। संगठन में हर स्तर पर महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जा रहा है। यह सिर्फ भाजपा ही है जिसमें महिलाओं को संगठन में 33 फीसदी सीटें दी गई हैं।
* क्या इस बार तीन में से एक सीट पर किसी महिला को टिकट दिया जाएगा?
— जो भी डिसर्विंग कैंडिडेट होगा, टिकट उसे ही मिलेगी। अगर कोई महिला उम्मीदवार मिल जाए, तो टिकट उसे भी दिया जा सकता है।
* क्या आपको नहीं लगता कि आपकी पार्टी के वरिष्ठ नेता महिलाओं को उचित सम्मान नहीं दे पाते। तहलका मामले को ही लें...एक महिला को हक दिलवाने के नाम पर दूसरी महिला के घर के बाहर प्रदर्शन करना और वो भी तब जब उस पर कोई दोष ना हो?
— विजय जॉली जी कई एनजीओ के साथ जुड़े हैं। उनकी ओर से उन्होंने विरोध दर्ज करवाया है। यह बीजेपी का नज़रिया नहीं है। खुद बीजेपी ने भी इसकी निंदा की है। जॉली जी ने भी अपनी इस हरकत पर माफी मांग ली है। वैसे यह भी सच है कि शोमा चौधरी लगातार बलात्कार कांड में फंसे तरुण तेजपाल को बचाने की कोशिश कर रही हैं।
http://www.punjabkesari.in/news/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%9C%E0%A4%AA%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A4%A4%E0%A4%AD%E0%A5%87%E0%A4%A6-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A4%A8%E0%A4%AD%E0%A5%87%E0%A4%A6-%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82-%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%A4-%E0%A4%9C%E0%A5%8B%E0%A4%B6%E0%A5%80-194531
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