Friday, September 6, 2013

इम्यूनिटी बढ़ाएं प्रोटेक्टिव फूड्स

इम्यूनिटी बढ़ाएं प्रोटेक्टिव फूड्स

फल, सब्ज़ियां, दालें, गेहूं, नट्स और ऑयल सीड्स हमें तंदुरुस्त रहने में मदद करते हैं, इम्यूनिटी बढ़ाते हैं और रोगों के संक्रमण से मुक्ति दिलाते हैं। इन्हें ‘प्रोटेक्टिव फूड्स’ के नाम से जाना जाता है...


आंवला: आंवला विटामिन-सी से भरपूर होता है। यह अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद करता है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रखता है और हार्ट डिसीज़ से बचाव करता है।

संतरा: इसमें विटामिन ए और सी पाए जाते हैं। यह ब्रेस्ट कैंसर, पेट के कैंसर और पैक्रियाज़ के कैंसर से बचाने में मददगार है। अस्थमा के मरीज़ के लिए यह काफी लाभकारी है।

तरबूज़: इसमें मौजूद  लिकोपिन नामक एंटी-ऑक्सिडेंट की हेल्प से आपका शरीर रेडिकल फ्री रहता है। नहीं तो इन रेडिकल्स की वजह से कैंसर होने का खतरा रहता है। तरबूज़ से बॉडी को प्रोटीन व फैट भी मिलता है। इसके बीजों में प्रोटीन, मिनरल्स और एसेंशियल फैट्टी एसिड्स की भरपूर मात्रा होती है। इसके बीज ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसके बीजों से निकले सफेद दूध को सूप, सब्ज़ी या ग्रेवी में डालकर इस्तेमाल करने से दिल के रोगों से बचाव होता है।

केला: केला एसिडिटी और अल्सर को दूर करने में मददगार होता है। यह पोटाशियम का बढिय़ा स्रोत है।

पपीता: पपीता शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और पेट की विभिन्न बीमारियों से बचाता है।

हरी पत्तेदार सब्ज़ियां: इनमें खनिज पदार्थ जैसे विटामिन ए, बी, सी, के और  कैल्शियम, मेग्नीशियम, आयरन, प्रोटीन व फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।

बंदगोभी और फूलगोभी: ये दोनों सब्ज़ियां  विटामिंस, आयरन, सल्फर और फाइबर का अच्छा ज़रिया हैं। ये हमें फेफड़ों के कैंसर से बचाती हैं।

गाजर: यह बीटा-कैरोटीन व विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और फेफड़ों व मुंह के कैंसर से भी रक्षा करता है।

अदरक: यह पाचन क्रिया में बहुत मददगार है और गैस की समस्या से बचाता है। गठिया में सूजन होने पर अदरक का सेवन बहुत लाभकारी है। 

लहसुन: यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है, ट्यूमर बनने से रोकता है। यह एंटीऑकसीडेंट है, यानी फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकता है। घाव भरने में भी यह मददगार है।

चूकंदर: चूकंदर में बीटेन नामक पदार्थ पाया जाता है, जो खून, जिगर और आंतों के लिए लाभकारी है। फैट को पचाने में भी यह मददगार है। यह होमोसीसटीन के लैवल को खून में बढऩे से रोकता है, जो हार्ट के लिए घातक है।

हल्दी: हल्दी में सरक्यूमिंस नामक पदार्थ पाए जाते हैं, जो कैंसर को रोकते हैं। यह बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार है। इंफैक्शन, सूजन या घाव पर लगाने से यह उस जगह किटाणु व जीवाणु को पनपने से रोकती है और घाव जल्दी भरने में मदद करती है।

मेथी दाना: इसमें 50 फीसदी फाइबर होता है। यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राईगलिस्राइड की मात्रा कम करता है, जिससे हार्ट डिसीज़ होने का खतरा कम होता है। डायबिटीज़ के रोगियों के लिए भी यह काफी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें एल्कालॉयड नामक पदार्थ पाया जाता है, जो खून में ग्लूकोज़ की मात्रा को घटाता है।

तिल: शाकाहारी लोगों के लिए यह एक मात्र ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का स्रोत है। 

नट्स: नट्स विटामिन-इ और सिलेनियम का अभिन्न स्रोत हैं। ये हार्ट डिसीज़ से भी बचाते हैं। इसमें एसैंशियल फैट्टी एसिड्स भी पाए जाते हैं।

प्याज़: यह कंजैशन क्लीयर करने में मददगार है और पेट में ज्यादा म्यूकस बनने से रोकता है।

मसाले: धनिया, अजवाइन और जीरा पेट की परेशानियों और बदहज्मी से बचाता है। दांत के दर्द में लौंग लाभकारी होता है। सौंफ पेट दर्द में लाभकारी है। दालचीनी ज्यादा ब्लड क्लॉटिंग को रोकती है और इंसुलिन बनाने में मदद करती है। 

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